Basmati Export: पाकिस्‍तान के बासमती चावल का निर्यात कर रही यूरोप में मौजूद भारत की कंपनियां?  

Basmati Export: पाकिस्‍तान के बासमती चावल का निर्यात कर रही यूरोप में मौजूद भारत की कंपनियां?  

सूत्रों की मानें तो पाकिस्तान से यूरोप और बाकी देशों को भेजे जाने वाले इन शिपमेंट्स के बाद दो बड़ी चिंताएं सामने आई हैं. पहली है कि भारत हमेशा से यह कहता आया है कि उसके यहां पैदा होने वाला बासमती चावल खूशबूदार है. दूसरा मुद्दा यह है कि क्‍या ऐसे काम यूरोप में भारतीय किस्‍म को  जीआई टैग मिलने के रास्‍त में मुश्किलें नहीं पैदा करेंगे? 

Basmati Rice Export Farm Seed Centre and lab Tarn TaranBasmati Rice Export Farm Seed Centre and lab Tarn Taran
क‍िसान तक
  • New Delhi ,
  • Aug 12, 2025,
  • Updated Aug 12, 2025, 10:45 AM IST

यूरोप से बासमती चावल के निर्यात को लेकर एक ऐसी खबर आ रही है जो अमेरिका के साथ जारी ट्रेड वॉर के बीच चिंताओं में इजाफा करने वाली है. एक रिपोर्ट की मानें तो यूरोप में मौजूद कुछ भारतीय कंपनियों की शाखाएं पाकिस्‍तान के बासमती चावल को यूरोप और बाकी देशों में एक्‍सपोर्ट कर रही हैं. यह तब हो रहा है जब भारत ने पाकिस्‍तान के साथ व्‍यापार पूरी तरह से प्रतिबंधित किया हुआ है. 

पड़ोसी के साथ रणनीतिक सहयोग 

अखबार बिजनेसलाइन ने कृषि उत्पादों के आयात-निर्यात के ग्‍लोबल आंकड़ों के हवाले से बताया है कि यूरोप में स्थित भारतीय लिस्‍टेड कंपनियों की कुछ सहायक कंपनियां और भारतीयों की तरफ से विदेशों में बनाई गईं कंपनियां पाकिस्तान से यूरोप और बाकी जगहों के लिए बासमती चावल की सप्‍लाई कर रही हैं. सिर्फ इतना ही नहीं भारत से बासमती चावल का निर्यात करने वाली कुछ यूरोपियन कंपनियां भी पड़ोसी देश के साथ 'रणनीतिक सहयोग' कर रही हैं. 

जो भारतीय कंपनियां यूरोप की आड़ में पाकिस्‍तान के साथ व्‍यापार में लगी हुई हैं, वो नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE)और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) में लिस्‍टेड हैं. इस सप्‍लाई में 2 मई, 2025 के बाद पाकिस्तान से निर्यात किया गया 14,300 टन बासमती चावल शामिल है. उस समय विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने भारतीय कंपनियों को 'पाकिस्तान से आने-जाने वाले सभी सामानों के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष आयात या ट्रांजिट' को बैन कर दिया था. यह बैन 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद लगाया था जिसमें 26 भारतीय पर्यटकों की हत्या कर दी गई थी. इस हमले को प‍ाकिस्‍तान में स्थित आतंकियों ने अंजाम दिया था. 

GI टैग के लिए मुश्किलें? 

सूत्रों की मानें तो पाकिस्तान से यूरोप और बाकी देशों को भेजे जाने वाले इन शिपमेंट्स के बाद दो बड़ी चिंताएं सामने आई हैं. पहली है कि भारत हमेशा से यह कहता आया है कि उसके यहां पैदा होने वाला बासमती चावल खूशबूदार है. दूसरा मुद्दा यह है कि क्‍या ऐसे काम यूरोप में भारतीय किस्‍म को  जीआई टैग मिलने के रास्‍त में मुश्किलें नहीं पैदा करेंगे? 

एक लिस्‍टेड कंपनी ने पाकिस्‍तान से दो खेप में 125 टन पाकिस्‍तानी बासमती चावल का निर्यात किया जो अल वहाब राइस मिल से आया था. इसे तीन मई से 4 जून के बीच निर्यात किया गया था. DGFT के बैन के बाद भी इस खेप को नीदरलैंड्स भेजा गया. इसके अलावा दो कंपनियां जिन्‍हें भारतीयों ने यूरोप में शुरू किया है, उसने पाकिस्‍तान से यूके की बाजार में 9000 टन बासमती चावल का निर्यात किया. यह निर्यात 6 मई से 29 जून तक किया गया. इन कंपनियों के निर्यात की कुल कीमत दो मई के बाद करीब 13.5 मिलियन डॉलर रही है. 

एपीडा ने किया इनकार 

एपीडा के एक अधिकारी के हवाले से अखबार ने जानकारी दी है कि कोई भी भारतीय की  कंपनी पाकिस्‍तान से बासमती को सोर्स नहीं कर रही है. एपीडा की मानें तो भारतीय मूल के निर्यातक हो सकता है कि पाकिस्‍तान से चावल मंगा रहे हो लेकिन इनका भारत से कोई लेना-देना नहीं है. अधिकारी की मानें तो अगर भारतीय कंप‍नियां पाकिस्‍तान से बासमती को सोर्स करती हुई पाईं गई तो फिर उन्‍हें ब्‍लै‍कलिस्‍ट कर दिया जाएगा.  जो आंकड़ें हैं, उन पर अगर यकीन करें तो इन कंपनियों ने पिछले 10 सालों में पाकिस्‍तान से जो बासमती चावल यूरोप भेजा है उसकी कीमत करीब 2.5 अरब डॉलर है. सूत्रों का कहना है कि यह नैतिकता और सिंद्धातों से जुड़ा हुआ मामला है. इन कंपनियों का पाकिस्‍तान के बासमती निर्यात में हर साल 30 फीसदी का योगदान है. 

किस किस्‍म से उठाया फायदा 

सूत्रों के अनुसार भारतीय कंपनी की एक सहायक कंपनी ने 88,851 टन बासमती चावल का आयात किया जिसकी कीमत 642 करोड़ रुपये थी. इसे 1 जनवरी 2020 से 30 जून 2025 तक पाकिस्‍तान से आयात किया गया. जब अक्‍टूबर 2023 में भारत सरकार ने बासमती पर न्‍यूनतम निर्यात कीमत (MEP) को बढ़ा दिया तो यह निर्यात करीब तीन गुना तक बढ़ गया. एक और भारतीय कंपनी जिसने 9 हजार टन बासमती पाकिस्‍तान से सोर्स किया, उसने हालांकि दो मई के बाद से ऐसा करना बंद कर दिया है. 

वहीं दो यूरोपियन कंपनियां जिनकी भारत में शाखा है, उन्‍होंने पाकिस्‍तान से हर साल 1.5 लाख टन बासमती का आयात किया. आंकड़ों से पता लगता है कि पाकिस्‍तान ने इस व्‍यापार से करीब 11000 करोड़ रुपये भी कमाए हैं. यह रकम उसने 1121 बासमती चावल का ट्रेड करके कमाए हैं जो भारत के पूसा-1121 का ही नकली वर्जन है. 

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