Tur dal price: 200 रुपये किलो के भाव में क्या गल पाएगी आपकी दाल?

Tur dal price: 200 रुपये किलो के भाव में क्या गल पाएगी आपकी दाल?

पिछले कुछ दिनों में 150 से 200 रुपये किलो तक के भाव तक पहुंच गई है. जबकि पिछले महीने यह दाल सौ से 110 रुपये किलो तक बिक रही थी. ऑनलाइन ग्रॉसरी प्लेटफार्म्स पर भी अरहर की दाल 190 से 225 रुपये प्रति किलो तक बिक रही है. किसान तक ने दाल के बढ़ते भावों को लेकर एक पड़ताल की है. पढ़िए ये रिपोर्ट.

टमाटर के बाद देश में अरहर दाल के भाव भी बढ़ गए हैं. GFX- Sandeep Bhardwajटमाटर के बाद देश में अरहर दाल के भाव भी बढ़ गए हैं. GFX- Sandeep Bhardwaj
माधव शर्मा
  • Jaipur,
  • Jun 28, 2023,
  • Updated Jun 28, 2023, 11:00 AM IST

आपकी थाली थोड़ी और महंगी हो गई है. क्योंकि टमाटर के बाद दालों के भावों में खासी बढ़ोतरी हो रही है. अगर भाव इसी तरह बढ़ते रहे तो मुमकिन है, आने वाले महीनों में टमाटर की तरह आपकी थाली से दाल गायब ही हो जाए. अरहर यानी तूअर की दाल पिछले कुछ दिनों में 150 से 200 रुपये किलो तक के भाव तक पहुंच गई है. जबकि पिछले महीने यह दाल सौ से 110 रुपये किलो तक बिक रही थी. ऑनलाइन ग्रॉसरी प्लेटफार्म्स पर भी अरहर की दाल 190 से 225 रुपये प्रति किलो तक बिक रही है. यही हाल बाजार में किराने की दुकानों का है. फिलहाल यह उछाल जारी है. सरकार की तमाम कोशिशों के बाद भी अरहर दाल के भावों में कमी नहीं आ पा रही है.

हालांकि 27 जून को केन्द्र सरकार ने अपने बफर स्टॉक से दाल जारी करने का निर्णय लिया है, लेकिन दाल का साथी टमाटर भी इन दिनों सौ रुपये किलो बिक रहा है. दाल और टमाटर दोनों के महंगे होने से आम लोगों की थाली का बजट ही गड़बड़ा गया है.

तो क्या इसीलिए बढ़ी अरहर की कीमतें? 

केन्द्र सरकार ने इसी महीने की दो तारीख को जमाखोरी, गैर-कानूनी सट्टेबाजी रोकने के लिए आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 को लागू करके अरहर और उड़द की भंडारण सीमा लागू की थी. इस आदेश के तहत, सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लिए 31 अक्टूबर 2023 तक अरहर और उड़द की स्टॉक सीमा निर्धारित की गई है. 

इसमें हर प्रकार की दालों के लिए व्यक्तिगत रूप से दालों की भंडारण सीमा थोक विक्रेताओं के लिए 200 मीट्रिक टन,  खुदरा विक्रेताओं के लिए 5 मीट्रिक टन, बड़ी श्रृंखला वाले खुदरा विक्रेताओं के लिए प्रत्येक खुदरा दुकान पर पांच मीट्रिक टन, डिपो पर 200 मीट्रिक टन तथा  मिल मालिकों के लिए उत्पादन के अंतिम तीन महीने या वार्षिक क्षमता का 25 प्रतिशत  जो भी अधिक हो, वहीं भंडारण सीमा लागू की गई है. इस आदेश में इन संस्थाओं के लिए विभाग के पोर्टल पर स्टॉक स्थिति की घोषणा करना भी अनिवार्य कर दिया गया है. 

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जानिए क्या हैं दालों के भाव?

अलग-अलग शहरों में इन दिनों दाल के भाव बेहद चढ़े हुए हैं. बीते कुछ दिनों में ही अरहर के दामों में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी हुई है. इससे आम आदमी पर बोझ और बढ़ गया है. क्योंकि भारत में अरहर की दाल ही सबसे अधिक मात्रा में खाई जाती है. 

ये हैं देश में अलग-अलग शहरों दालों के अनुमानित भाव. GFX- Sandeep Bhardwaj


केन्द्र सरकार ने की बफर स्टॉक से पूर्ति की घोषणा

अरहर की बढ़ती कीमतों पर काबू पाने के लिए केन्द्र सरकार ने भी एक्शन लिया है. हालांकि यह अगले कुछ दिनों में पता चल पाएगा कि इसका असर होगा या नहीं. दरअसल, केन्द्र सरकार ने 27 जून को भारत में आयात की जाने वाली दालों का नया स्टॉक आने तक बफर स्टॉक यानी राष्ट्रीय सुरक्षित भंडार से दाल रिलीज करने का निर्णय लिया.

सरकार ने 27जून को अपने बफर स्टॉक से दाल जारी करने का निर्णय लिया.

इसके लिए खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के उपभोक्ता मामले विभाग ने राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (नेफेड) और राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (एनसीसीएफ) को आम लोगों के लिए अरहर की मिलिंग के लिए मिल मालिकों को ऑनलाइन नीलामी से अरहर उपलब्ध कराया जाएगा. 

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बढ़ती कीमतों पर सरकार का क्या कहना है? 

सरकार का कहना है कि भंडारण सीमा आदेश को लागू करने और पोर्टल पर स्टॉक का खुलासा करने की स्थिति की उपभोक्ता मामले विभाग और राज्य सरकारों की ओर से लगातार निगरानी की जा रही है. इस संबंध में, सेंट्रल वेयर हाउसिंग कॉरपोरेशन (सीडब्ल्यूसी) और राज्य वेयर हाउसिंग कॉरपोरेशन (एसडब्ल्यूसी) के गोदामों में विभिन्न संस्थाओं द्वारा रखे गए स्टॉक, बाजार के दिग्गजों द्वारा बैंकों के पास गिरवी रखे गए स्टॉक आदि के आंकड़ों और स्टॉक प्रकटीकरण पोर्टल पर घोषित मात्रा की परस्पर जांच की गई है. 

दालों की बढ़ती कीमतों के बीच सरकार का कहना है कि राज्य सरकारें अपने-अपने राज्यों में दाल की कीमतों पर लगातार निगरानी रख रही हैं. साथ ही भंडारण सीमा आदेश का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई करने के लिए भंडार करने वाली संस्थाओं की भंडारण स्थिति का निरंतर मॉनिटरिंग भी कर रही हैं.


 

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