Explainer: क्या है यूपी का कृषि कुंभ जिसमें प्रदेश की इकोनॉमी को दी जाएगी तेज रफ्तार, इन मुद्दों पर होगी चर्चा

Explainer: क्या है यूपी का कृषि कुंभ जिसमें प्रदेश की इकोनॉमी को दी जाएगी तेज रफ्तार, इन मुद्दों पर होगी चर्चा

उत्तर प्रदेश सरकार का प्रयास है कि कृषि कुंभ 2.0 के आयोजन से किसानों को अधिक से अधिक लाभ हो. इस तरह के आयोजन से किसानों को नई-नई तकनीक सीखने का मौका मिलता है जिसे अपना कर किसान उत्पादन बढ़ा सकते हैं और उनकी कमाई भी बढ़ेगी.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ              फाइल फोटोउत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ फाइल फोटो
क‍िसान तक
  • Lucknow,
  • Oct 03, 2023,
  • Updated Oct 03, 2023, 2:25 PM IST

उत्तर प्रदेश में कृषि और किसानों के विकास के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार लगातार प्रयास कर रही है. इसके तहत कई बड़े कदम भी उठा रही है और योजनाएं भी चला रहीं है जिसका लाभ किसानों को मिल रहा है. बेहतर योजनाएं लागू होने से किसानों की आय बढ़ी है. किसानों और कृषि को और बेहतर बनाने के लिए योगी सरकार ने कृषि कुंभ 2.0 का आयोजन करने का फैसला किया है. इसे लेकर जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि कृषि कुंभ का आयोजन दिसंबर के दूसरे सप्ताह में किया जा सकता है. इसे एक ग्लोबल इवेंट की तरह आयोजित किया जाएगा. 

राज्य सरकार का प्रयास है कि कृषि कुंभ 2.0 के आयोजन से किसानों को अधिक से अधिक लाभ हो. इस तरह के आयोजन से किसानों को नई-नई तकनीक सीखने और देखने का मौका मिलता है जिसे अपना कर किसान उत्पादन बढ़ा सकते हैं और उनकी कमाई भी बढ़ेगी. इसमें देश विदेश की कृषि तकनीकों के अलावा कृषि की नई पद्धतियों के बारे में जानकारी दी जाएगी. इससे पहले का कृषि कुंभ 2018 में आयोजित किया गया था. कृषि कुंभ 2.0 की तैयारियों की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाश ने कहा कि राज्य के हर जिले के साथ-साथ देश के हर राज्य को कृषि क्षेत्र में हो रहे सर्वोत्तम प्रथाओं का प्रदर्शन करते हुए उत्तर प्रदेश कृषि कुंभ 2.0 में भाग लेना चाहिए.

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आधुनिक तकनीक की मिलेगी जानकारी 

कृषि कुंभ 2.0 सम्मेलन का मुख्य कार्यक्रम लखनऊ के भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान में होगा और कर्टेन रेजर का आयोजन दिल्ली में किया जाएगा. जाहिर सी बात है कि कृषि के क्षेत्र में हो रहे इस बड़े कार्यक्रम से प्रदेश के किसान लाभन्वित होंगे. उन्हें ड्रोन के इस्तेमाल और फायदे, एकीकृत कृषि प्रणाली, समेकित कृषि प्रणाली, बागवानी क्षेत्र में नए प्रयोगों के साथ साथ-साथ पशु संरक्षण और रेशम उद्योग जैसे तमाम चीजों की जानकारी मिल जाएगी. कृषि कुंभ 2.0 में इन विषयों पर सेमिनार का आयोजन किया जाएगा, जिसमें इस क्षेत्र के एक्सपर्ट शामिल होंगे और अपना अनुभव साझा करेंगे. इसका फायदा उत्तर प्रदेश के अलावा देश के अन्य राज्यों के किसानों को भी मिलेगा. इस आयोजन के जरिए किसानों को कृषि के क्षेत्र में हो रहे नए प्रयोगों के बारे में जानकारी मिल सकेगी. साथ ही बीज से लेकर बाजार तक के लिए अपनाई जा रही नई तकनीक की जानकारी मिलेगी. 

विदेशों में हो रहे नए प्रयोग को जानेंगे किसान

कृषि कुंभ 2.0 में दो लाख से अधिक किसान शामिल हो सकते हैं. इसके अलावा 10 भागीदार देशों में 500 से अधिक नेशनल और इंटरनेशनल कंपनियों के साथ साथ संस्थाओं के प्रतिनिधि शामिल हो सकते हैं. उल्लेखनीय है कि भारत के अलावा दुनिया के अन्य देशों जैसे 'जापान, इजराइल, क्रोएशिया, पोलैंड, पेरू, जर्मनी, अमेरिका, फिलीपींस, दक्षिण कोरिया और इंडोनेशिया में कृषि के क्षेत्र में नए प्रयोग किए जा रहे हैं. इन देशों के दूतावासों में संपर्क करके इन देशों को भी कृषि कुंभ में भागीदार बनाया जाएगा ताकि देश के किसान वहां की तकनीकों के बारे में जानकारी हासिल कर सकें. 

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प्राकृतिक खेती से लेकर मोटे अनाज तक की चर्चा

कृषि 2.0 में कई मह्तवपूर्ण पहलुओं का चर्चा होगी. इसमें मिट्टी और इंसानों की सेहत को ध्यान में रखते हुए गौ-आधारित प्राकृतिक खेती, जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का समाना करने की तैयारी, खेती में लागत कम कैसे करें, एफपीओ आधारित कृषि और व्यवसाय, खाद्य उत्पादन बढ़ाने जैसी कई चीजों पर विशेषज्ञ चर्चा करेंगे. इससे किसानों को लाभ होगा. इतना ही नहीं, कृषि 2.0 में पराली प्रबंधन पर चर्चा होगी और उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में कृषि के योगदान पर विचार विमर्श किया जाएगा. श्री अन्न को बढ़ावा देने केल लिए ज्वार, बाजरा, मडुआ, सावां, कोदो, काकुन, कुटकी, छेना, कुट्टू और रामदाना जैसे स्वादिष्ट और पौष्टिक बाजरा की विशेषताओं से परिचित कराने के लिए अक्टूबर में एक राज्य स्तरीय कार्यशाला आयोजित की जाएगी.


 

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