राजस्थान में अधिक मॉनसूनी बारिश ने किसानों की कमर तोड़ दी है. ज्यादा बारिश से फसलें चौपट हो गई हैं. दूसरी ओर कतरा कीट का प्रकोप भी बढ़ गया है. नागौर जिले में इस कीट का सबसे अधिक प्रकोप देखा जा रहा है. इससे बचाव के लिए कृषि विभाग ने एक टीम का गठन किया है. इस टीम ने कतरा कीट प्रभावित इलाकों का दौरा किया है और किसानों को इस कीट से बचाव के उपाय बताए हैं.
पूरे जिले की बात करें तो नागौर में कातरे नामक कीट का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है. कृषि विभाग के द्वारा किसानों के इस कीट के रोकथाम को लेकर संयुक्त निर्देशक ने टीम का गठन किया है. प्रकोप वाले इलाकों का टीम ने निरीक्षण कर किसानों को कातरा के बचाव और उपचार बताए. वहीं पिछले 03-04 दिनों से लगातार बारिश के चलते किसानों के खेतों में 03-04 फीट पानी भर गया है और फसल पूरी तरह से चौपट हो गई है.
दरअसल, नागौर जिले के खड़कली, मकोड़ी, सेतरण, ऊंटवालिया, कालड़ी, जखनिया, मकोड़ी और जायल इलाके में कातरा नामक खरनाक कीट बड़ी मात्रा में बढ़ रहा है. वहीं इस कीट ने लगातार किसानों की धड़कनें बढ़ा दी हैं. जैसे जैसे कातरा कीट का प्रकोप बढ़ रहा है, उसे देखते हुए किसानों की परेशानी बढ़ गई है. इसे देखते हुए कृषि विभाग के संयुक्त निर्देशक हरीश मेहरा ने एक टीम का गठन कर कातरे नामक कीट से प्रभावित क्षेत्रों में कृषि वैज्ञानिकों की टीमों को भेजा है. जल्द से जल्द इस कीट से प्रभावित इलाकों में कातरा से नियंत्रण और बचाव का सर्वे कर किसानों को आवश्यक निर्देश देने को कहा गया है.
कृषि विभाग के सहायक अधिकारी शंकरलाल सियाक ने 'आजतक' से खास बातचीत के दौरान बताया कि जैसे ही किसी किसान के खेत में कातरा कीट का प्रकोप दिखे, उसे अपने खेत के चोरों ओर यानी अपने खेत की सीमा में खाई या तेई का एक पलट निकाल देना है. इससे बाहर से आने वाले कीट इस खाई में गिर जाएंगे. उससे उनका प्रकोप खेत में होने से बच जाएगा.
उसके बाद किसान को इस खाई में कुनाल डस्ट डालना है ताकि अपने खेत से दूसरे के खेत से कीट का प्रकोप कम हो. उसके बाद खेत में मौजूूद कातरे पर नियंत्रण के लिए लैमडा साहीलोथ्रोलिन 5% या कक्वीनाल फॉस फॉस 25% EC की एक लीटर मात्रा में 500 लीटर पानी मिलाकर अपने खेत के 5 से 6 बीघा में स्प्रे या छिड़काव करें जिससे कातरे पर नियंत्रण किया जा सकता है.
संयुक्त निदेशक हरीश मेहरा ने कृषि परिवेशकों और सहायक समस्त कृषि अधिकारियों को किसानों के खेत में कातरों का नियंत्रण करने के लिए व्यापक सर्वे करने की तकनीकी सलाह दी. उन्होंने किसानों को सलाह देते हुए बताया कि अपने खेतों में कातरे का प्रकोप देखते ही कृषि विभाग की सलाह से कीटनाशकों का प्रयोग कर उस पर नियंत्रण कर सकते हैं.