क्या है मधुमक्खीपालन सब्सिडी योजना जिसमें लागत का 90 परसेंट तक मिलता है खर्च, ऐसे उठाएं लाभ

क्या है मधुमक्खीपालन सब्सिडी योजना जिसमें लागत का 90 परसेंट तक मिलता है खर्च, ऐसे उठाएं लाभ

शहद उत्पादन के मामले में बिहार देश में चौथा स्थान रखता है. देश में कुल शहद उत्पादन का 12 प्रतिशत से अधिक शहद का उत्पादन बिहार में होता है. इसलिए इसे और बढ़ाने की कोशिश की जा रही है. बिहार में अधिक से अधिक किसान शहद उत्पादन से जुड़ सकें, इसके लिए राज्य सरकार की तरफ से योजना भी चलाई जा रही है.

मधुमक्खी पालन सब्सिडी योजना (सांकेतिक तस्वीर)मधुमक्खी पालन सब्सिडी योजना (सांकेतिक तस्वीर)
क‍िसान तक
  • Noida,
  • May 21, 2024,
  • Updated May 21, 2024, 4:35 PM IST

बिहार में मधुमक्खी पालन के जरिए किसानों की कमाई को दोगुना करने का प्रयास किया जा रहा है. इससे राज्य में शहद उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा. साथ ही किसानों को रोजगार का आसान जरिया मिलेगा. बिहार में मधुमक्खी पालन इसलिए भी किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है क्योंकि यहां पर लीची के बगान हैं. लीची के फूलों से बनने वाले शहद काफी मीठे होते हैं. साथ ही यहां पर सरसों की खेती भी पड़े पैमाने पर की जाती है. इसलिए मधुमक्खियों को शहद इकट्ठा करने के लिए परेशानी नहीं होती है. बिहार में अधिक से अधिक किसान शहद उत्पादन से जुड़ सकें, इसके लिए राज्य सरकार की तरफ से योजना भी चलाई जा रही है. 

शहद उत्पादन के मामले में बिहार देश में चौथा स्थान रखता है. देश में कुल शहद उत्पादन का 12 प्रतिशत से अधिक शहद का उत्पादन बिहार में होता है. इसलिए इसे और बढ़ाने की कोशिश की जा रही है. बिहार में मधुमक्खी पालन सब्सिडी योजना के तहत सामान्य वर्ग के किसान को मधुमक्खी पालन इकाई स्थापित करने के लिए पूरी लागत पर 75 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है. वहीं अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के मधुमक्खी पालकों को 90 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है. इस पहल का मुख्य उद्देश्य बिहार में शहद उत्पादन को बढ़ावा देना और किसानों को सब्सिडी देकर उनको आत्मनिर्भर बनाना है. 

ये भी पढ़ेंः बिहार के इन 6 जिलों में गेंदे की खेती से बढ़ी किसानों की कमाई, बुवाई पर 70 परसेंट सब्सिडी दे रही सरकार

इतनी मिलेगी सब्सिडी

योजना के तहत शहद के लिए कॉलोनी विकसित करने, मधुमक्खी बॉक्स बनाने, मधु निकालने वाला यंत्र खरीदने और प्रोसेसिंग करने के लिए सामग्री खरीद में 75 प्रतिशत का अनुदान दिया जाता है. जबकि एसटी-एससी वर्ग को के किसानों को 90 फीसदी तक अनुदान दिया जाता है. योजना के लिए आवेदन लिए जा रहे हैं. यह योजना बिहार सरकार के कृषि विभाग द्वारा संचालित की जा रही है. इस योजना का लाभ पहले आओ पहले पाओ की तर्ज पर दिया जा रहा है. सामान्य जाति के उम्मीदवारों के लिए प्रति बॉक्स 1000 रुपये देने होंगे जबकि एसटी-एससी वर्ग के किसानों को प्रति बॉक्स 400 रुपये देने होंगे. वर्ष 2023-24 के लिए डीबीटी पोर्टल पर रजिस्टर्ड किसान इस योजना का लाभ ले सकते हैं.

ये भी पढ़ेंः अब सरकारी मदद से अपने घर पर लगाएं नारियल, महज 85 रुपये में खरीद सकते हैं एक पौधा

ऐसे उठाएं लाभ

  • बिहार के रहने वाले मूल निवासी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं. हालांकि वैसे लाभुक जो पहले मधुमक्खी पालन योजना का लाभ ले चुके हैं उन्हें यह लाभ नहीं मिलेगा.
  • आवेदक ने सरकारी संस्थाओं से मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण प्राप्त किया है.
  • इसके लिए आवश्यक दस्तावेज की बात करें तो आवेदक के पास किसान कार्ड, किसान पंजीकरण, पैन कार्ड, बैंक खाता पासबुक, निवासी प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, मोबाइल नंबर होना आवश्यक है.     
  • योजना का लाभ लेने के लिए बिहार उद्यान निदेशालय की वेबसाइट में जाकर बिहार मधुमक्खी पालन सब्सिडी योजना के लिंक पर अप्लाई कर सकते हैं. 
  • इसके बाद किसान को यहां मांगी गई जरूरी जानकारी दर्ज करनी होती. सभी जानकारी दर्ज करने के बाद किसान इस योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं. 
     

 

MORE NEWS

Read more!