बिहार में अब नारियल की खेती से किसानों की कमाई बढ़ाने के उपाय किए जा रहे हैं. इसके तहत नारियल की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है. नारियल की खेती बढ़ाने के लिए पहली बार इस राज्य में उद्यानिकी फसलों की श्रेणी में शामिल किया गया है. दरअसल सुपौल जिले में उद्यानिकी फसलों को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा कई प्रकार की योजनाएं चलाई जा रही हैं. विभाग की तरफ से अब तक किसानों को खेती करने के लिए आम, अमरूद, लीची और पपीता जैसे पौधों पर अनुदान दिया जाता था. पर यह पहला मौका है जब किसानों को नारियल के पौधे लगाने के लिए राज्य सरकारी की तरफ से अनुदान दिया जाएगा. अब इसे भी उद्यानिकी फसल में शामिल किया गया है.
इससे बिहार के किसानों को यह फायदा होगा कि अब वे नारियल की खेती से अभी अच्छी कमाई कर सकेंगे. सुपौल जिले में नारियल की खेती को बढ़ावा देने के लिए कृषि विभाग ने लक्ष्य भी निर्धारित कर दिया है. निर्धारित लक्ष्य के अनुसार इस साल जिले में नारियल के 3000 पौधे लगाए जाएंगे. नारियल के पौधे लगाने के लिए विभाग की तरफ से 75 फीसदी का अनुदान भी दिया जा रहा है. साथ ही इस योजना की खासियत यह है कि इस योजना का लाभ शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों के लोगों को दिया जाएगा. योजना का लाभ किसानों को पहले आओ और पहले पाओ की तर्ज पर दिया जाएगा.
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नारियल की मांग सबसे अधिक गर्मी के मौसम में होती है. इसके अलावा त्योहारी सीजन में भी इसकी मांग खूब होती है. बाजार में पानी वाला नारियल 60-80 रुपये प्रति पीस और अन्य नारियल 30-40 रुपये प्रति पीस के हिसाब से बिकता है. फिलहाल सुपौल जिले में इसका उत्पादन ना के बराबर होता है. यहां के नारियल की मांग को पूरा करने के लिए अलग-अलग जगहों से इसका आयात किया जाता है. माना जा रहा है कि जिस तरह से इसकी मांग और जिले में इसकी पैदावार होती है, इससे यहां पर इसकी खेती को बढ़ावा देने से किसानों को लाभ होगा और उनकी कमाई बढ़ेगी.
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विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, इस योजना के तहत एक किसान को अधिकतम चार हेक्टेयर में नारियल की खेती करने के लिए अनुदान दिया जाएगा. आम लोगों को अपने घर के दरवाजे और आंगन के पास लगाने के लिए नारियल के अधिकतम पांच पौधा सब्सिडी दर पर दिया जाएगा. नारियल विकास बोर्ड के माध्यम से किसानों को पौधा उपलब्ध कराया जाएगा. इस पर किसानों को 75 प्रतिशत का अनुदान दिया जाएगा. जिला उद्यान पदाधिकारी ने कहा कि जल्द ही इसके लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. जिले में विभाग की इस पहल से किसानों की आय बढ़ाने में मदद मिलेगी.
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