भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में मछली व्यवसाय भी अहम भूमिका निभा रहा है. आज ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर शहरी क्षेत्र के लोग मछली पालन से जुड़कर घर का खर्च चलाने के साथ रोजगार भी बढ़ा रहे हैं. कृषि क्षेत्र की सहायक गतिविधियों जैसे पशुपालन, मछली पालन, मधुमक्खी पालन आदि को बढ़ावा देने के लिए सरकार सब्सिडी भी देती है. इस कड़ी में बिहार सरकार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग ने अनुसूचित जाति, जनजाति, अति पिछड़ा वर्ग के लिए 'तालाब मात्स्यिकी विशेष सहायता योजना' शुरू की है. इसके तहत तालाब निर्माण, बोरिंग पंपसेट लगाने के साथ शेड निर्माण, मत्स्य इनपुट सहित अन्य इनपुट पर 70 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जा रही है.
इस योजना का लाभ लेने के लिए बस कुछ दिन ही बाकी रह गए हैं. जो भी किसान योजना का लाभ लेना चाहते हैं, वे 30 अगस्त कर जरूरी कागजात के साथ पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के मत्स्य निदेशालय की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. आवेदन की पूरी प्रक्रिया जानने के लिए नीचे बताई गई डिटेल्स पर गौर करें.
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राज्य के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग ने अनुसूचित जाति, जनजाति, अति पिछड़ा वर्ग के लिए तालाब मात्स्यिकी विशेष सहायता योजना शुरू की है. इस योजना का लाभ पाने के लिए किसान के पास अधिकतम एक एकड़ और न्यूनतम 0.4 एकड़ खुद की या लीज की जमीन होनी चाहिए. खुद की जमीन होने पर किसान के पास मालगुजारी रसीद या भू स्वामित्व का प्रमाण पत्र होना चाहिए. वहीं लीज की जमीन के लिए जरूरी कागजात में 1000 रुपये के नन जुडीशियल स्टांप पर कम से कम नौ साल का एकरारनामा होना जरूरी है.
इन कागजातों की मदद से किसान को तालाब निर्माण पर पैकेज इकाई का लाभ मिल पाएगा. वहीं लाभार्थी का चयन उप मत्स्य निदेशक की अध्यक्षता में चयनित कमेटी के द्वारा किया जाएगा. हालांकि तालाब मात्स्यिकी विशेष सहायता योजना का लाभ उसी किसान को मिलेगा, जो राज्य की स्वीकृत या पठारी क्षेत्र तालाब निर्माण आधारित योजना का लाभ पहले नहीं ले सके हैं.
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तालाब मात्स्यिकी विशेष सहायता योजना के तहत रियरिंग तालाब निर्माण, बोरिंग पंपसेट की स्थापना, मत्स्य इनपुट, शेड का निर्माण, यांत्रिक एरेटर आदि संबंधित सहायक इकाइयों के पैकेज पर 10.10 लाख रुपये प्रति एकड़ की लागत निर्धारित की गई है. इस राशि पर लाभार्थी को लागत का 70 प्रतिशत अनुदान मिलेगा. वहीं शेष राशि लाभार्थी को स्वयं या बैंक से लोन लेकर पूरा करना होगा.
इस योजना की अंतिम तारीख 30 अगस्त है. इच्छुक किसान योजना का लाभ पाने के लिए मत्स्य निदेशालय, बिहार की वेबसाइट https://fisheries.bihar.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. वहीं योजना से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए जिला के मत्स्य विभाग से संपर्क कर सकते हैं.