बारिश और ओलावृष्टि की वजह से फसलों को काफी नुकसान हुआ है. जिसका खामियाजा सिर्फ और सिर्फ किसानों को भुगतना पड़ रहा है. फसलों की हुई बरबादी की वजह से किसान अब आर्थिक संकट में घिरते नजर आ रहे हैं. खेती-बाड़ी में फसलों की बुवाई से लेकर फसल बेचने तक में काफी पैसा खर्च होता है. किसानों के पास इतनी जमा पूंजी नहीं होती है कि वे बिना किसी परेशानी आने वाले मौसम के लिए तैयार रह सकें वो भी तब जब मौजूदा सीजन में फसल पूरी तरह नष्ट हो चुका हो.
ऐसे में कई किसान इन परेशानियों से तंग आकार या तो खेती छोड़ देते हैं या फिर जमींदारों से लिए गए कर्ज के तले दब जाते हैं. इन्हीं समस्याओं को ध्यान में रखते हुए सरकार ने इसका हल खोज निकाला है. किसानों को आर्थिक समस्या से बचाने के लिए किसान क्रेडिट कार्ड योजना की शुरुआत की है. क्या है यह योजना आइये जानते हैं.
रबी की फसल बर्बाद होने के बाद किसान अब खरीफ की फसल की तैयारी में जुटे हैं ताकि हुए नुकसान को कम किया जा सके. लेकिन आज भी देश में ऐसे किसानों की संख्या बहुत अधिक है जो एक फसल बेचकर दूसरी फसल की तैयारी करते हैं. ऐसे में फसल बर्बाद होने से किसानों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. खरीफ की फसल की तैयारी के लिए उनके पास पैसे की कमी हो रही है. ऐसे किसान सरकार द्वारा चलाई जा रही किसान क्रेडिट कार्ड योजना (kisan credit card scheme) का लाभ उठाकर आर्थिक संकट से बच सकते हैं. इस योजना के तहत किसानों को सस्ती ब्याज दरों पर कर्ज की सुविधा दी जाती है. ताकि कर्ज का बोझ किसानों पर ज्यादा ना हो सके. साथ ही समय पर कर्ज चुकाने पर सब्सिडी भी दी जाती है. इस योजना का लाभ लेने के लिए किसान अपने नजदीकी वित्तीय संस्थान या बैंक से भी संपर्क कर सकते हैं.
किसान क्रेडिट कार्ड योजना भारत सरकार की एक योजना है जो किसानों को किसी भी समय पर ऋण उपलब्ध कराती है. किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) योजना की शुरुआत 1998 में किसानों को लोन प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई थी और नाबार्ड (नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट) द्वारा बनाई गई थी. KCC योजना की मदद से कृषि, मत्स्य पालन और पशुपालन क्षेत्रों में किसानों की ऋण आवश्यकताओं को पूरा किया जा रहा है. इसके अलावा, केसीसी की मदद से, किसानों को बैंकों द्वारा दी जाने वाली नियमित ऋण की उच्च ब्याज दरों से छूट दी जाती है क्योंकि केसीसी के लिए ब्याज दर 2% से कम और औसत 4% से शुरू होती है. इस योजना की मदद से किसान फसल की कटाई अवधि के आधार पर अपना ऋण चुका सकते हैं जिसके लिए ऋण दिया गया था. इतना ही नहीं लोन चुकाने के लिए किसानों को सरकार द्वारा सब्सिडि की सुविधा भी दी जाती है.
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किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) योजना पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा जारी मास्टर सर्कुलर के अनुसार, यह किसान लाभ उठा सकते हैं: छोटे और सीमांत जोत वाले किसान इस योजना का लाभ उठा सकते हैं. इतना ही नहीं पट्टेदार और बटाईदार को भी इस योजना में शामिल किया गया है. इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों की उम्र 18 साल से लेकर 75 साल के बीच की होनी चाहिए. दूसरों की जमीन पर खेती कर रहे किसानों को इस सुविधा से वंचित रखा गया है.
किसान क्रेडिट कार्ड (kisan credit card scheme) के लिए बैंक से आवेदन पत्र, दो पासपोर्ट साइज फोटो, आईडी प्रूफ आधार कार्ड/वोटर आईडी कार्ड/पासपोर्ट आदि. आवासीय प्रमाण के तौर पर ड्राइविंग लाइसेंस, आधार कार्ड आदि की जरूरत होती है. राजस्व प्राधिकारी द्वारा सत्यापित भूमि प्रमाण पत्र, बोई गई फसल के बारे में जानकारी, तीन लाख से ऊपर के ऋण के लिए सुरक्षा दस्तावेज आदि आवश्यक हैं.
अगर आप किसान क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करना चाहते हैं तो एसबीआई की वेबसाइट के मुताबिक प्रोसेसिंग चार्ज देना होता है और बैंक इस कार्ड पर किसानों को अपनी तय ब्याज दर के हिसाब से कर्ज देता है. 50,000 रुपये तक केसीसी ऋण के लिए कोई प्रोसेसिंग चार्ज नहीं है. किसान क्रेडिट कार्ड पर 3 से 4 फीसदी की दर से कर्ज दिया जाता है. आप किसान क्रेडिट कार्ड के लिए बैंक शाखा में जाकर या ऑनलाइन मोड के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं.