तमिलनाडु सरकार ने फसल मुआवजे को लेकर बड़ा ऐलान किया है. अभी हाल में बेमौसम बारिश से कावेरी डेल्टा के इलाकों में धान की फसलों का भारी नुकसान हुआ है. और भी फसलें बर्बाद हुई हैं. फसलों के नुकसान की भरपाई के लिए तमिलनाडु सरकार ने बड़ा ऐलान किया है. कावेरी डेल्टा के किसानों को प्रति एकड़ 20,000 रुपये की सहायता राशि दी जाएगी. इस क्षेत्र में धान की कटाई होने वाली थी, लेकिन उससे ठीक पहले दो दिन लगातार बारिश होने से खेतों में खड़ी फसल बर्बाद हो गई. यह पूरा बेल्ट धान प्रधान है और यहां बड़े पैमाने पर धान की खेती होती है. कुछ अन्य फसलें भी बोई जाती हैं, लेकिन छोटे स्तर पर.
जिस फसल में 33 परसेंट या उससे अधिक नुकसान हुआ है, उसके लिए सरकार ने प्रति एकड़ 20,000 रुपये देने का ऐलान किया है. सोमवार को इसकी घोषणा तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने किया. कावेरी डेल्टा में लगभग पांच लाख एकड़ में धान की फसल बर्बाद होने की खबर है. इस इलाके में धान कटने वाला था, लेकिन उससे ठीक पहले तेज बारिश हो गई और पूरी फसल खराब हो गई. नागपट्टिनम जिले में थलाइगुनियारु, वेदारण्यम और किलवेल्लूर में सबसे अधिक फसलों पर मार पड़ी है. प्रभावित इलाकों में तमिलनाडु ऑल फार्मर्स एसोसिएशन की कोऑर्डिनेशन कमेटी के अध्यक्ष पीआर पांडियान ने दौरा कर सरकार से मुआवजा देने की मांग की और किसानों को फौरन राहत दिलाए जाने की अपील की.
इसके बाद प्रदेश के कृषि मंत्री एमआरके पन्नीरसेल्वम, खाद्य मंत्री आर सक्करपानी और आला अधिकारियों ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया. जिन-जिन इलाकों में बारिश से फसलें बर्बाद हुई हैं, उन इलाकों में मंत्री और अधिकारियों ने मुआयना कर मुख्यमंत्री को अपनी रिपोर्ट सौंपी. इसके बाद मुख्यमंत्री स्टालिन ने रिलीफ पैकेज की घोषणा की और प्रति हेक्टेयर 20,000 रुपये देने का ऐलान किया.
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धान के किसानों को राहत देने के लिए सरकार ने कटाई की मशीन सस्ते में किराये पर देने की घोषणा की है. कटाई की मशीन के किराये पर 50 परसेंट सब्सिडी दी जाएगी. इससे किसानों पर पड़ने वाला बोझ कुछ हल्का होगा. किसानों को यह सब्सिडी एग्रीकल्चरल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट की ओर से दी जाएगी.
सरकार ने कहा है कि अगर फसलों का बीमा हुआ है, तो किसानों को अतिरिक्त लाभ मिलेगा. बीमा के पैसे के अलावा सरकार की तरफ से प्रति एकड़ 20,000 रुपये का मुआवजा दिया जाएगा. इससे पहले चार फरवरी को मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने अधिकारियों को निर्देश दिया था कावेरी डेल्टा के किसानों को राहत देने के लिए निरीक्षण और मुआयने का काम तेज किया जाना चाहिए. फसलों के नुकसान का जायजा लेने के लिए मंत्रियों और अधिकारियों का समूह बनाया गया था.
रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे एक पत्र में स्टालिन ने उन्हें स्थिति से अवगत कराया और केंद्र से नमी की मात्रा सहित धान खरीद मानदंडों में ढील देने का आग्रह किया. तमिलनाडु में मौजूदा नियम के मुताबिक 19 परसेंट से कम नमी वाले धान की खरीद ही एमएसपी पर की जाती है. लेकिन बारिश से धान की क्वालिटी पर असर पड़ा है और उसमें नमी बढ़ गई है. इसे देखते हुए किसानों ने 21 परसेंट नमी वाले धान की खरीद की मांग उठाई है.
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तमिलनाडु ऑल फार्मर्स एसोसिएशन कोऑर्डिनेशन ने शुक्रवार को कहा था कि कावेरी डेल्टा क्षेत्रों में बेमौसम बारिश के कारण लगभग पांच लाख एकड़ में तैयार धान की फसल को पूरी तरह से नुकसान पहुंचा है. 29 जनवरी को कावेरी डेल्टा के इलाके में निम्न दबाव का क्षेत्र बनने और मौसम में तेजी से बदलाव आने से दो दिन बारिश हुई. इससे खेतों में खड़ी फसल का भारी नुकसान हुआ है.