उत्तर के बाद अब दक्षिण से खाद और यूरिया की कमी की खबरें आ रही हैं. ताजा मामला तेलंगाना का है जहां किसान रात भर लाइन में यूरिया के लिए खड़े रहे, लेकिन उन्हें फिर भी फसल के लिए जरूरी यूरिया नहीं मिली. गुरुवार से ही यहां के मकथल कस्बे में कई गांवों के किसान लंबी कतारों में खड़े हैं. पासबुक लिए किसान सुबह-सुबह प्राथमिक कृषि सहकारी समिति पहुंच गए और अपनी बारी का इंतजार करने लगे. कुछ जगहों पर तो महिला किसान भी लाइनों में लगने को मजबूर हैं.
कतार में खड़े-खड़े थककर चूर हो जाने के बाद, किसानों ने कतार में अपनी बारी आने का संकेत देने के लिए पत्थर और जूते रख दिए हैं. पशुपालन मंत्री वी. श्रीहरि के निर्वाचन क्षेत्र में यह स्थिति होने से किसान नाराज हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि प्राइवेट ट्रेडर्स अपने गोदामों में पर्याप्त यूरिया स्टॉक बनाए हुए हैं और कमी का हवाला देकर इसे अत्यधिक कीमतों पर बेच रहे हैं. उन्होंने कृषि सहकारी समिति से पर्याप्त यूरिया उपलब्ध कराने की मांग की और विरोध प्रदर्शन की धमकी दी.
राज्य में कई और जगहों पर भी इसी तरह के दृश्य देखने को मिले. किसान कृषि सीजन से पहले पर्याप्त यूरिया स्टॉक उपलब्ध कराने में असफल रहने के लिए राज्य सरकार पर नाराज हैं. हनमकोंडा के परकल स्थित कृषि बाजार में पुरुष और महिलाएं लंबी कतारों में खड़े हैं. लंबी कतारों में खड़े किसानों के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. एक वीडियो में, एक महिला किसान कहती हुई दिखाई दे रही है, 'हम 10 दिनों से इंतजार कर रहे हैं. यूरिया की कमी के कारण हमने अभी तक खेतों में खेती शुरू नहीं की है. सरकार को यूरिया की आपूर्ति के बारे में स्पष्ट घोषणा करनी चाहिए. अगर पर्याप्त यूरिया नहीं मिला तो हम इस मौसम में खेती नहीं करेंगे.'
बुधवार को जब कृषि समिति किसानों की जरूरतें पूरी करने में असफल रही तो उन्होंने विरोध प्रदर्शन किया. किसानों ने इस दौरान अधिकारियों से हस्तक्षेप की मांग की. प्रदर्शन के बाद, समिति ने बाकी स्टॉक का वितरण अस्थायी रूप से रोक दिया. किसानों ने आरोप लगाया है कि प्राइवेट ट्रेडर्स के पास पर्याप्त यूरिया है और वो इसकी कालबाजारी कर रहे हैं. कृषि अधिकारियों ने अवैध रूप से यूरिया बेचते पाए जाने वाले किसी भी व्यापारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई का भरोसा दिया है.
दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने कांग्रेस सरकार पर तेलंगाना के किसानों के मन में सीजन के लिए यूरिया की कमी के बारे में संदेह के बीज बोने का आरोप लगाया है, जबकि केंद्र ने वास्तव में तीन लाख मीट्रिक टन अधिक आपूर्ति की थी. किसान मोर्चा के पदाधिकारियों की एक बैठक के दौरान पार्टी अध्यक्ष एन. रामचंदर राव ने कहा कि सत्तारूढ़ दल आगामी स्थानीय निकाय चुनावों में लाभ उठाने के लिए 'यूरिया की कमी का हौव्वा' खड़ा कर रहा है. उनका कहना था कि केंद्र ने 24-25 कृषि सीजन के लिए 12.02 लाख मीट्रिक टन यूरिया की आपूर्ति की थी, जबकि मांग केवल 9.5 लाख मीट्रिक टन थी.
यह भी पढ़ें-
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today