UP News: जेवर एयरपोर्ट के पास कृषि निर्यात के लिए बनेगा इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर, एक छत के नीचे होंगी सभी सुवि‍धाएं

UP News: जेवर एयरपोर्ट के पास कृषि निर्यात के लिए बनेगा इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर, एक छत के नीचे होंगी सभी सुवि‍धाएं

Agri Export Facility: जेवर एयरपोर्ट के पास विश्व स्तरीय कृषि-निर्यात सुविधा बनेगी, जहां एक छत के नीचे फलों व सब्जियों के निर्यात से जुड़ी सभी प्रक्रियाएं होंगी. अमेरिका-जापान जैसे देशों की जरूरतों के हिसाब से टेस्टिंग व ट्रीटमेंट संभव होगा, जिससे किसानों की आय बढ़ेगी.

Jevar agri export facilityJevar agri export facility
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Jul 05, 2025,
  • Updated Jul 05, 2025, 1:48 PM IST

उत्‍तर प्रदेश के बागवानी किसानों के लिए अच्‍छी खबर सामने आई है. दरअसल, यहां नोएडा के जेवर में बन रहे अंतरराष्‍ट्रीय एयरपोर्ट से कृषि और बागवानी उत्‍पादों के निर्यात को बढ़ावा देने की तैयारी है. इसके लिए राज्‍य सरकार एयरपोर्ट के पास एक विश्व स्तरीय कृषि-निर्यात सुविधा बनाने की योजना बना रही है. राज्‍य के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. मनोज कुमार सिंह ने लखनऊ में उत्तर प्रदेश आम महोत्सव 2025 के उद्घाटन के अवसर पर जानकारी दी कि यह सुविधा- भारत में अपनी तरह की पहली सुविधा होगी. इससे पड़ोसी राज्यों को भी अपने कृषि और बागवानी उत्पादों का निर्यात करने में मदद मिलेगी.

3.25 लाख हेक्टेयर में आम की खेती

उन्‍होंने आम उत्पादन में राज्य के दबदबे पर बात करते हुए कहा कि प्रदेश में 3.25 लाख हेक्टेयर में आम की खेती की जा रही है और हम वर्तमान में लगभग 6.15 मिलियन मीट्रिक टन आम का उत्पादन कर रहे हैं. यही वजह है कि हम आम उत्पादन के मामले में भारत में नंबर एक राज्य हैं. उन्होंने यूपी के आमों की अंतरराष्ट्रीय लोकप्रियता को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समर्थन को श्रेय दिया और बताया कि उत्तर प्रदेश के आम पहले ही लगभग 20 देशों में पहुंच चुके हैं. मुख्यमंत्री ने लंदन और संयुक्त अरब अमीरात के लिए नए निर्यात खेप को हरी झंडी दिखाई.

एक छत के नीचे सभी एक्‍सपोर्ट संबंधी सुविधाएं

सिंह ने कहा कि निर्माणाधीन जेवर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास बनने वाली यह सुविधा कृषि निर्यात के लिए एक बड़ा बदलाव साबित होगी. उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय निर्यात के लिए जरूरी सभी प्रकार के उपचार और परीक्षण सुविधाएं एक एकीकृत परिसर में उपलब्ध कराई जाएंगी. इस तरह के केंद्र की जरूरत के बारे में बताते हुए सिंह ने कहा कि विभिन्न देशों की फाइटोसैनिटरी जरूरतें अलग-अलग हैं. उदाहरण के लिए अमेरिका को भेजे जाने वाले आमों को गामा विकिरण उपचार की जरूरत होती है, जबकि जापान को भेजे जाने वाले आमों को गर्म पानी के वाष्प उपचार की जरूरत होती है.

विश्‍व बैंक के साथ चल रही है बातचीत

इसके अलावा, कीटनाशक अवशेषों के स्तर और अन्य मापदंडों के लिए परीक्षण भी होते हैं. अभी तक भारत में ऐसी कोई जगह नहीं है, जहां निर्यात से संबंधित ये सभी उपचार एक ही छत के नीचे उपलब्ध हों. उन्होंने बताया कि इस परियोजना को समर्थन देने के लिए विश्व बैंक के साथ बातचीत चल रही है. एक बार चालू हो जाने पर, यह सुविधा उत्तर प्रदेश और पड़ोसी राज्यों से कृषि और बागवानी उत्पादों को उपचारित, परीक्षण, पैकेजिंग और कार्गो विमानों के माध्यम से सीधे जेवर से निर्यात करने में सक्षम बनाएगी. 

जेवर एयरपोर्ट से बड़ी मात्रा में होगा निर्यात

सिंह ने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण कदम है. खासकर भारत जैसे देश और उत्तर प्रदेश जैसे राज्य के लिए, जहां लगभग 75 प्रतिशत भूमि पर खेती होती है और लगभग 86 प्रतिशत कृषि भूमि सिंचित है. इसके बावजूद हमारे कृषि-निर्यात अभी तक एयर कार्गो के माध्यम से पूरी तरह से शुरू नहीं हुए हैं. एक बार जेवर एयरपोर्ट चालू हो जाने के बाद, दुनिया भर के देशों में बड़ी मात्रा में निर्यात शुरू हो जाएगा.

एक्‍सपोर्ट से बढ़ेगी किसानों की आय!

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि किसानों की आय बढ़ाना तभी संभव है जब भारतीय खेतों से प्राप्त उत्पादों को समृद्ध देशों में बेचा जा सके. सिंह ने यह भी बताया कि सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में, बागवानी मंत्री और वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम जल्द ही यूपी के उत्पादों को प्रदर्शित करने के लिए कई देशों का दौरा करेगी, जिसमें इसके प्रसिद्ध आम भी शामिल हैं.

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर जिले के जेवर क्षेत्र में नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बन रहा है. निर्धारित समय से पीछे चल रहे ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे का पहला चरण 2024 में खुलने वाला था, लेकिन आज तक इसकी वाणिज्यिक गतिविधियों के शुभारंभ पर कोई आधिकारिक अपडेट नहीं है. (पीटीआई)

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