सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश में सालाना करीब 127 बिलियन अंडों का उत्पादन होता है. हर साल इस आंकड़े में छह से आठ फीसद की दर से बढ़ोतरी भी हो रही है. हालांकि रफ्तार बहुत धीमी है बावजूद इसके अंडे की खपत बढ़ रही है. आज देश में प्रति व्यक्ति सालाना 95 अंडे खा रहा है. लेकिन पोल्ट्री एक्सपर्ट का मानना है कि अगर ये आंकड़ा 180 पर पहुंच जाए तो इस कारोबार के साथ ही देश की जीडीपी को भी पंख लग जाएंगे. लेकिन एक गलतफहमी ने अंडा कारोबार को पीछे धकेला हुआ है. यही वजह है जो अंडे की खपत को बढ़ने नहीं दे रही है.
नेशनल एग कोआर्डिनेशन कमेटी (एनईसीसी) ‘संडे हो या मंडे रोज खाएं अंडे’ का नारा देती है, लेकिन उसका भी उतना असर देखने को नहीं मिल रहा है. वजह है गलतफहमी, जो अंडे का पीछा नहीं छोड़ रही है. लेकिन कारोबारियों का दर्द है कि अंडा वेज है या नॉनवेज इस सवाल के जवाब को भी कोई मानने को तैयार नहीं है. यही वजह है कि हर महीने किसी न किसी त्यौहार और खास दिन आस्था के चलते अंडे की बिक्री गिर जाती है.
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पोल्ट्री फेडरेशन ऑफ इंडिया के प्रेसीडेंट रनपाल डांडा ने किसान तक को बताया कि अंडा नॉनवेज नहीं वेज फूड है ये साबित करने के लिए हम किसी भी स्तर की जांच कराने के लिए तैयार है. हम देश की किसी भी लैब का सामना करने के लिए भी राजी है. क्योंकि हम जानते हैं कि कई ऐसी वजह हैं जो ये साबित करती हैं कि अंडा नॉनवेज नहीं वेज आइटम है. जैसे अंडा देने वाली मुर्गियों के केज (दड़बे) में मुर्गा नहीं होता है. अंडे वाले पोल्ट्री फार्म में सिर्फ मुर्गियां ही होती हैं. अपनी पूरी जिंदगी में अंडा देने वाली मुर्गी कभी भी मुर्गे के संपर्क में नहीं आती है.
जिस तरह हम भैंस को भूसा और चारा खिलाने के बाद उसका दूध निकालते हैं, ठीक उसी तरह मुर्गियों को फीड (दाना) दिया जाता है. इस फीड को खाने के बाद ही मुर्गियां अंडा देती हैं. अगर हम मुर्गियों के दाने में कमी कर देंगे या उन्हें दाना खाने को नहीं देंगे तो वो अंडा भी नहीं देंगी. इसलिए ये कहना कि अंडा नॉनवेज है एकदम गलत है.
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अंडा मंडी बरवाला, हरियाणा के कारोबारी लकी लाठर का कहना है कि अंडे से जुड़ी वेज और नॉनवेज वाली गलतफहमी को दूर करने के लिए सरकार और मीडिया को आगे आना चाहिए. साथ ही ये मैसेज देने के लिए कि अंडा वेज है सरकार इसे मिड-डे मील में भी शुरू कर सकती है. इससे दोहरा फायदा होगा. एक ओर तो मैसेज जाएगा, वहीं अंडे की खपत भी बढ़ जाएगी और पोल्ट्री फार्मर को रेट भी अच्छे मिलेंगे.