बारिश में जलभराव से परेशान किसानों का प्रदर्शन, डीसी ने दिए तुरंत निकासी के आदेश

बारिश में जलभराव से परेशान किसानों का प्रदर्शन, डीसी ने दिए तुरंत निकासी के आदेश

रोहतक के किसानों ने जलभराव और फसल नुकसान के खिलाफ डीसी कार्यालय पर प्रदर्शन किया. क्या है उनकी मुख्य मांगें और प्रशासन द्वारा दिए गए आश्वासन.

खेतों में पानी भरने से किसान परेशान (सांकेतिक फोटो)खेतों में पानी भरने से किसान परेशान (सांकेतिक फोटो)
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Aug 12, 2025,
  • Updated Aug 12, 2025, 11:52 AM IST

रोहतक जिले के कई गांवों में जलभराव से परेशान किसानों ने सोमवार को उपायुक्त (DC) कार्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया. किसानों की मांग थी कि जलनिकासी की व्यवस्था तुरंत की जाए और उन्हें फसलों के नुकसान का मुआवजा दिया जाए. किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने उपायुक्त से मुलाकात कर अपनी मांगों का ज्ञापन भी सौंपा. किसान सभा जिला सचिव बलवान सिंह ने बताया कि महम, कलानौर और सांपला क्षेत्र के लगभग 20 गांवों के किसान भारी नुकसान से जूझ रहे हैं.

इनमें सायमण, बेदवा, भैणी सुरजन, भैणी माटो, भैणी महाराजपुर, भैणी भैरों, सिसर, बलांभा, निंदाना, खेरी महम, भैणी चंदरपाल, फरमाना खास, बैंसी, खरक, पटवापुर, बनियानी, मधोड़ी, लाहली, कुलताना और चुलाना शामिल हैं.

भारी बारिश से फसलों का हुआ नुकसान

हाल की बारिश के बाद हजारों एकड़ खेतों में पानी भर गया है. किसानों ने धान, बाजरा, कपास, ज्वार और गन्ने की फसलें लगाई थीं, जिन पर उन्होंने प्रति एकड़ ₹15,000 तक खर्च किया था. लेकिन जलभराव के कारण सारी फसलें बर्बाद हो गईं.

किसान नेताओं का कहना है कि कई गांवों की हालत ऐसी है कि अब आगामी गेहूं की फसल की बुआई भी मुश्किल हो गई है.

किसानों की मुख्य मांगें

किसानों ने निम्नलिखित मांगे रखी हैं:

  • खेतों से पानी निकालने के लिए मोटर और पंप सेट की व्यवस्था
  • नुकसान का आकलन करने के लिए गिरदावरी कराई जाए
  • ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल तुरंत खोला जाए ताकि किसान नुकसान दर्ज करवा सकें
  • प्रति एकड़ ₹40,000 का मुआवजा दिया जाए
  • रोहतक को बाढ़ प्रभावित जिला घोषित किया जाए
  • जलभराव की स्थायी समस्या का समाधान किया जाए

डीसी का आश्वासन

उपायुक्त धर्मेंद्र सिंह ने किसानों को आश्वासन दिया कि फसलों को और नुकसान से बचाने के लिए तुरंत जलनिकासी करवाई जाएगी. उन्होंने सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता को निर्देश दिए हैं कि प्रभावित गांवों में पानी निकालने के लिए जरूरी उपकरण और संसाधन तुरंत भेजे जाएं.

साथ ही, उन्होंने किसानों को भरोसा दिलाया कि ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल जल्द खोला जाएगा ताकि किसान अपना नुकसान दर्ज कर सकें.

मुख्यमंत्री से मुलाकात की मांग

किसानों ने यह भी मांग की है कि स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान रोहतक आ रहे मुख्यमंत्री से किसानों के प्रतिनिधियों की बैठक करवाई जाए, ताकि वे अपनी समस्याएं सीधे उनके सामने रख सकें.

आंदोलन हो सकता है तेज

किसानों ने साफ कहा है कि अगर उनकी मांगें जल्द पूरी नहीं की गईं, तो वे अपना आंदोलन और तेज करेंगे. रोहतक जिले के किसान इस समय बहुत ही कठिन दौर से गुजर रहे हैं. जलभराव ने उनकी मेहनत और पूंजी दोनों को डुबो दिया है. सरकार को चाहिए कि वह त्वरित कार्रवाई कर किसानों को राहत दे और भविष्य में इस समस्या से बचाव के लिए स्थायी समाधान निकाले.

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