हरियाणा के किसान काफी दिनों से गन्ने की कीमत में बढ़ोतरी करने की मांग कर रहे थे और इसको लेकर आंदोलित थे. इस बीच हरियाणा सरकार ने 10 रुपये प्रति क्विंटल गन्ने का भाव बढ़ाने का फैसला किया है. भले ही किसानों के दबाव के बीच हरियाणा सरकार ने गन्ने का भाव 10 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ा दिया है,लेकिन किसान इससे संतुष्ट नजर नहीं आ रहे हैं. भारतीय किसान यूनियन चढूनी ग्रुप ने इसका विरोध करते हुए आंदोलन जारी रखने का फैसला किया है. किसान महंगाई को देखते हुए 450 रुपये प्रति क्विंटल का भाव मांग रहे हैं.
सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि पिछले वर्ष हमारा गन्ने का रेट 362 था. अब 10 रुपये बढ़ोतरी के साथ इस वर्ष का गन्ने का रेट 372 रुपये रहेगा. अगले साल भी सरकार गन्ने का रेट बढ़ाएगी. सीएम खट्टर ने आगे कहा कि हमने करनाल और पानीपत मिल की क्षमता बढ़ाई है, हम कोशिश करेंगे कि चीनी की रिकवरी भी बढ़े. हमने शाहाबाद, यमुनानगर में एथेनाल प्लांट, नारायणगढ़ में पावर प्लांट लगाकर मिलों को अपग्रेड किया.
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इसके अलावा मुख्यमंत्री खट्टर ने गन्ना किसानों से अपील की है कि अपना गन्ना लेकर मिलों में जाए ताकि कल से विधिवत मिल शुरू हो सकें. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गन्ने की कीमत को तय करने के लिए राज्यस्तरीय कमेटी बनाई गई थी. कमेटी में कृषि मंत्री जेपी दलाल के साथ अतिरिक्त मुख्य सचिव सुमिता मिश्रा भी शामिल थी. उन्होंने रिपोर्ट सीएम को सौंपी, जिसके बाद उन्होंने कीमत बढ़ाने की घोषणा की.
राज्यस्तरीय कमेटी में शामिल ज्यादातर सदस्यों ने गन्ने का मूल्य बढ़ाकर पंजाब से अधिक करने का प्रस्ताव दिया था. हालांकि हरियाणा में कीमत में बढ़ोतरी के बाद भी गन्ने की कीमत 372 रुपए प्रति क्विंटल है और पंजाब में गन्ने की कीमत 380 रुपए प्रति क्विंटल है. ध्यान देने वाली बात यह है कि ऐसा पहली बार है कि हरियाणा में गन्ने की कीमत पंजाब से कम है. गौरतलब है कि हरियाणा में 2014-15 से लेकर पूरे देश में गन्ने का सबसे अधिक भाव किसानों को दिया जाता रहा है. यही वजह है कि यहां की उत्पादकता में बढ़ोतरी हुई है.