केंद्र सरकार किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए कई योजनाएं चलाती है ताकि देश के किसानों को आर्थिक मदद दी जा सके. इसी कड़ी में पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना को मंजूरी दी है. किसानों की मदद के लिए यह योजना सरकार अगले 6 सालों तक चलाएगी और देश के 100 जिलों को कवर करेगी. इसके लिए हर साल 24,000 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है. इस योजना का मकसद किसानों को फसल कटाई के बाद बेहतर भंडारण की सुविधा उपलब्ध कराना, सिंचाई व्यवस्था को बेहतर बनाना और कृषि उत्पादन को बढ़ाना है. अक्सर किसानों को ये समस्या होती है कि फसलों की कटाई के बाद उसके भंडारण की समस्या आती है. किसान ऐसे भी फल और सब्जियों की खेती करते हैं जिसका शेल्फ लाइफ बहुत कम होता है. इसी कड़ी में सरकार द्वारा शुरू की गई ये योजना किसानों को हर तरह से सुविधा देने के लिए शुरू की गई है.
सरकार ने इस योजना को अगले 6 वर्षों तक चलाने का फैसला किया है. इसके तहत देश के 100 जिलों को शामिल किया जाएगा. इस योजना के लिए हर साल 24,000 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है, जिससे खेती-किसानी को मजबूत बनाने का प्रयास किया जाएगा.
प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना का मकसद किसानों को फसल कटाई के बाद भंडारण की बेहतर सुविधा, सिंचाई व्यवस्था में सुधार और कृषि उत्पादन में बढ़ोतरी करना है. अक्सर किसानों को फसल के बाद भंडारण की समस्या आती है, खासकर उन किसानों को जो जल्दी खराब होने वाले फल और सब्जियों की खेती करते हैं. यह योजना इन सभी समस्याओं का समाधान देने का प्रयास है.
इस योजना को खास बनाने के लिए सरकार ने 36 मौजूदा स्कीमों को मिलाकर एक मजबूत ढांचा तैयार किया है. इससे फसल विविधीकरण और टिकाऊ खेती को बढ़ावा मिलेगा. यानी किसान एक ही फसल पर निर्भर न रहकर कई प्रकार की फसलें उगा सकेंगे, जिससे उनकी आमदनी में इज़ाफा होगा.
सरकार का अनुमान है कि इस योजना से करीब 1.7 करोड़ किसानों को सीधा फायदा मिलेगा. यह योजना बजट 2025 में पहले ही घोषित की जा चुकी थी और अब इसे कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है.
प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना किसानों की जिंदगी में बड़ा बदलाव लाने का वादा करती है. यह सिर्फ एक योजना नहीं, बल्कि किसानों की आय बढ़ाने और खेती को टिकाऊ बनाने की दिशा में एक ठोस प्रयास है. यदि योजना सही तरीके से लागू होती है, तो यह किसानों के लिए आर्थिक रूप से एक नई राह खोल सकती है.