मॉनसून में ट्रैक्टर का जरूर रखें ध्यान, जान और काम दोनों के लिए जरूरी हैं ये टिप्स

मॉनसून में ट्रैक्टर का जरूर रखें ध्यान, जान और काम दोनों के लिए जरूरी हैं ये टिप्स

भारत में ट्रैक्टर किसानों का एक अहम साथी है, लेकिन इसका सुरक्षित संचालन बेहद ज़रूरी है. इस लेख में ट्रैक्टर सुरक्षा टिप्स, सावधानियों और दुर्घटनाओं से बचने के उपायों के बारे में पढ़ें.

मॉनसून में ट्रैक्टर का रखें विशेष ध्यानमॉनसून में ट्रैक्टर का रखें विशेष ध्यान
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Aug 06, 2025,
  • Updated Aug 06, 2025, 7:30 AM IST

भारत एक कृषि प्रधान देश है, जहां खेती-बाड़ी किसानों की जीवनरेखा है. इस कार्य में ट्रैक्टर एक ऐसा साथी है, जो जुताई, बुवाई, कटाई और अन्य कृषि कार्यों को आसान बनाता है. ट्रैक्टर न सिर्फ किसानों की मेहनत कम करता है, बल्कि समय की बचत भी करता है. समय के साथ ट्रैक्टर भी आधुनिक और ज्यादा प्रभावशाली हो गए हैं. लेकिन जितना जरूरी ट्रैक्टर का उपयोग है, उतना ही जरूरी उसकी सुरक्षा को लेकर सजग रहना भी है.

ट्रैक्टर सुरक्षा क्या है?

ट्रैक्टर सुरक्षा का मतलब है ट्रैक्टर को सही और सुरक्षित तरीके से चलाना. इसमें ट्रैक्टर के आस-पास काम करते समय संभावित खतरों से बचाव, सतर्कता बरतना और दुर्घटनाओं से बचने के लिए आवश्यक उपाय शामिल होते हैं. इससे न केवल किसान की जान बचाई जा सकती है, बल्कि आर्थिक नुकसान से भी बचा जा सकता है.

ट्रैक्टर सुरक्षा क्यों जरूरी है?

भारत में हर साल कई किसान ट्रैक्टर दुर्घटनाओं का शिकार होते हैं. अधिकतर हादसे अनदेखी, अनुभव की कमी और लापरवाही के कारण होते हैं. अगर किसान ट्रैक्टर को ध्यान से और नियमों के अनुसार चलाएं, तो इन दुर्घटनाओं से बचा जा सकता है. ट्रैक्टर सुरक्षा का पालन करने से न केवल जान की सुरक्षा होती है, बल्कि यह मशीन की उम्र भी बढ़ाता है और कार्य क्षमता में सुधार लाता है.

ट्रैक्टर दुर्घटनाओं के मुख्य कारण

  • अनुभव की कमी: कई बार बिना प्रशिक्षण के ट्रैक्टर चलाने से हादसे होते हैं.
  • असंतुलित लोडिंग: ट्रैक्टर पर ज़्यादा भार डालने से वह असंतुलित होकर पलट सकता है.
  • अत्यधिक गति: तेज रफ्तार से ट्रैक्टर चलाना नियंत्रण खोने का कारण बन सकता है.
  • ऊबड़-खाबड़ रास्ते: खराब रास्तों पर ट्रैक्टर पलटने का खतरा ज़्यादा रहता है.
  • सुरक्षा नियमों की अनदेखी: सीट बेल्ट न पहनना या ROP का इस्तेमाल न करना खतरनाक साबित हो सकता है.
  • रात को बिना रोशनी के चलाना: कम रोशनी में दृश्यता कम होती है, जिससे दुर्घटनाएं बढ़ती हैं.
  • लापरवाही से मोड़ लेना: अचानक और बिना संकेत के मोड़ लेना दूसरे लोगों को भी खतरे में डाल सकता है.

ट्रैक्टर सुरक्षा के 5 जरूरी उपाय

1.नियमित मेंटेनेंस करें

ट्रैक्टर की समय-समय पर जांच और मरम्मत करवाएं. इंजन ऑयल, ब्रेक, क्लच, टायर प्रेशर और लाइट्स की नियमित जांच ज़रूरी है.

2.सुरक्षा उपकरणों का उपयोग करें

हमेशा सीट बेल्ट पहनें. ट्रैक्टर में ROP (Roll Over Protection) और पीछे देखने वाले शीशे लगे होने चाहिए. प्राथमिक चिकित्सा किट और अग्निशामक यंत्र भी ट्रैक्टर में मौजूद होने चाहिए.

3.ट्रैक्टर चलाने की सही तकनीक अपनाएं

मोड़ पर धीमी गति रखें, अचानक ब्रेक न लगाएं और ऊबड़-खाबड़ रास्तों पर सावधानी से चलाएं.

4.ओवरलोडिंग न करें

ट्रैक्टर की भार सीमा का ध्यान रखें. ज़रूरत से ज़्यादा वजन डालने से ट्रैक्टर पलट सकता है.

5.प्रशिक्षित चालक ही ट्रैक्टर चलाएं

ट्रैक्टर चलाने वाला व्यक्ति प्रशिक्षित और लाइसेंसधारी होना चाहिए. उसे खेतों और सड़कों पर चलाने के अलग-अलग नियमों की जानकारी होनी चाहिए.

ट्रैक्टर खेती में किसान का सबसे भरोसेमंद साथी है, लेकिन उसकी सुरक्षा से जुड़ी सावधानियां नजरअंदाज नहीं की जा सकतीं. थोड़ी सी सावधानी बड़ी दुर्घटनाओं को टाल सकती है. हर किसान को चाहिए कि वह ट्रैक्टर चलाते समय सुरक्षा नियमों का पूरी तरह से पालन करे, ताकि खुद की, परिवार की और खेत में काम कर रहे अन्य लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके. सुरक्षित ट्रैक्टर संचालन से ही खेती को सुरक्षित और सफल बनाया जा सकता है.

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