बफर लिमिट से कितना ज्‍यादा है गेहूं और चावल का स्‍टॉक? मंत्री ने राज्यसभा में दी जानकारी

बफर लिमिट से कितना ज्‍यादा है गेहूं और चावल का स्‍टॉक? मंत्री ने राज्यसभा में दी जानकारी

भारत सरकार के पास 1 जुलाई 2025 तक गेहूं और चावल का कुल 736.61 लाख मीट्रिक टन स्टॉक है, जबकि बफर स्टॉक जरूरत 411.20 लाख टन है. अतिरिक्त अनाज को OMSS(D) स्कीम के तहत बाजार में बेचा जा रहा है ताकि महंगाई पर काबू पाया जा सके और जनता को राहत मिले.

Wheat and rice extra stockWheat and rice extra stock
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Jul 22, 2025,
  • Updated Jul 22, 2025, 6:59 PM IST

भारत सरकार के पास इस समय चावल और गेहूं का पर्याप्त स्टॉक है, जो तय बफर स्टॉक की सीमा से कहीं ज्‍यादा है. केंद्र सरकार की ओर से साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, 1 जुलाई 2025 तक चावल और गेहूं का कुल भंडार 736.61 लाख मीट्रिक टन था, जबकि बफर स्टॉक की जरूरत सिर्फ 411.20 लाख मीट्रिक टन है. इसमें चावल का भंडार 377.83 लाख मीट्रिक टन और गेहूं का 358.78 लाख मीट्रिक टन है, जो कि जरूरी लिमिट से काफी ज्‍यादा है. 

बफर स्‍टॉक अनाज भंडारण की वह न्‍यूनतम सीमा है, जो सरकार देश की खाद्य सुरक्षा को बनाए रखने और आपात स्थित‍ि के लिए रखती है यानी यह भंडारण सीमा सूखा, बाढ़, अचानक मांग बढ़ने आदि जैसी स्थि‍ति‍ से निपटने के लिए जरूरी मानी जाती है.

अतिरिक्‍त अनाज नीलाम करती है सरकार

वहीं, इससे ऊपर की लिमिट को सरकार बाजार में कीमतों को संतुलित करने और आम जनता को सस्ते दामों पर अनाज उपलब्ध कराने के लिए 'ओपन मार्केट सेल स्कीम (डोमेस्टिक)' यानी OMSS(D) के तहत खुले बाजार में बेचती है. यह बिक्री सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) और अन्य कल्याणकारी योजनाओं की जरूरतों से अतिरिक्त भंडार में से की जाती है.

'भारत ब्रांड' से आम लोगों को राहत देने की कोशि‍श

सरकार ने इस दिशा में पहले ही पहल करते हुए 6 नवंबर 2023 को ‘भारत आटा’ और 6 फरवरी 2024 से ‘भारत चावल’ योजना शुरू की है. इन योजनाओं के तहत आम उपभोक्ताओं को कम कीमतों पर गेहूं का आटा और चावल उपलब्ध कराया जा रहा है.इसके अलावा, भंडारण की कालाबाज़ारी और अनावश्यक जमाखोरी को रोकने के लिए सरकार ने देशभर में व्यापारियों, थोक विक्रेताओं, रिटेलर्स, बड़े चेन स्टोर और प्रोसेसिंग कंपनियों पर गेहूं की स्टॉक सीमा लागू कर दी है.

मंत्री ने राज्‍यसभा में दी जानकारी

यह जानकारी केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री निमुबेन जयंतीभाई बाम्भणिया ने राज्यसभा में एक लिखित जवाब के दौरान दी. सरकार का यह कदम महंगाई को काबू में रखने, खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने और आम लोगों को राहत देने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है.

चालू सीजन में किसानों को मिला इतना MSP

चालू मार्केटिंग सीजन में सरकार ने गेहूं के लिए 2425 रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी तय किया हुआ है. सभी राज्‍यों में सरकार की ओर से एमएसपी पर होने वाली खरीद पूरी हो चुकी है. वहीं, खरीद प्रक्रिया में कुछ राज्‍यों ने अपने खर्च से किसानों को प्रति क्विंटल अतिरिक्‍त राश‍ि और बोनस की सौगात भी दी थी. इनमें मध्‍य प्रदेश, राजस्‍थान प्रमुख थे, जहां क्रमश: 175 रुपये और 150 रुपये प्रति क्विंटल बोनस दिया गया. इसके अलावा, यूपी में किसानों को अतिरिक्‍त 20 रुपये प्रति क्विंटल दिए गए.

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