प्लास्टिक टनल लगाकर सर्दी से बचाएं अपनी फसल, इस तरह करें सब्सिडी के लिए आवेदन 

प्लास्टिक टनल लगाकर सर्दी से बचाएं अपनी फसल, इस तरह करें सब्सिडी के लिए आवेदन 

सर्दी से बचाव के लिए प्लास्टिक टनल (लो-टनल) लगाई जाती है. राजस्थान सरकार इसके लिए सब्सिडी भी देती है. इस खबर में हम आपको सरकार की इस योजना में सब्सिडी लेने के तरीके के बारे में बताएंगे.

प्लास्टिक टनलप्लास्टिक टनल
क‍िसान तक
  • Jaipur,
  • Dec 19, 2022,
  • Updated Dec 19, 2022, 8:00 PM IST

सर्दियों के मौसम में टमाटर, बैंगन, मिर्ची, पालक, धनिया, मेथी, गोभी जैसी फसलें उगाई जाती हैं. लेकिन इस मौसम में फसलों को सर्दी यानी पाला लगने की समस्या आती है. हर साल किसानों का लाखों रुपए का नुकसान पाले के कारण हो जाता है. चूंकि किसान सब्जी की फसलों का बीमा कम कराते हैं, इसीलिए यह सीधे किसानों को आर्थिक रूप से नुकसान पहुंचाते हैं. 

इससे बचाव के लिए प्लास्टिक टनल (लो-टनल) लगाई जाती है. राजस्थान सरकार इसके लिए सब्सिडी भी देती है. इस खबर में हम आपको सरकार की इस योजना में सब्सिडी लेने के तरीके के बारे में बताएंगे. राज्य सरकार की इस योजना का उद्देश्य भी उद्यानिकी फसलों को सर्दी से बचाना है. 

इतना मिलता है अनुदान

प्लास्टिक टनल की लागत या इसके लिए उद्यान विभाग की अनुमोदित फर्म की रेट में से जो भी कम हो, किसानों को इसका अधिकतम एक हजार वर्गमीटर के लिए 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है. इतना ही नहीं लघु और सीमांत किसानों के लिए सब्सिडी ज्यादा दी जाती है. इस श्रेणी के किसानों को  लागत इकाई या अनुमोदित फर्म की रेट में से जो भी कम हो, उसका अधिकतम चार हजार वर्गमीटर के लिए 75 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है.

 यह होती है पात्रता

प्लास्टिक टनल योजना में आवेदन के लिए राज्य का कोई भी किसान आवेदन कर सकता है. लेकिन इसके लिए आवेदक किसान के पास कृषि योग्य भूमि और सिंचाई का स्त्रोत होना जरूरी है. 

इस तरह करें आवेदन

सब्सिडी लेने के लिए किसान को नजदीकी ई-मित्र केन्द्र पर जाना होता है. आवेदन के लिए आधार कार्ड, जनाधार कार्ड, जमाबंदी की नकल (छह माह से अधिक पुरानी नहीं हो) और कृषि विभाग की अनुमोदित फर्म का कोटेशन चाहिए होता है. इसके अलावा लो-टनल का निर्माण उद्यान विभाग की ओर से जारी प्रशासनिक स्वीकृति के बाद ही किया जा सकेगा.इसके बाद विभाग की ओर से एक कमेटी का गठन किया जाएगा जो आवेदन का सत्यापन करेगी. सत्यापन के बाद सब्सिडी की राशि सीधे किसान के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी जाती है. 

एक साल होती है योजना की वैधता

प्लास्टिक टनल (लो-टनल) के लिए सब्सिडी की वैधता एक साल यानी वित्तीय वर्ष की होती है. इसीलिए अगले साल के लिए प्रार्थी किसानों को फिर से आवेदन करना होता है. 
 

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