नहीं हो पाई अरविंद केजरीवाल की किसान महापंचायत, प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बोले- 2013 से भी 300 रुपये सस्ता बिक रहा कपास

नहीं हो पाई अरविंद केजरीवाल की किसान महापंचायत, प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बोले- 2013 से भी 300 रुपये सस्ता बिक रहा कपास

गुजरात के राजकोट में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कपास उगाने वाले किसानों की मांग है कि आयात शुल्क हटाया जाए. अगर हमारे किसान कपास मंडी में बेचने जाएंगे तो उन्हें उचित दाम नहीं मिलेगा. 19 अगस्त से कपास पर लगी 11% आयात ड्यूटी हटा दी गई है. इससे किसान आत्महत्या करने पर मजबूर होंगे.

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क‍िसान तक
  • राजकोट,
  • Sep 07, 2025,
  • Updated Sep 07, 2025, 4:32 PM IST

आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को आज गुजरात के राजकोट में कपास के किसानों के संमर्थन में महापंचायत करनी थी, मगर वह स्थगित हो गई. इसको लेकर केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि आज हम किसान महापंचायत करने वाले थे, मगर भारी बारिश की वजह से ग्राउंड में 2-2 फीट पानी भरा हुआ है, इसलिए उसे स्थगित कर दिया गया है. केजरीवाल में कहा कि हमारे कपास उगाने वाले किसानों ने जून-जुलाई के महीने में कर्ज लेकर अपनी मेहनत लगा दी, अक्टूबर-नवंबर में उसकी फसल तैयार हो जाएगी पर उसे सही दाम नहीं मिलेगा. उन्होंने कहा कि किसान सम्मेलन की अगली तारीख जल्द ही बताई जाएगी.

'20 रुपये प्रति किलो सस्ता होगा कपास'

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार ने किसानों के साथ धोखा करते हुए, अमेरिका से आने वाली कपास पर से 11 प्रतिशत ड्यूटी हटा दी. इस ड्यूटी की वजह से यह कपास भारतीय कपास से महंगी होती थी. मगर अब यह ड्यूटी हटने से हमारे किसानों की कपास से अमेरिका की कपास 15-20 रुपये प्रति किलो सस्ती हो जाएगी. जिससे हमारे किसानों की कपास नहीं बिकेगी. केजरीवाल ने आगे कहा कि पहले 40 दिन तक यह ड्यूटी हटाई थी, जो अब 31 दिसंबर तक कर दी गई है. जिससे हमारे किसानों को भारी नुकसान होगा.

'2013 से भी 300 रुपए कम मिल रहा दाम'

दिल्ली के पूर्व सीएम केजरीवाल ने आगे कहा कि साल 2013 में गुजरात में 1500-1700 रुपये प्रति 20 किलो कपास का दाम किसानों को मिलता था. 2014 में पीएम बनने से पहले मोदी जी ने कहा था कि यह 2500 होना चाहिए. वो तो होने से दूर रहा पर आज सिर्फ 1200 रुपए मिलते हैं. यानी कि 2013 से भी 300 रुपए कम मिलते हैं, जबकि सभी चीजों के दाम बढ़े हुए हैं. यह गुजरात के किसानों को कंगाल किया जा रहा है. केन्द्र सरकार अमेरिका के सामने बेबस क्यों है? हमें नहीं पता पर कई बातें चल रही है. कहा जा रहा है अमेरिका में अडानी पर केस चला रहा है और उन्हें जेल हो सकती है, इसलिए मोदी जी ने अडानी को बचाने के लिए ट्रम्प के दबाव में यह फैसला किया है. ऐसी अफवाएं चल रही हैं, मगर सच हमें नहीं पता.

'2100 रुपए/20 किलो दी जाए एमएसपी'

इस दौरान अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम मांग करते हैं कि जो कपास पर से ड्यूटी हटी है, उसे वापस लगाया जाए. हमारे कपास किसानों को 2100 रुपए प्रति 20 किलों की एमएसपी दी जाए. किसानों की सारी चीजों को सस्ता किया जाए. उन्होंने कहा कि हीरा कारीगरों पर भी संकट आया है, यहां भी हमारी केन्द्र सरकार ट्रम्प के सामने घुटने टेक चूकी है. लाखों हीरा कारीगर बेरोजगार हो गए हैं, क्योंकि भारतीय हीरों पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया है, जिससे नुकसान हो रहा है. मगर सरकार कोई कदम नहीं उठा रही.

केजरीवाल ने आगे कहा कि अमेरिका ने कनाडा, यूरोपियन यूनियन पर टैरिफ लगाया तो उन्होंने सामने से टैरिफ लगाया, जिससे ट्रम्प को झुककर टैरिफ वापिस लेना पडा. मगर भारत ने सामने से कोई जवाब नहीं दिया और 11 प्रतिशत ड्यूटी भी कम कर दी. उन्होंने कहा, "मोदी जी उनको आंखें दिखाइए, क्यों कमजोर पड़े हैं, सिर्फ अडानी जी की वजह से?"

(रिपोर्ट: बृजेश दोशी)

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