उत्तर प्रदेश के कई जिलों के किसानों की फसलों को लगातार हो रहे आंधी बारिश से चौतरफा नुकसान हुआ है, जिसके बाद शासन ने गेहूं की फसल में हुए नुकसान में राहत देने का निर्णय लिया था. इस संबंध में प्रदेश सरकार ने प्रदेश के सभी जिला अधिकारियों से खराब गेहूं की रिपोर्ट मांगी थी, जिसमें में बुलंदशहर के जिलाधिकारी भी शामिल थे. बुलंदशहर के जिलाधिकारी ने शासन को खराब गेहूं की रिपोर्ट प्रेषित कर दी है.अब रिपोर्ट स्वीकृत हो जाने के बाद किसानों की खराब गेहूं को भी क्रय केंद्रों पर खरीदा जाएगा और जिससे उन्हें राहत मिलेगी. किसानों को फसल में नुकसान के चलते उत्तर प्रदेश सरकार ने पूरे प्रदेश में गेहूं खरीद के आदेश दिए हैं साथ ही ₹2125 प्रति कुंतल समर्थन मूल्य भी गेहूं खरीद पर घोषित कर दिया है.
किसानों की समस्या को जानते हुए अभी तक जो शासनादेश था की फसल में यदि 33 परसेंट से अधिक नुकसान हैं. तभी किसानों को मुआवजा मिलेगा, इसमें अब शासन ने संशोधन किया है. शासन ने नये निर्देशों में कहा है कि खेती से पैदा हुआ गेहूं यदि खराब हो गया है या काला पड़ गया है या गेहूं का साइज छोटा हो गई है तो भी किसानों का गेहूं खरीदा जाएगा. बुलंदशहर के डीएम सीपी सिंह ने बताया कि निर्देश दिए गए हैं किसी भी हालत में किसान के खराब गेहूं को क्रय केंद्र प्रभारी वापस ना करें शासन के इस निर्देश के बाद किसानों में भारी राहत है.
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असल में राज्य में बुलंदशहर गेहूं उत्पादन का बड़ा जनपद है और कहा जाता है प्रदेश में सर्वाधिक गेहूं पैदा यहीं किया जाता है. वहीं गेहूं खरीद में भी यह जिला अव्वल है. हाल ही में आंधी बारिश से किसानों को गेहूं की फसल में भारी नुकसान हुआ है और किसान खेत में अपने पड़े हुए गेहूं की फसल को देख कर रो रहे हैं और शासन की तरफ टकटकी लगाए देख रहे हैं कि उनको राहत मिले.
डीएम बुलंदशहर सीपी सिंह ने कहा कि पिछले 10 दिनों से लगातार बीच-बीच में हो रही बारिश से फसलों को काफी नुकसान भी हुआ है. इसको लेकर तहसील की सभी टीमें सातों तहसीलों में सर्वे कर रही हैं. उन्हाेंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी के भी स्पष्ट निर्देश हैं कि जिस भी किसान का नुकसान हुआ है, उसका तत्काल सर्वे करके उसको मुआवजा दिया जाए और हम लोगों का पूरा प्रयास है कि अगर किसी भी किसान का नुकसान हुआ है तो उसको पूरा का पूरा जो भी सहायता हो वो मिले.
उन्होंने कहा कि कुछ गेहूं बरसात के कारण खराब होने की संभावना है. उसमें छूट के लिए हमने शासन से अनुरोध किया है. मुझे पूरा विश्वास है कि वो छूट हमको मिलेगी. वहीं इसके लिए अलग-अलग स्पेसिफिकेशन विशिष्टया हैं जैसे कि गेहूं का दाना काला होना, छोटा होना या गेहूं टूट जाना उस टाइप की अलग-अलग विशिष्टया है. साथ ही FCI फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया की टेक्निकल टीम ने भी जांच किया है. मुझे विश्वास है कि जांच के बाद किसानों को सहायता मिलेगा.
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