किसानों को MSP पर लीगल गारंटी देगी आंध्र प्रदेश सरकार, उल्लंघन पर 1 लाख तक का होगा जुर्माना

किसानों को MSP पर लीगल गारंटी देगी आंध्र प्रदेश सरकार, उल्लंघन पर 1 लाख तक का होगा जुर्माना

एमएसपी को लेकर पंजाब हरियाणा सहित देश भर के किसान एक बार फिर एकजुट होते दिखाई दे रहे हैं. वहीं आंध्र प्रदेश किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) सुनिश्चित करने के लिए एक कानून बनाने जा रहा है, जिसमें डिफॉल्टरों के लिए जेल की सजा सहित भारी जुर्माने का प्रावधान है.

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किसानों को MSP पर लीगल गारंटी देगी आंध्र प्रदेश सरकार, उल्लंघन पर 1 लाख तक का होगा जुर्मानाएमएसपी सुनिश्चित करने के लिए ड्राफ्ट बिल तैयार

आंध्र प्रदेश सरकार किसानों को खुश करने के लिए बड़ा कदम उठाने जा रही है. जानकारी के मुताबिक आंध्र प्रदेश सरकार किसानों को एमएसपी गारंटी देने का प्रावधान ला रही है. इसके तहत डिफॉल्टरों को कड़ी से कड़ी सजा भी दी जाएगी. ड्राफ्ट बिल किए मुताबिक कोई भी व्यक्ति जो एमएसपी से नीचे फसलों की खरीद करेगा उसके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा. पहली बार उल्लंघन पर उसके खिलाफ 50,000 रुपये का जुर्माना लगेगा. दूसरी और उसके बाद के उल्लंघन के मामले में, छह महीने तक की कैद या 1 लाख रुपये का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं. नियंत्रण अधिकारी के समक्ष दस्तावेज़ प्रस्तुत न करने पर 10,000-50,000 रुपये के बीच जुर्माना और तीन महीने की जेल की सज़ा हो सकती है.

एमएसपी को लेकर पंजाब हरियाणा सहित देश भर के किसान एक बार फिर एकजुट होते दिखाई दे रहे हैं. वहीं आंध्र प्रदेश किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) सुनिश्चित करने के लिए एक कानून बनाने जा रहा है, जिसमें डिफॉल्टरों के लिए जेल की सजा सहित भारी जुर्माने का प्रावधान है.

MSP सुनिश्चित करने के लिए सरकार ला रही कानून!

राज्य के कृषि और सहयोग, विपणन और खाद्य प्रसंस्करण मंत्री काकानी गोवर्धन रेड्डी ने बताया, "हम हाल ही में समाप्त हुए विधानसभा सत्र में कानून लाना चाहते थे, लेकिन ऐसा नहीं कर सके क्योंकि हम यह सुनिश्चित करना चाहते थे इसके लिए उचित मेहनत किया जाए." आंध्र प्रदेश से पहले, महाराष्ट्र, पंजाब और राजस्थान जैसे राज्यों ने एमएसपी सुनिश्चित करने के लिए विधायी व्यवस्था की है लेकिन बहुत सीमित तरीके से. कृषक समुदाय की ओर से कानूनी गारंटी की जोरदार मांग उठ रही है.

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वर्तमान में इन फसलों पर दी जा रही MSP

वर्तमान में, केंद्र सरकार कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) की सिफारिशों के आधार पर 22 फसलों के लिए एमएसपी और एक फसल के लिए एफआरपी (उचित और लाभकारी मूल्य) घोषित करती है. इन फसलों में सात अनाज (धान, गेहूं, मक्का, ज्वार, बाजरा, जौ और रागी), पांच दालें (चना, अरहर, मूंग, उड़द, मसूर), सात तिलहन (मूंगफली, रेपसीड-सरसों, सोयाबीन, तिल, सूरजमुखी) शामिल हैं. , कुसुम, निगरसीड), और चार कैश क्रॉप (खोपरा, गन्ना, कपास और कच्चा जूट). हालाँकि, कृषि राज्य का विषय है और राज्यों के पास केंद्र द्वारा घोषित एमएसपी से अधिक एमएसपी देने की शक्ति है. कृषि संबंधी मुद्दों पर राज्य भी कानून बना सकते हैं.

ड्राफ्ट बिल एमएसपी को किसानों की उपज के संबंध में इस अधिनियम के तहत सरकार द्वारा अधिसूचित मूल्य के रूप में परिभाषित करता है, जो उसी उपज के लिए केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित मूल्य, यदि कोई हो, से कम नहीं होगा. मसौदा विधेयक में प्रस्ताव है कि इस अधिनियम के तहत अधिसूचित एमएसपी ऐसे किसानों की उपज के संबंध में राज्य में हर लेनदेन पर लागू होगा, चाहे ऐसा लेनदेन बाजारों, सहकारी समितियों और किसी अन्य सामूहिक गतिविधियों/लेनदेन में हो.

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