हिमाचल प्रदेश सहित देशभर के सेब उत्पादकों को बड़ी राहत देते हुए केंद्र सरकार ने सेब का न्यूनतम आयात मूल्य (MIP) 30 रुपये प्रति किलोग्राम बढ़ा दिया है. अब एमआईपी 50 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़ाकर 80 रुपये प्रति किलोग्राम हो गया है. केंद्रीय कृषि मंत्री की मंजूरी के बाद इसमें संशोधन किया गया है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश प्रवक्ता चेतन सिंह बरागटा ने शुक्रवार को शिमला में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह जानकारी साझा की.
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, बीजेपी प्रवक्ता ने इस कदम को मोदी सरकार की किसान और बागवानी हितैषी मानसिकता का प्रतिबिंब बताया और इस फैसले के लिए सरकार की मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति को श्रेय दिया. इसे दूरदर्शी और साहसिक कदम बताते हुए बरागटा ने कहा कि न्यूनतम आयात मूल्य में बढ़ोतरी से विदेशी सेबों की अवैध आवक पर अंकुश लगेगा और स्थानीय उत्पादकों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिलेगा.
उन्होंने यह भी कहा कि यह सरकार की किसान हितैषी नीति का ही एक हिस्सा है, उन्होंने याद दिलाया कि 2023 में मोदी सरकार ने पहली बार सेब के लिए 50 रुपये प्रति किलो की दर से एमआईपी पेश किया था, जो कि पहले किसी भी सरकार ने नहीं उठाया था. कृषि आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत के प्रयासों पर प्रकाश डालते हुए, बरागटा ने कहा कि 2018 से चीन से कोई सेब आयात नहीं किया गया है, जो मोदी सरकार के स्पष्ट और सख्त नीतिगत उपायों को दर्शाता है, जो स्थानीय बागवानी को प्राथमिकता देते हैं.
कांग्रेस के नेतृत्व वाली हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए, बरागटा ने राज्य की कोशिशों पर सवाल उठाया और पूछा कि राज्य सरकार ने बागवानों के लिए अब तक क्या ठोस कदम उठाए हैं, जबकि केंद्र सरकार किसानों के लिए इतने बड़े फैसले ले रही है. बीजेपी प्रवक्ता ने दोहराया कि मोदी सरकार किसानों की आय बढ़ाने, उनके हितों की रक्षा करने और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि एमआईपी में नवीनतम बढ़ोतरी देश के सेब उत्पादकों के लिए नई उम्मीद लेकर आई है.
बता दें कि लंबे समय से हिमाचल समेत देशभर के सेब किसान इसके आयात पर भारी शुल्क लगाने की मांग कर रहे थे, ताकि उन्हें अपनी उपज का सही दाम मिल सके. वहीं, पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत-पाक तनाव के बीच तुर्किये से आयात हो रहे सेब के बहिष्कार ने जोर पकड़ा तो किसान और ज्यादा मुखर हो गए और आयात शुल्क बढ़ाने की मांग तेज कर दी थी.
किसानों ने इसके लिए हिमाचल प्रदेश के सीएम से भी केंद्र से बातचीत करने की मांग की थी. हालांकि, अब केंद्र ने सेब किसानों को राहत दी है. MIP बढ़ने से घरेलू सेब उत्पादकों को सही कीमत मिलने में मदद मिलेगी और वे आयात की गई उपज से प्रतिस्पर्धा कर सकेंगे.