दूसरे देशों से आई अफ्रीकन स्वाइन फ्लू बीमारी मध्य प्रदेश में पैर पसार रही है. अभी तक यह बीमारी एमपी के 21 शहरों में फैल चुकी है. जिसे देखते हुए सूअरों को मारने के आदेश दे दिए गए हैं. सूअरों को इंजेक्शन देकर मारा जा रहा है. मारने के बाद सूअरों को जमीन में दबा दिया जा रहा है. बावजूद इसके बीमारी काबू में नहीं आ रही है. एक-एक कर रीवा, शिवपुरी और जबलपुर आदि शहरों में यह बीमारी फैल चुकी है. अगस्त 2022 से शुरू हुआ अफ्रीकन स्वाइन फ्लू इस वक्त बड़ी परेशानी बनता जा रहा है.
अगस्ती 2022 से मध्य प्रदेश में अफ्रीकन स्वाइन फ्लू बीमारी सामने आई थी. बीमारी की गंभीरता को देखते हुए सभी संबंधित विभाग अलर्ट हो गए थे. संक्रमित सूअर को इंजेक्शन देकर मारा जा रहा था. लेकिन कुछ सूअर पालकों ने पशु के लालच में इस बीमारी को छिपा लिया. अपने स्तर से उसका इलाज करने लगे. सोचा की चार-पांच दिन में ठीक हो जाएगा. लेकिन ऐसा हुआ नहीं और यही बीमारी को फैलाने का सोर्स बने.
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एमपी में फैल रहे अफ्रीकन स्वाइन फ्लू के बारे में जब किसान तक ने एनीमल हसबेंडरी कमिश्नर अभिजीत मित्रा से बात की तो उन्होंने बताया कि एमपी का यह मामला हमारे संज्ञान में है. हम लगातार इस पर निगाह रख रहे हैं. राज्य सरकार इस पर काम कर रही है. इस पर काबू पाने के लिए कैसे काम करना है यह गाइड लाइन पहले से बनी हुई है. उसी के मुताबिक राज्य सरकार काम कर रही है. लेकिन अभी यह लगातार फैल रहा है. एक के बाद एक 21 शहरों में फैल चुका है.
इसी को देखते हुए दिल्ली में एनीमल हसबेंडरी डिपार्टमेंट में जरूरी मीटिंग बुलाई गई है. मीटिंग के दौरान अफ्रीकन स्वाइन फ्लू से निपटने की रणनीति पर चर्चा की जाएगी. गौरतलब रहे अभी इस बीमारी की कोई वैक्सीन नहीं है. इलाज के लिए दवाई भी नहीं है.
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जानकारों की मानें तो स्थानीय प्रशासन ने उन इलाकों को सर्विलांस जोन घोषित कर दिया है जहां अफ्रीकन स्वाइन फ्लू से एक भी संक्रमित सूअर है. शहर और प्रदेश से सूअरों के जाने और आने पर पाबंदी लगा दी गई है. सूअर के मीट बिक्री पर भी रोक लगा दी गई है. संक्रमित सूअर को इंजेक्शंन देकर मारा जा रहा है. मारने के बाद एहतियात के तौर पर उसे जमीन में दबा दिया जा रहा है. जिस सूअर पालक के संक्रमित सूअर को इंजेक्शबन लगाया जा रहा है तो उसे सरकारी स्कीम के तहत नियमानुसार मुआवजा भी दिया जा रहा है.
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