चावल निर्यात पर प्रतिबंधों और शुल्क हटाए जाने के बाद से भारतीय चावल की शिपमेंट में भारी उछाल आया है. इसके नतीजे में वैश्विक बाजार में चावल की कीमतों में तेजी से गिरावट दर्ज की गई है. पिछले एक पखवाड़े में वैश्विक बाजार में चावल की कीमतों में 10 फीसदी से अधिक की गिरावट दर्ज की गई है. इसकी मुख्य वजह भारतीय चावल की अधिक पहुंच और पाकिस्तान के साथ ही म्यांमार की नई फसल का बाजार में पहुंचना है.
केंद्र सरकार ने जुलाई 2023 में घरेलू आपूर्ति और कीमत नियंत्रण के लिए चावल के निर्यात पर रोक लगाने के साथ ही भारी एमईपी लागू कर दिया था. इस रोक और शुल्क को बीते दिनों ही हटाया गया है, जब घरेलू बाजार में खरीफ सीजन की नई फसल की आवक शुरू हो गई है. नई दिल्ली स्थित एक निर्यातक ने कहा कि स्थानीय मुद्राओं के मुकाबले मजबूत डॉलर के कारण चावल के शिपमेंट को छूट के साथ भेजा जा रहा है. केंद्र के निर्यात खोलने का निर्णय तब लिया गया है, जब पाकिस्तान और म्यांमार से नई फसल आ गई है. चावल खरीदारों के लिए यह स्थिति काफी लाभदायक साबित हुई है.
बीते दिन बुधवार को थाईलैंड के 5 फीसदी टूटे हुए सफेद चावल की निर्यात कीमत घटकर 507 डॉलर प्रति टन थी, जो 16 अक्टूबर को 529 डॉलर प्रति टन दर्ज की गई थी. इसी तरह वियतनाम के चावल की कीमत 537-541 डॉलर पर बनी हुई है और इसमें गिरावट की उम्मीद जताई गई है. पाकिस्तान के चावल की कीमत घटकर 463-467 डॉलर है, जो एक पखवाड़े पहले 481-485 डॉलर थी. इनके मुकाबले भारत की कीमतें 488-492 डॉलर की तुलना में गिरकर 444-448 डॉलर पर आ गई हैं.
25 फीसदी टूटे सफेद चावल की कैटेगरी में भारत 491-495 डॉलर की तुलना में 434-438 डॉलर प्रति टन कार्गो की पेशकश कर रहा है. पाकिस्तान के चावल की कीमत 424-428 डॉलर पर है जो एक पखवाड़े पहले यह 440-444 डॉलर थी. थाईलैंड 491 डॉलर और वियतनाम 497-502 डॉलर कीमत है. उबले चावल में थाईलैंड अपने 100 फीसदी सॉर्टेक्स्ड चावल की कीमत 522 डॉलर है, जबकि पाकिस्तान चावल की कीमत 493-497 डॉलर पर दे रहा है. वहीं, भारत के उबले चावल की कीमत सबसे 439-443 डॉलर है.
रिपोर्ट के अनुसार वियतनाम को हमारे सफेद चावल की खेप कंटेनर में लागत और माल ढुलाई के 495 डॉलर प्रति टन से गिरकर 475 डॉलर प्रति टन पर आ गई है. इससे खरीदारों को मदद मिल रही है. शिपमेंट की कमी के कारण कंटेनर की कीमतें तेजी से गिरकर 100 डॉलर पर आ गई हैं. चावल निर्यातक संघ (TREA) ने कहा कि मांग अच्छी है. कीमतों में थोड़ी तेजी आ सकती है क्योंकि फिलीपींस के व्यापारी स्टॉक करने में रुचि रखते हैं. फिलीपींस के व्यापारी 475-480 डॉलर की लागत और माल ढुलाई पर कंटेनरों में चावल खरीद रहे हैं.
भारत सरकार के लिए असली मुद्दा अगले कुछ हफ्तों में पंजाब से रेल रेक के जरिए 40 लाख टन चावल ले जाना होगा. क्योंकि, केंद्र, राज्य और किसानों के बीच नई धान आवक के चलते स्टोरेज किल्लत बड़ा मुद्दा बना हुआ है. ऐसे में केंद्र पंजाब के गोदामों को पहले खाली करने की कोशिशों में जुटा है. भारत की बदौलत वैश्विक समुदाय को सस्ता भोजन उपलब्ध होगा. नई दिल्ली के एक व्यापार विश्लेषक ने कहा कि मलेशिया जैसे देश पाइपलाइन में स्टॉक बनाने के लिए चावल का आयात करने की कोशिश कर सकते हैं. चीन से भी चारे और नूडल्स बनाने जैसे अन्य उद्देश्यों के लिए अच्छी मात्रा में चावल खरीद करने की उम्मीद है.