रोहतक जिले के कई गांवों में जलभराव से परेशान किसानों ने सोमवार को उपायुक्त (DC) कार्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया. किसानों की मांग थी कि जलनिकासी की व्यवस्था तुरंत की जाए और उन्हें फसलों के नुकसान का मुआवजा दिया जाए. किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने उपायुक्त से मुलाकात कर अपनी मांगों का ज्ञापन भी सौंपा. किसान सभा जिला सचिव बलवान सिंह ने बताया कि महम, कलानौर और सांपला क्षेत्र के लगभग 20 गांवों के किसान भारी नुकसान से जूझ रहे हैं.
इनमें सायमण, बेदवा, भैणी सुरजन, भैणी माटो, भैणी महाराजपुर, भैणी भैरों, सिसर, बलांभा, निंदाना, खेरी महम, भैणी चंदरपाल, फरमाना खास, बैंसी, खरक, पटवापुर, बनियानी, मधोड़ी, लाहली, कुलताना और चुलाना शामिल हैं.
हाल की बारिश के बाद हजारों एकड़ खेतों में पानी भर गया है. किसानों ने धान, बाजरा, कपास, ज्वार और गन्ने की फसलें लगाई थीं, जिन पर उन्होंने प्रति एकड़ ₹15,000 तक खर्च किया था. लेकिन जलभराव के कारण सारी फसलें बर्बाद हो गईं.
किसान नेताओं का कहना है कि कई गांवों की हालत ऐसी है कि अब आगामी गेहूं की फसल की बुआई भी मुश्किल हो गई है.
किसानों ने निम्नलिखित मांगे रखी हैं:
उपायुक्त धर्मेंद्र सिंह ने किसानों को आश्वासन दिया कि फसलों को और नुकसान से बचाने के लिए तुरंत जलनिकासी करवाई जाएगी. उन्होंने सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता को निर्देश दिए हैं कि प्रभावित गांवों में पानी निकालने के लिए जरूरी उपकरण और संसाधन तुरंत भेजे जाएं.
साथ ही, उन्होंने किसानों को भरोसा दिलाया कि ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल जल्द खोला जाएगा ताकि किसान अपना नुकसान दर्ज कर सकें.
किसानों ने यह भी मांग की है कि स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान रोहतक आ रहे मुख्यमंत्री से किसानों के प्रतिनिधियों की बैठक करवाई जाए, ताकि वे अपनी समस्याएं सीधे उनके सामने रख सकें.
किसानों ने साफ कहा है कि अगर उनकी मांगें जल्द पूरी नहीं की गईं, तो वे अपना आंदोलन और तेज करेंगे. रोहतक जिले के किसान इस समय बहुत ही कठिन दौर से गुजर रहे हैं. जलभराव ने उनकी मेहनत और पूंजी दोनों को डुबो दिया है. सरकार को चाहिए कि वह त्वरित कार्रवाई कर किसानों को राहत दे और भविष्य में इस समस्या से बचाव के लिए स्थायी समाधान निकाले.