Soybean Farming Tips: सोयाबीन बुवाई से पहले जरूर करें बीजों का उपचार, फसल में नहीं होगी बीमारी-कीटों की समस्‍या

Soybean Farming Tips: सोयाबीन बुवाई से पहले जरूर करें बीजों का उपचार, फसल में नहीं होगी बीमारी-कीटों की समस्‍या

Soybean Seed Treatment: इस साल अच्छी बारिश की उम्मीद के साथ सोयाबीन की खेती में तेजी आएगी. कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को बीज उपचार की सलाह दी है ताकि शुरुआती अवस्था में फसल की सुरक्षा हो. जैविक और रासायनिक दोनों तरीके से बीज उपचार करने से पौध संख्या अच्छी होती है और रोगों से बचाव होता है.

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सोयाबीन बुवाई से पहले जरूर करें बीजों का उपचार, फसल में नहीं होगी बीमारी-कीटों की समस्‍यासोयाबीन के बीज उपचार के तरीके (सांकेत‍िक तस्‍वीर)

मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, इस साल भारत में मॉनसून सीजन के दौरान अच्‍छी बारिश की उम्‍मीद है. इससे खरीफ सीजन की फसलों को काफी फायदा होने की उम्‍मीद है. वहीं, इस सीजन में तिलहन फसल सोयाबीन की खेती भी प्रमुख रूप से की जाती है. देश में सबसे ज्‍यादा सोयाबीन उत्‍पादन वाले राज्‍य मध्‍य प्रदेश, महराष्‍ट्र और राजस्‍थान हैं. वहीं, कुछ अन्‍य राज्‍यों में भी इसकी खेती की जाती है. ऐसे में किसानों को सलाह दी जाती है कि‍ वे सोयाबीन की बुवाई के लिए क्षेत्र की जलवायु के अनुकूल किस्‍मों को चुनें और बुवाई के पहले बीजों का उपचार जरूर करें.

आज हम आपको सोयाबीन के बीजों को रासायनिक और जैव‍िक दोनों तरीकों से बीजों के उपचार के तरीके बता रहे हैं. सोयाबीन के उपचारित बीजों की बुवाई करने पर फसल की शुरुआती अवस्था (स्‍टेज) में में बीमारी और कीटों से फसल का बचाव होता है. साथ ही ऐसा करने से उपयुक्त पौध संख्या भी मिलती है. 

सोयाबीन के बीज उपचार के तरीके

सोयाबीन का जैविक बीज उपचार: कृषि वैज्ञानिक के अनुसार, किसानों को सोयाबीन बुवाइ के समय बीजों को जैविक कल्चर बेडी राइजोबियम+पीएसएम प्रत्येक को 5 ग्राम प्रति किग्रा बीज की दर से इस्‍तेमाल करने की सलाह दी जाती है. वहीं, किसान रासायनिक फफूंदनाशक की जगह जैविक फफूंदनाशक' ट्राइकोडर्मा विरडी 10 ग्राम प्रति किग्रा बीज का इस्‍तेमाल कर सोयाबीन के बीजों को उपचारि‍त कर सकते हैं. इसका प्रयोग जैविक कल्चर के साथ मिलाकर किया जा सकता है. किसानों को सलाह  है कि वे बीजोपचार और टीकाकरण में एक निश्चित क्रम फफूंदनाशक- कीटनाशक- जैविक कल्चर का अनुपालन कर बीजोपचार करें. 

सोयाबीन का रासायनिक बीज उपचार

कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार, किसानों को सलाह दी जाती है कि वे सोयाबीन बीजों के उपचार के लिए फफूंदनाशक एजोक्सीस्ट्रोबिन 2.5 प्रतिशत + थायोफिनेट मिथाइल 11.25 प्रतिशत + कीटनाशक थायोमिथाक्जाम 25 प्रतिशत एफ.एस. (10 मिली/किग्रा) का इस्‍तेमाल करें.

इन रसायनों का इस्‍तेमाल भी कर सकते हैं किसान

इसके अलावा किसान सिफारिश की गई फफूंदनाशक पेनफ्लूफेन ट्राइफ्लॉक्सीस्ट्रोब नि 38 एफ.एस. (0.8-1.0 मिली / किग्रा) बीज या कार्बोक्सिन 37.5 प्रतिशत थाइरम 37.5 प्रतिशत (3 ग्राम/किग्रा) बीज या कार्बेन्डाजिम 25 प्रतिशत + मैन्कोजेब 50 प्रतिशत डब्ल्यूएस (3 ग्राम / किग्रा) बीजों का उपचार कर सकते हैं.

इसके बाद बीजों को कुछ देर छाया में सुखाएं. इसके बाद अनुशंसित कीटनाशक थायोमिथाक्जाम 30 एफएस (10 मिली/किग्रा) बीज या इमिडाक्लोप्रिड 48 एफएस (1.25 मिली/किग्रा) बीज की दर से बीजों को उपचार करें. इसके बाद किसान बीजों की बुवाई कर सकते हैं. 

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