'गौधाम योजना' ला रही यह राज्‍य सरकार, चारे का पैसा, गौसेवकों-चरवाहों को मिलेगा वेतन... पढ़ें डिटेल

'गौधाम योजना' ला रही यह राज्‍य सरकार, चारे का पैसा, गौसेवकों-चरवाहों को मिलेगा वेतन... पढ़ें डिटेल

‘गौधाम योजना’ से आवारा पशुओं को आश्रय, अवैध परिवहन पर रोक और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा. योजना में वेतन, चारा सहायता, प्रशिक्षण केंद्र, जैविक खेती और गौ-उत्पाद व्यवसाय को प्रोत्साहन शामिल है.

Chhattisgarh Gaudham YojanaChhattisgarh Gaudham Yojana
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Aug 09, 2025,
  • Updated Aug 09, 2025, 12:43 AM IST

देशभर में गौपालन और गोशालाओं से जुड़ी योजनाओं के जरिए ग्रामीण अर्थव्‍यवस्‍था को मजबूत करने का काम किया जा रहा है. इस बीच, छत्तीसगढ़ सरकार ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करने और पशुधन संरक्षण के लिए ‘गौधाम योजना’ की शुरुआत करने का फैसला लिया है. योजना के तहत निराश्रित (बेसहारा) और घुमंतु गौवंशीय पशुओं की देखभाल, नस्ल सुधार, चारा विकास और गौ-आधारित उद्योगों को बढ़ावा दिया जाएगा. योजना को वित्त और पशुधन विकास विभाग की मंजूरी मिल चुकी है और पहले चरण में इसे नेशनल हाईवे के आसपास के ग्रामीण इलाकों में लागू किया जाएगा.

गौसेवकों-चरवाहों को इतना वेतन मिलेगा

गौधाम योजना का उद्देश्य पशुधन का वैज्ञानिक तरीके से संरक्षण, गौ उत्पादों को बढ़ावा, चारा उत्पादन, ग्रामीणों को रोजगार और पशु और मानव हानि की रोकथाम है. हर गौधाम में अधिकतम 200 पशु रखे जा सकेंगे. योजना के तहत चरवाहों को 10,916 रुपये और गौसेवकों को 13,126 रुपये मासिक मानदेय यानी वेतन मिलेगा. इसके अलावा गोवंशों के चारे के लिए हर दिन राशि दी जाएगी. इसमें उत्कृष्ट गौधाम को पहले साल 10 रुपये, दूसरे साल 20 रुपये, तीसरे साल 30 रुपये और चौथे साल 35 रुपये प्रतिदिन प्रति पशु के हिसाब से प्रोत्साहन मिलेगा.

जब्‍त गाय-गोवंशों की देखभाल लक्ष्‍य 

राज्‍य सरकार की ओर से जारी वि‍ज्ञप्ति के अनुसार, योजना का खास फोकस गाय और गोवंशों की अवैध तस्करी और परिवहन में पकड़े गए और आवारा पशुओं की सुरक्षा पर है. साथ ही इन बेसहारा पशुओं से सड़कों पर जो हादसे होते हैं, उन्‍हें रोकने की प्‍लानिंग है. राज्य में पहले से पशु तस्करी पर रोक है, लेकिन अंतरराज्यीय सीमाओं पर कार्रवाई में बड़ी संख्या में पशु जब्त होते हैं. ऐसे में इनकी देखभाल के लिए गौधाम स्थापित किए जाएंगे.

गौधाम में होगी ये सुवि‍धाएं

गौधाम बनाने के लिए केवल उन्हीं सरकारी भूमि का चयन होगा, जहां सुरक्षित बाड़ा, पशु शेड, पानी और बिजली की सुविधा हो. पहले से विकसित गौठानों में, चारागाह भूमि को हरे चारे के उत्पादन के लिए इस्तेमाल किया जाएगा. संचालन की जिम्मेदारी पंजीकृत गौशालाओं, स्वयंसेवी संस्थाओं, एनजीओ, ट्रस्ट, किसान उत्पादक कंपनियों या सहकारी समितियों को दी जाएगी. वहीं, इस योजना में गोबर खरीदी का प्रावधान नहीं होगा, गोबर का इस्‍तेमाल चरवाहा खुद करेगा.

चारा उगाने के लिए मिलेंगे इतने पैसे

गौधाम योजना के तहत चारा उगाने/विकास के लिए एक एकड़ में 47,000 रुपये और पांच एकड़ में 2,85,000 रुपये की सहायता दी जाएगी. साथ ही हर गौधाम को प्रशिक्षण केंद्र के रूप में भी विकसित किया जाएगा, जहां ग्रामीणों को गोबर और गौमूत्र से खाद, कीट नियंत्रक, गौ काष्ठ, गोनोइल, दीया, दंतमंजन और अगरबत्ती जैसे उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा.

इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार और गौ-आधारित उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह योजना न केवल पशुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी, बल्कि ग्रामीणों को स्थायी आय का स्रोत भी देगी, जिससे गांवों की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी. योजना के संचालन के लिए नियम, शर्तें और बजट तय कर दिए गए हैं, ताकि इसे चलाने में बाधा न आए.

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