कंधे पर 'हल' लादकर महाराष्‍ट्र विधानसभा कूच पर निकला किसान, बुजुर्ग दंपति का वीडियो देख उठाया कदम

कंधे पर 'हल' लादकर महाराष्‍ट्र विधानसभा कूच पर निकला किसान, बुजुर्ग दंपति का वीडियो देख उठाया कदम

Latur Farmer March: लातूर के सहदेव वोनाले किसानों की मांगों को लेकर हल कंधे पर उठाकर 500 किमी पैदल विधानभवन की ओर निकले हैं. बीमा, कर्जमाफी, बीज और MSP को लेकर वे आंदोलन कर रहे हैं. प्रशासन से निराश होकर उन्होंने यह कदम उठाया है.

Latur Farmer Mumbai KoochLatur Farmer Mumbai Kooch
अनिकेत जाधव
  • Latur,
  • Jul 05, 2025,
  • Updated Jul 05, 2025, 11:51 PM IST

महाराष्ट्र के लातूर जिले के अहमदपुर तहसील के हाडोलती गांव के बुजुर्ग किसान दंपति का वीडियो वायरल होने के बाद इसी तहसील के एक किसान ने भी अनूठा कदम उठाया है. दरअसल, धानोरा गांव के रहने वाले किसान सहदेव वोनाले ने किसानों से जुड़ी मांगों को लेकर खुद के कंधे पर हल लेकर पैदल चलते हुए मुंबई  के विधानभवन की ओर पैदल मोर्चा निकाला है. सहदेव अपने गांव धनोरा से लेकर अकेले ही पैदल हाथों में खेती में इस्‍तेमाल होने वाला हल लेकर मुंबई में विधानसभा की ओर चल पड़े हैं. 

500 किलोमीटर पैदल यात्रा पर सहदेव

सहदेव ने बताया कि किसानों से जुड़ी अपनी मांगों को महाराष्ट्र सरकार के सामने रखने के लिए लातूर से मुंबई के विधानभवन तक की लकभग 500 किलोमीटर की दूरी वो पैदल चलते हुए जाकर ही पूरी करेंगे. फिलहाल 50 किलोमीटर की दूरी उन्होंने पैदल चलकर पूरी की है और वो बीड जिले के अंबाजोगाई शहर तक पहुंचे हैं. सहदेव वोनाले ने अपनी मांगों को लेकर बताते हुए कहा कि मैं पिछले दो सालों से अहमदपुर तहसील में किसानों की मांगों को लेकर आंदोलन कर रहा हूं. लेकिन, ज़िला प्रशासन हमारी ओर ध्यान नहीं दे रहा है. 

फसल खराबे और सुखाड़ की समस्‍या

किसान ने बताया कि अहमदपुर तहसील क्षेत्र में हर साल ओलावृष्टि और सूखे के कारण फसलें खराब हो जाती हैं, लेकिन अभी तक पिछले दो सालों में अहमदपुर के किसानों को बीमा की राशि‍ का भुगतान नहीं मिला है. सूखे की वजह से यहां के किसानों का खेती की लागत भी निकालना मुश्किल है, जिस कारण से हर किसान ने खेती के लिए अपने सिर कर्ज ले रखा है. सरकार ने कर्ज माफ करने का आश्वासन दिया था, लेकिन अभी तक कर्ज माफी नहीं हुई है. 

योजना का लाभ नहीं मिलने का आरोप

सरकार की ओर से किसानों को अच्छे क्वालिटी का बीज मिले इसके लिए नेफेड योजना लाई गई थी, लेकिन सिर्फ 7% लोगों को ही इस योजना द्वारा बीज मिला है. 93% किसान सरकार के पास बीज न होने के कारण इस योजना का लाभ नहीं ले सके. मवेशियों के लिए शेड और गोठा MREGS स्कीम जो किसानों के लिए निकली गई थी इसका भी अनुदान साल 2023 से किसानों को नहीं मिला है. 

सोयाबीन भाव का उठाया मुद्दा

किसान ने कहा कि फिलहाल केंद्र और राज्य में भी NDA (बीजेपी) की सरकार है, जिनके नेता देवेंद्र फडणवीस और पाशा पटेल है. इन्होंने नागपुर में बड़ा मोर्चा निकलते हुए सोयाबीन पर 6000 रुपये प्रति क्विंटल MSP देने की बात कही थी,  लेकिन पिछले 10 सालों से ये सरकार में है, लेकिन अभी तक किसानों को सोयाबीन का 4500 के ऊपर भाव भी नहीं मिल पा रहा है. 

सहदेव ने कहा कि कुछ दिनों पहले इसी अहमदपुर तहसील के एक किसान के जोड़े का वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वह खुद हल चलाते हुए दिख रहे हैं. उन्होंने कर्ज उठाया हुआ है. पुराना कर्ज चुकता नहीं कर सकते, इसलिए नया उन्हें नहीं मिला है. जिससे मजबूर होकर इस किसान के जोड़े को खुद ही हल को बांधकर हल को जोतना पड़ा. इसीलिए मैं भी अब हल लेकर ही महाराष्ट्र की विधानसभा की ओर इन मांगों को लेकर पैदल जा रहा हूं.

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