
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को बढ़ावा देने में जुटी योगी सरकार इसका दायरा गांव तक ले जाने की कोशिश और तेज करने जा रही है. इसी क्रम में शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कौशाम्बी जनपद के अधिकारियों के साथ बैठक की. इस अवसर पर डिप्टी सीएम मौर्य ने जनपद में प्रचुर मात्रा में उत्पादित अमरूद, केला, बेर, मिर्च की पैकेजिंग के लिए पैकेजिंग केंद्र बनाने के साथ ही ब्रांडिंग व मार्केटिंग पर भी विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए. उन्होंने जनपद में खाद्य प्रसंस्करण यूनिट लगाए जाने के लिए आवश्यक कार्यवाही करने के भी निर्देश दिए.
दरअसल, प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक लाख डालर तक ले जाने के लक्ष्य के तहत खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को प्राथमिकता में रखा गया है. योगी सरकार, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2023 के तहत प्रोत्साहन दे रही है. इसमें संयंत्र, मशीनरी और तकनीकी निर्माण पर 35 प्रतिशत पूंजीगत अनुदान (कैपिटल सब्सिडी) का प्रविधान है, जिसकी अधिकतम सीमा पांच करोड़ रुपये है.
खाद्य प्रसंस्करण विभाग से मिले आंकड़े के अनुसार, वर्तमान में प्रदेश में लगभग 75 हजार खाद्य प्रसंस्करण इकाईयां स्थापित हैं. वहीं खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति के तहत 428 इकाइयां लगाई जा चुकी हैं. बीते दिनों उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने प्रत्येक गांव में प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना के निर्देश दिए हैं, जिसके बाद विभाग इसकी योजना तैयार कर रहा है.
मौर्य ने कहा कि स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को विद्यालयों की यूनिफॉर्म तैयार करने आदि स्वयं का उद्यम स्थापित करने के लिए प्रशिक्षण व अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाय, ताकि महिलाएं आर्थिक रूप से और सशक्त एवं आत्मनिर्भर हो सकें. उन्होंने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को निर्देश दिए कि शीतलहर के दृष्टिगत जनपद के सभी गौ-आश्रय स्थलों में गोवंशों को ठंड से बचाव के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं एवं भूसा-चारा आदि की पर्याप्त उपलब्धता बनाए रखी जाए.
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