क्या आप जानते हैं कि सिर्फ एक बड़ा पॉट लेकर आप घर पर ही ताज़े आलू उगा सकते हैं? यह तरीका बेहद आसान है और खासकर उन लोगों के लिए परफेक्ट है जिनके पास बगीचा नहीं है. थोड़ी सी जगह और सही देखभाल से आप 60–120 दिनों में अपनी खुद की आलू की फसल तैयार कर सकते हैं.
आलू ठंडे मौसम में अच्छी तरह बढ़ते हैं.
आलू की जड़ें गहराई में फैलती हैं, इसलिए कम से कम 2–3 फीट गहरा कंटेनर चुनें. कंटेनर के नीचे पानी निकलने के लिए ड्रेनेज होल जरूर हों. मिट्टी ढीली, पोषक और कंपोस्ट से भरपूर होनी चाहिए, ताकि पौधों की ग्रोथ अच्छी हो और आलू सही आकार के बनें.
सीड आलू लें या बड़े आलू को 2–3 टुकड़ों में काटें, हर टुकड़े में 1–2 आंखें (buds) हों. कटाई के बाद 1–2 दिन तक हल्की हवा में सुखाएं. कंटेनर में मिट्टी भरें, आलू के टुकड़े 10–12 इंच दूरी पर रखें और 3–4 इंच मिट्टी से ढक दें. आंखों को हमेशा ऊपर की ओर रखें, ताकि अंकुर आसानी से निकलें.
पौधों को रोजाना 6–8 घंटे धूप दें. मिट्टी को हल्का नम रखें, लेकिन पानी भरने न दें. जब पौधे 6–8 इंच ऊंचे हो जाएं, तो धीरे-धीरे मिट्टी जोड़ते जाएं. इसे हिलिंग कहते हैं, जिससे कंद बड़े और ज्यादा बनते हैं. यह स्टेप उपज बढ़ाने के लिए बहुत जरूरी है.
जब पौधों में फूल आने लगें या पत्तियां पीली होकर सूखने लगें, तो आपकी फसल तैयार है. कंटेनर को उलटकर आलू निकालें और हल्की धूप में कुछ घंटे सुखाएं. इसके बाद इन्हें ठंडी, सूखी और अंधेरी जगह पर स्टोर करें. आलू की फसल आमतौर पर 70–120 दिन में तैयार होती है, जबकि कुछ जल्दी पकने वाली किस्में 60 दिन में भी तैयार हो जाती हैं.