PM-Kusum: बंजर पड़े खेत से भी कर सकते हैं 'बिजली की खेती', ऐसे उठाएं प्रधानमंत्री कुसुम योजना का लाभ

PM-Kusum: बंजर पड़े खेत से भी कर सकते हैं 'बिजली की खेती', ऐसे उठाएं प्रधानमंत्री कुसुम योजना का लाभ

PM-Kusum: प्रधानमंत्री कुसुम योजना भारत सरकार की एक बेहद अहम योजना है. इस योजना का मिशन है कि किसानों की सौर ऊर्जा के माध्यम से सिंचाई की लागत शून्य की जाए और अतिरिक्त आय का जरिया भी बनाया जाए. यह योजना किसानों को सोलर पंप और सोलर ग्रिड लगाने के लिए सब्सिडी दिलाती है.

PM Kusum Yojana Bihar (Photo Credit: AI)PM Kusum Yojana Bihar (Photo Credit: AI)
क‍िसान तक
  • नोएडा,
  • Aug 19, 2025,
  • Updated Aug 19, 2025, 8:04 AM IST

किसानों की खेती में लागत का एक बड़ा हिस्सा सिंचाई के खर्चे में चला जाता है. ज्यादातर किसान या तो डीजल आधारित पंप सेट से सिंचाई करते हैं या फिर बिजली की मोटर से पानी लगाते हैं. यही वजह है कि किसानों की खेती की इस लागत को कम करने के लिए केंद्र सरकार एक बेहद खास योजना चलाती है, जिसका नाम है प्रधानमंत्री कुसुम योजना (PM-KUSUM Scheme). इसके तहत किसानों को सौर ऊर्जा से जोड़ने के लिए सब्सिडी दी जाती है. प्रधानमंत्री कुसुम योजना की मदद से किसानों ना सिर्फ 24 घंटे बिजली मिलती है, बल्कि डीजल-पंप का खर्चा भी जीरो हो जाता है. इसलिए आज हम आपको बताएंगे कि प्रधानमंत्री कुसुम योजना का लाभ कैसे उठाएं.

प्रधानमंत्री कुसुम योजना क्या है?

दरअसल, केंद्र सरकार की ये योजना साल 2019 में शुरू हुई थी. इसके तहत किसानों को अपने खेत पर सोलर पंप और सोलर प्लांट लगाने के लिए अनुदान दिया जाता है. इस योजना के तीन मुख्य घटक हैं. इसमें पहला सोलर पावर प्लांट. सोलर प्लांट लगाने के लिए कोई भी किसान, सहकारी समितियां या फिर FPO अपनी बंजर पड़ी या फिर अनुपयोगी जमीन पर 500 किलोवाट से 2 मेगावाट तक का सोलर पावर प्लांट सब्सिडी पर लगावा सकते हैं. आपके इस सोलर प्लांट में बनी बिजली को डिस्कॉम (विद्युत वितरण कंपनी) खरीद लेगी और अगले 25 सालों तक अच्छी आय होगी. यानी कि इस योजना से किसान सीधे बिजली बेचकर कमाई कर सकते हैं.

इस योजना का दूसरा कंपोनेंट है स्टैंडअलोन सोलर पंप. इसके तहत किसानों को डीजल या बिजली पंप की जगह सोलर पंप दिया जाता है. इसमें 3 HP से 7.5 HP तक का सोलर पंप पर ले सकते हैं जिसपर सरकार 60% तक की सब्सिडी प्रदान करती है. इसकी अधिकतम लागत बाकी की रकम किसान को अपनी जेब से देता है. इस योजना का तीसरा कंपोनेंट ग्रिड कनेक्टेड पंप है. इसमें होता ये है कि जिन किसानों के पास बिजली से चलने वाले पंप पहले से हैं, उन्हें ग्रिड-कनेक्टेड सोलर पंप में कनवर्ट किया जाता है. इससे किसान का सीधे-सीधे बिजली का सारा खर्चा बचने लगता है.

कैसे मिलेगा पीएम-कुसुम योजना का लाभ?

इसके लिए ऑनलाइन आवेदन करना है तो अपने राज्य की नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा एजेंसी या विद्युत वितरण कंपनी (DISCOM) की वेबसाइट पर विजिट करें. इस वेबसाइट पर “PM Kusum Yojana” का सेक्शन खोजें और वहां से आवेदन फॉर्म निकालें. इस फॉर्म को ध्यान से भरें और किसान अपना आधार, मोबाइल नंबर और बैंक डिटेल्स डालकर पंजीकरण करें. फिर इस योजना का विकल्प चुनें कि आपको सोलर पंप या सोलर प्लांट के लिए आवेदन करना है. फिर सभी जरूरी दस्तावेज अपलोड करके सबमिट कर दें.

ऑनलाइन आवेदन की लिंक्स-

https://pmkusum.mnre.gov.in

https://mnre.gov.in

वहीं अगर ऑफलाइन आवेदन करना है तो सीधे अपने जिला कृषि अधिकारी या फिर DISCOM/नवीन ऊर्जा विभाग के ऑफिस जाएं. यहां से आवेदन फॉर्म लें और ध्यान से भरकर जमा कर दें. आपका आवेदन स्वीकार हुआ तो सोलर पंप या सोलर प्लांट लगाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.

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