PHOTOS: उत्तराखंड के किसानों ने अपनाया विजयादशमी पर विरोध का अनोखा तरीका,देखें तस्वीरें

फसलें

PHOTOS: उत्तराखंड के किसानों ने अपनाया विजयादशमी पर विरोध का अनोखा तरीका,देखें तस्वीरें

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उधम सिंह नगर में रावण दहन का एक अनोखा मामला सामने आया है. जहां पर रावण का पुतला नहीं बल्कि सरकार के प्रतीक का पुतला जलाया गया. मामला उत्तराखंड के उधम सिंह नगर का है. अपनी मांगों लेकर यहां पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने मांग पूरी नहीं होने पर राज्य सरकार का पुतला जलाया है. किसानों द्वारा अपनाया गया विरोध का यह अनोखा तरीका आस-पास में चर्चा का विषय बन गया है. 

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उधम सिंह नगर में लगभग पिछले तीन महीने के किसान भूमि बचाओ आंदोलन के तहत धरने पर बैठे हुए हैं. उन किसानों के राज्य सरकार को रावण की उपाधि देते हुए रावण के पुतले का दहन किया साथ ही प्रदर्शनकारी किसानों  ने जल्द दी उनके भूमि अधिकार को बापस करने की मांग की है. यहां पर इस तरीके से किया गया रावण दहन चर्चा का विषय बना हुआ है.

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उधम सिंह नगर के बाजपुर तहसील में 20 गांवो की लगभग 6 हजार एकड़ भूमि का मालिकाना हक़ की मांग को लेकर बाजपुर तहसील परिसर में लगभग 90 दिनों से धरने पर बैठे हैं. सभी प्रदर्शनकारी किसान सरकार से अपनी भूमि का मालिकाना हक़ बापस देने की मांग कर रहें हैं. तीन महीनों के बाद भी जब किसानों कीमांग पूरी नहीं हुई तो उन्होंने विरोध करने का अनोखा तरीका अपनाया.

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जब पूरी दुनिया विजय दशमी का पर्व मना रही थी और बुराई के प्रतीक रावण का पुतला दहन कर रही थी, तब उधम सिंह नगर के किसान अपने विरोध के अनोखे तरीके को अपनाते हुए सरकार को रावण बताकर उनका पुतला दहन कर रहे थे. उधम सिंह नगर के प्रदर्शनकारी किसानो ने सरकार रुपी रावण का पुतला बना रावण कर पुतले का दहन किया है. धरने पर बैठे दर्जनों किसानों ने इस अनोखे रावण के पुतले का दहन किया है. उनकी मांग है की जब तक उनकी मांगो को पूरा नहीं किया जाएगा ज़ब तक वह धरने पर बैठे रहेंगे.

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इस दौरान किसान नेता जगतार सिंह बाजवा ने बताया कि आज हमारे द्वारा जो रावण के पुतले का दहन किया गया है, वह उन षड्यंत्र कारी  रावणों का पुतला है जिन्होंने बाजपुर को उजाड़ने में अपनी भूमिका निभाई है. इस गांव की भूमि से जुड़े हज़ारों लोग आंदोलन कर रहे हैं. लगभग तीन माह का समय हो गया है और लोग 2020 से परेशान हैं. जिन्होने भी इन 20 गांव के लोगों को बर्बाद करने की साज़िश में अपनी भूमिका निभाई है. 

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किसानों बताया की अपनी भूमि का अधिकार पाने के लिए वो 2020 से परेशान है और पिछले 90 दिनों से विरोध कर रहे हैं. तीन महीने का समय बीत जाने के बाद भी उनकी मांगों पर किसी तरह से कोई सुनवाई नहीं की है. इसके कारण किसानों ने विरोध का अनोखा तरीका अपनाया और रावण का पुतला जलाकर विरोध प्रदर्शन किया.