पारंपरिक खेती में किसानों बहुत कम ही लाभ हो रहा है. ऐसे में जरूरी है कि किसान अब आधुनिक खेती को ओर रुख करें. मॉडर्न फार्मिंग में सबसे मुनाफे वाली और सबसे ज्यादा मांग में रहनी वाली खेती है औषधीय फसलें. इसी को बढ़ाने के लिए भारत सरकार कई सारी अलग-अलग योजनाएं चलाती है. इन योजनाओं के जरिए किसान औषधीय खेती पर 50 प्रतिशत तक सब्सिडी और सहायता पा सकते हैं. आज हम आपको औषधीय पौधों की खेती पर सब्सिडी लेना का तरीका विस्तार से बता रहे हैं.
औषधीय पौधों की खेती के लिए केंद्र सरकार के राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड (NMPB) की ओर से मदद दी जाती है. यह योजना आयुष मंत्रालय के तहत चलाई जाती है. यही NMPB औषधीय पौधों की खेती के लिए आपको वित्तीय सहायता यानी सब्सिडी देता है. खास बात है कि इसके लिए NMPB की ओर से खेती, नर्सरी, प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के लिए और मार्केटिंग तक के लिए मदद दी जाती है.
औषधीय खेती पर सब्सिडी व्यक्तिगत किसान, किसान उत्पादक संगठन (FPO), सहकारी समितियां, स्टार्टअप और अन्य कंपनियों को भी दी जाती है. इसके लिए अगर आपको आवेदन करना है तो आप अपने जिला कृषि विभाग या फिर औषधीय पौध बोर्ड कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं. अगर ऑनलाइन आवेदन करना है तो आयुष मंत्रालय की वेबसाइट (https://ayush.gov.in/) पर भी विजिट कर सकते हैं. हर राज्य में राज्य औषधीय पादप बोर्ड (SMPB)) का ऑफिस भी होता है.
जिला कृषि विभाग या औषधीय पौध बोर्ड कार्यालय में जाकर आपको एक आवेदन फार्म मिलेगा. इसे ध्यान से भरें और सभी जरूरी दस्तावेज संगलग्न करें. जरूरी दस्तावेजों में आधार कार्ड / पहचान पत्र, जमीन के कागज जैसे खसरा-खतौनी या लीज एग्रीमेंट लगेगा. साथ में बैंक खाते की डिटेल्स और खेती की योजना / प्रोजेक्ट रिपोर्ट भी लगाना होगा.
फिर इस प्रोजेक्ट को राज्य औषधीय पौध बोर्ड (SMPB) और इसके बाद NMPB से मंजूरी मिलेगी. इसपर मंजूरी मिलने के बाद आप औषधीय खेती शुरू कर सकते हैं. खेती शुरू करने के बाद विभाग की ओर से आपके खेत का निरीक्षण कराया जाएगा. फिर निरीक्षण की रिपोर्ट के आधार पर आपके बैंक खाते में सब्सिडी की रकम भेजी जाएगी.
मान लीजिए कि आप अश्वगंधा, सर्पगंधा, गिलोय या शतावरी जैसे पौधों की खेती कर रहे हैं. इनकी खेती में प्रति हेक्टेयर 40,000–60,000 रुपये तक की लागत आती है. सरकार इसपर 30 से 50 प्रतिशत तक का अनुदान देगी यानी एक हेक्टेयर पर आपको 15,000 से 30,000 रुपये तक की सब्सिडी मिल जाएगी.
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