स्टार्टअप के माध्यम से मोटे अनाज से बनाए उत्पादों को मिलेगा बाजार, बढ़ेगा व्यापार  

स्टार्टअप के माध्यम से मोटे अनाज से बनाए उत्पादों को मिलेगा बाजार, बढ़ेगा व्यापार  

मिलेट्स इंटरनेशनल ईयर की वजह से आने वाले समय में ना जाने कितने स्टार्टअप्स को बढ़ावा मिल सकता है. ऐसे स्टार्टअप्स जो पौष्टिक अनाजों से बने उत्पादों को कस्टमर तक पहुंचाने का काम करेंगे. ऐसे में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्‌ के अंतर्गत कार्यरत भारतीय कदन्न अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद द्वारा तकनीकी स्तर पर प्रोत्साहन दिया जा रहा है.

पौष्टिक अनाजों को मिलेगा बढ़ावापौष्टिक अनाजों को मिलेगा बढ़ावा
प्राची वत्स
  • Noida,
  • Jan 10, 2023,
  • Updated Jan 10, 2023, 10:42 AM IST

महामारी के बाद से देश में स्टार्टअप का चलन काफी बढ़ता नजर आ रहा है. लोग खुद के पैरों पर ना सिर्फ खड़े होने का सपना देख रहे हैं बल्कि दूसरों को भी रोजगार देने का काम कर रहे हैं. यह सिलसिला लॉकडाउन के दौरान शुरू हुआ जब आर्थिक मंदी से तंग आकार लोगों को नौकरी से निकालना शुरू कर दिया था. ऐसे में जीवनयापन को सुचारु ढंग से चलाने के लिए लोगों ने खुद का रोजगार शुरू किया और जरूरतमंदों को भी नौकरियां दी. रिपोर्ट के मुताबिक स्टार्टअप ने अब तक लाखों की संख्या में लोगों को नौकरी दी है. देश में फिलहाल 87000 से ज्यादा स्टार्टअप हैं जो रोजगार देने का काम कर रहे हैं. ऐसे में सरकार भी इन स्टार्टअप को अलग-अलग तरीके से मदद करती नजर आ रही है. इसी कड़ी में अब स्टार्टअप मोटे अनाजों से बनाए उत्पादों को बाजार में लाने और उसे बढ़ावा देने को तैयार है.

स्टार्टअप्स देगी मोटे अनाजों को बढ़ावा

स्टार्टअप का क्षेत्र काफी फैलता जा रहा है. हर क्षेत्र में लोग स्टार्टअप के माध्यम से पहुंच कर अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. ऐसे में मिलेट्स इंटरनेशनल ईयर की वजह से आने वाले समय में ना जाने कितने स्टार्टअप्स को बढ़ावा मिल सकता है. ऐसे स्टार्टअप्स जो पौष्टिक अनाजों से बने उत्पादों को कस्टमर तक पहुंचाने का काम करेंगे. आपको बता दें देश में सैकड़ों की संख्या में ऐसे स्टार्टअप्स आगे निकलकर आ चुके हैं जो विभिन्नं पौष्टिक अनाजों के प्रसंस्करित खाद्य उत्पादों को तैयार कर बाजार में बेचने को तैयार हैं.

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भारतीय कृषि अनुसंधान भी कर रही मदद

ऐसे में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्‌ के अंतर्गत कार्यरत भारतीय कदन्न अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद द्वारा तकनीकी स्तर पर प्रोत्साहन दिया जा रहा है ताकि इस तरफ स्टार्टअप्स का रुख तेज़ी से किया जा सके. इस संस्थान में इसके लिए टैक्नोलॉजी इन्क्यूबेटर न्यूट्रीहब की स्थापना की गई है. संस्थान में इन पौष्टिक अनाजों के प्रसंस्करित उत्पाद तैयार करने हेतु 500 से अधिक रेसिपीज तैयार की गई हैं और स्टार्टअप्स को ये उपलब्ध करवाई जा रही हैं.

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स्टार्टअप्स के जरिये बाज़ारों में पहुंचाए जाएंगे मोटे अनाज से बने उत्पाद

इस क्रम में दो सौ से अधिक स्टार्टअप्स द्वारा पौष्टिक अनाजों के रेडी टू ईट (Ready To Eat) तथा रेडी टू कुक (Ready to Cook) श्रेणी में कई प्रकार के उत्पादों को उपभोक्ताओं के लिए बाजार में उतारा गया है. इनमें मोटे अनाजों से बने नूडल्स, पास्ता, कुकीज आदि को शामिल किया गया है. तमिलनाडु के एक स्टार्टअप ने पौष्टिक अनाजों से बने दक्षिण भारतीय पकवान जैसे डोसा, पोंगल, रवा डोसा समेत दर्जनों उत्पाद विकसित किए हैं.

इसी प्रकार हैदराबाद के स्टार्टअप मिलेनोवा ने पौष्टिक अनाजों में फलों एवं सब्जियों को मिश्रित कर विभिन्नअ प्रकार के स्नैक्स तैयार किए हैं. जयपुर के एक अन्य स्टार्टअप वाइज मामा ने स्टार्टर, ब्रेकफास्ट, मिलट नट, देसी मसाला, मिलट आधारित विभिन्नर प्रकार के दलिया जैसे टोमेटो, चीज एवं चीज मिलेट खिचड़ी तैयार की हैं. इसे देखते हुए यह साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि आने वाले दिनों में मिलेट और उससे बनाए गए उत्पादों कि मांग काफी तेज़ी से बढ़ेगी.   

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