प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर संयुक्त राष्ट्र संघ ने इस साल 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के रूप में मनाने की घोषणा की है. इसका मकसद सेहत के लिए बेहद उपयोगी माने गए मिलेट्स का विश्वव्यापी उपभोग एवं उपज को बढ़ाया जा सके. इसी क्रम में यूपी सरकार ने राज्य में मिलेट्स की खेती काे प्रोत्साहन देने के लिए 'मिलेट्स पुनरुद्धार कार्यक्रम' शुरू किया है. इसके तहत अगले 4 साल तक किसानों को मोटे अनाजों की उपज का दायरा बढ़ाने के लिए इनके बीज और अन्य संसाधन किसानों को मुहैया कराए जा रहे हैं.
यूपी के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष 2023 के मद्देनजर आगामी जायद के सीजन में मडुआ (रागी) के क्षेत्राच्छादन में वृद्धि करने का लक्ष्य है. इसके लिए रागी के 3 किग्रा बीज की मिनी किट का किसानों को वितरण किया जाएगा. इसके अलावा जायद सीजन की अन्य महत्वपूर्ण फसलों में शुमार उर्द एवं मूंग के भी 4-4 किग्रा के बीज की मिनी किट किसानों को निशुल्क दी जाएगी. शाही ने बताया कि किसानों को इन फसलों के उन्नत बीज मिलने पर प्रदेश में निश्चित रूप से इनका आच्छादन बढ़ेगा.
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कृषि विभाग के राजकीय बीज भंडारों से किसानों को बीज की मिनी किट निशुल्क वितरित की जाएगी. सरकार का दावा है कि इससे प्रदेश में 1.5 लाख किसान लाभान्वित होंगे. साथ ही इससे जनसामान्य के आहार में दलहन एवं मिलेट्स के उपभोग को भी बढ़ावा मिलेगा. शाही ने बताया कि चालू वित्त वर्ष 2022-23 में जायद में उर्द, मूंग तथा मडुआ (रागी) के मुफ्त मिनी किट वितरण पर 7.43 करोड़ रुपये का व्यय किया जाएगा.
दलहनी फसलों एवं मिलेट्स को बढ़ावा देने के पीछे सरकार की दलील है कि प्रदेश की निरंतर बढ़ती जनसंख्या के पोषण हेतु दलहनी फसलों एवं मोटे अनाज के रूप में श्री अन्न के उत्पादन और उपज में इजाफा करना जरूरी है. पोषण की दृष्टि से दलहनी फसलों में उर्द व मूंग से प्रोटीन तथा मोटे अनाजों में मडुआ या रागी (फिंगर मिलेट) से पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम, फाइबर और मिनरल प्राप्त होता है. गौरतलब है कि यूपी में जायद की फसलों के तहत लगभग 45 हजार हेक्टेयर में उर्द और लगभग 47 हजार हेक्टेयर में मूंग का रकबा है. इसके अलावा रागी का आच्छादन अभी नगण्य है. सरकार का पूरा जोर रागी की फसल का रकबा बढ़ाने पर है.
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यूपी में संकर बीजों के उपयोग से उत्पादन एवं उत्पादकता में इजाफा करने के लिए गत 20 मार्च से विकासखण्ड स्तर पर जायद सीजन की फसलों के संकर बीज वितरित किए जा रहे हैं. यूपी सरकार के ब्लॉक स्तर पर संचालित 825 राजकीय बीज भंडार से विभिन्न बीज कंपनियों द्वारा स्टॉल लगाकर कर अनुदान पर किसानों को बीजों का वितरण किया जा रहा है.
अनुदान की राशि किसानों के बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से हस्तांतरित की जाएगी. इनमें जायद सीजन में संकर मक्का, ज्वार एवं बाजरा पर 10 हजार रुपये प्रति कुंतल केन्द्रीय योजना से तथा 5 हजार रुपये प्रति कुंतल, राज्य सरकार की योजना से किसानों को अधिकतम 50 प्रतिशत सीमा तक अनुदान दिया जा रहा है.
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