डिजिटल दौर में बिहार के किसान हुए हाईटेक, मोबाइल से मिल रही खेती की हर खबर

डिजिटल दौर में बिहार के किसान हुए हाईटेक, मोबाइल से मिल रही खेती की हर खबर

डिजिटल माध्यमों के जरिए बिहार के किसानों को मिल रही है कृषि से जुड़ी जानकारी. तकनीक आधारित खेती और डिजिटल सूचना के माध्यम से कृषि की बदल रही है रूपरेखा.

KCC के जरिए किसानों को सस्ती दरों पर लोन दिया जाता है.KCC के जरिए किसानों को सस्ती दरों पर लोन दिया जाता है.
अंक‍ित कुमार स‍िंह
  • Patna,
  • Jul 22, 2025,
  • Updated Jul 22, 2025, 7:41 PM IST

बदलाव के इस युग में, जहां कृषि तकनीक के सहारे काफी तेजी से आगे बढ़ रही है, वहीं कृषि से जुड़ी तकनीकों की जानकारी किसानों को आसानी से मिल सके, इसके लिए बिहार सरकार डिजिटल माध्यम का काफी उपयोग कर रही है. राज्य के किसानों को सरकारी योजनाओं, आधुनिक खेती के तरीकों, मौसम संबंधी जानकारी और समस्याओं के समाधान के लिए डिजिटल तकनीक का उपयोग कृषि विभाग में बड़े पैमाने पर हो रहा है. इसका मुख्य उद्देश्य कृषि उत्पादकता को बढ़ाना और किसानों को तकनीकी रूप से सक्षम बनाना है. साथ ही सरकारी योजनाओं से मिलने वाले लाभ और फसल उत्पादन की पूरी जानकारी कम समय में आसानी से दिया जा सके.

बिहार सरकार का डिजिटल तकनीक पर जोर न केवल किसानों को सशक्त बनाना है, बल्कि कृषि क्षेत्र में उत्पादकता और पारदर्शिता को भी बढ़ाना है. कृषि रेडियो, बिहार कृषि ऐप और डिजिटल क्रॉप सर्वे जैसे कदम बिहार को आधुनिक और समृद्ध कृषि राज्य बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं. वहीं, हर रोज कई किसान इन माध्यमों के जरिए कृषि से जुड़ी जानकारी हासिल कर रहे हैं.

कृषि रेडियो से मिल रही खेती की जानकारी

कृषि विभाग की ओर से शुरू किए गए कृषि रेडियो को करीब 7 महीने हो चुके हैं. वहीं, अब तक करीब 20 हजार से अधिक लोगों ने इसे डाउनलोड किया है. इसके जरिए बिहार सरकार किसानों तक कृषि संबंधी सलाह और सरकारी योजनाओं की जानकारी पहुंचा रही है. यह मंच किसानों को नवीनतम तकनीकों और योजनाओं से अवगत कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. किसान कृषि रेडियो को कृषि ऐप या विभागीय वेबसाइट से सुन सकते हैं.

बिहार कृषि ऐप बना किसानों का डिजिटल साथी

बिहार कृषि ऐप किसानों के लिए एक वरदान साबित हो रहा है. इस ऐप पर सरकारी योजनाओं, फसल प्रबंधन, बाजार मूल्य और तकनीकी सलाह जैसी सभी आवश्यक सेवाएं एक ही प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हैं. किसान इस ऐप के जरिए योजनाओं में आवेदन कर सकते हैं और अनुदान, स्वीकृति की स्थिति जैसी जानकारी वास्तविक समय में प्राप्त कर सकते हैं. वहीं, बीते एक साल में करीब 6 लाख 20 हजार लोगों ने इसे डाउनलोड किया है.

किसान कॉल सेंटर से समस्याओं का समाधान

किसानों की समस्याओं के त्वरित निराकरण के लिए बिहार सरकार ने किसान कॉल सेंटर स्थापित किया है. यह कॉल सेंटर किसानों को उनकी समस्याओं के समाधान के लिए त्वरित और विश्वसनीय सहायता प्रदान करता है. हर रोज करीब 800 से अधिक किसानों के फोन आते हैं. वहीं, किसानों के सवालों का जवाब देने के लिए करीब 30 के आसपास कर्मचारी दो शिफ्ट में, सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक मौजूद रहते हैं. विभाग से मिली जानकारी के अनुसार सबसे अधिक किसानों का फोन पीएम किसान सम्मान निधि, मौसम, बीज से जुड़ी जानकारी के लिए आता है.

डिजिटल क्रॉप सर्वे में मिलेगा फसलों का डिजिटल डेटा

बिहार में डिजिटल क्रॉप सर्वे की शुरुआत हो चुकी है, जिससे यह आसानी से पता चल रहा है कि राज्य के विभिन्न जिलों में कितने क्षेत्र में कौन सी फसल उगाई जा रही है. खरीफ 2025-26 में कृषि विभाग 2 करोड़ 18 लाख से अधिक प्लॉट का डिजिटल सर्वे करने का लक्ष्य रखा है, जिसके बाद बिहार के 38 जिलों के 32,707 से अधिक गांवों में उगाई गई फसलों का डेटा डिजिटल रूप में उपलब्ध होगा.

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