आवारा पशुओं की समस्या अब बेहद गंभीर हो चली है. किसानों की आधी मेहनत फसल की बुवाई और कटाई में होती है और आधे से ज्यादा मेहनत खेत की रखवाली में जाती है. जरा सी नजर चूकी और छुट्टा पशु पूरी फसल नष्ट कर जाते हैं. यही वजह है कि किसानों को मजबूरी में बहुत बड़ी लागत लगाकर अपने खेतों में तारबंदी करानी पड़ती है और इससे किसानों की खेती की लागत काफी बढ़ जाती है. मगर कुछ राज्यों में खेत की तारबंदी के लिए सरकार सब्सिडी भी देती है. आमतौर पर राज्य सरकारों की बागवानी या कृषि योजनाओं के अलावा राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY) या MIDH (Mission on Integrated Development of Horticulture) के अंतर्गत भी दी जाती है. इसीलिए आज हम आपको तारबंदी के लिए सब्सिडी लेने का तरीका विस्तार से बता रहे हैं.
तारबंदी पर सब्सिडी हर राज्य में अलग-अलग होती है. अधिकतर राज्यों में तार फेंसिंग पर 40% से 60% तक का अनुदान दिया जाता है. मगर कई राज्यों में यह सब्सिडी प्रति हेक्टेयर/प्रति मीटर के हिसाब से भी दी जाती है. इसमें भी विभिन्न श्रेणियों जैसे-महिला किसान, अनुसूचित जाति/जनजाति या फिर छोटे-मझोले किसानों को योजान के तहत अतिरिक्त लाभ भी मिलता है.
अगर आपके पास अपना खेत है जिसकी आप खसरा-खतौनी रखते हों तो इस योजना के लिए पात्र हैं. जिनके पास खुद का खेत नहीं है तो खेत की लीज भी चल जाएगी. मगर जमीन की कम से कम 7 साल की लीज होनी चाहिए. साथ ही तारबंदी योजना के हिसाब से खेती की स्थिति और रकबा होना जरूरी है. साथ ही आपका आधार कार्ड और बैंक खाता भी लगेगा. ध्यान देने वाली बात ये भी है कि एक किसान को केवल निर्धारित हेक्टेयर पर ही तारबंदी का अनुदान मिलेगा.
सबसे पहले तो ये पता करें कि आपके राज्य में ये योजना लागू है या नहीं. जैसे राजस्थान में तारबंदी पर सब्सिडी दी जाती है. इसके लिए आप जिला कृषि कार्यालय या जिला बागवानी कार्यालय में जाकर जानकारी ले सकते हैं. यदि योजना लागू होगी तो आपको वहां से आवेदन फॉर्म मिल जाएगा. फिर ये फॉर्म ध्यान से भरकर इसमें मांगे गए सभी जरूरी दस्तावेज संगलग्न करें. फिर आवेदन जमा करके इसकी रसीद ले लें. अगर ऑनलाइन आवेदन की सुविधा उपलब्ध है तो राज्य की कृषि या बागवानी विभाग की वेबसाइट पर जाकर चेक करें.
ये भी पढ़ें-
चंदन से भी अधिक महंगी बिकती है इस पेड़ की लकड़ी, किसान हो सकते हैं मालामाल
Pesticide Spraying: खेत में छिड़काव से पहले जरूरी सावधानियां, वरना खतरे में पड़ सकती है जिंदगी