उत्तर प्रदेश के बदायूं में स्थित बिसौली ग्रीन ऑर्गेनिक फार्मर्स प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड का गठन 10,000 एफपीओ गठन और प्रमोशन स्कीम के तहत किया गया था. इस कंपनी को पिछले दिनों एक बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है. इस एफपीओ ने यूपी के छोटे किसानों को बाजार मुहैया कराने के मकसद से खाड़ी देश को कई मीट्रिक टन आलू का सफल निर्यात किया है. एक प्रेस रिलीज जारी कर इस बारे में कंपनी की तरफ से जानकारी मुहैया कराई गई है.
एफपीओ की तरफ से बताया गया है कि उसने बहरीन को सूर्या किस्म के 10 मीट्रिक टन आलू का सफलतापूर्वक निर्यात किया है. इस निर्यात के साथ ही छोटे किसानों के लिए बाजार संपर्क भी बढ़ा गया है. साथ ही और अंतरराष्ट्रीय व्यापार में भी एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल हुआ है. इस निर्यात पहल को कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) की तरफ से और आसान बनाया गया था. इससे भारतीय कृषि उत्पादों की वैश्विक उपस्थिति बढ़ी और सदस्य किसानों को बेहतर मूल्य प्राप्ति सुनिश्चित हुई.
एफपीओ की मानें तो यह सफल निर्यात ज्यादा कीमत वाले बाजारों में उसकी बढ़ती क्षमता को बताता है. साथ ही दिखाता है कि कैसे को-ऑर्डिनेटेड ऑर्गेनाइजेशनल सपोर्ट और क्षमता निर्माण के प्रभाव और मजबूत हो सकता है. एफपीओ का गठन दरअसल किसान समूहों को मजबूत करने के लिए भारत सरकार की एक प्रमुख पहल के तहत किया गया है. बिसौली ग्रीन ऑर्गेनिक फार्मर्स प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड, इस एफपीओ के लिए कार्यान्वयन एजेंसी लघु कृषक कृषि व्यवसाय संघ (एसएफएसी) है. इसके प्रचार में मदद करने वाली क्लस्टर-बेस्ड बिजनेस ऑर्गेनाइजेशन (सीबीबीओ) को भारतीय समृद्धि निवेश और परामर्श सेवा लिमिटेड कंपनी की तरफ से समर्थन हासिल है.
आलू की 'सूर्या' किस्म कुफरी सूर्या के तहत आती है. यह किस्म जल्दी पकने, गर्मी सहने के लिए जानी जाती है. इस किस्म के आलू का प्रयोग ज्यादातर फ्रेंच फ्राइज और चिप्स में किया जाता है क्योंकि इसे प्रोसेसिंग के लिए विशेषज्ञ सही करार देते हैं. उत्तर प्रदेश, जो देश का एक प्रमुख आलू उत्पादक राज्य है, वहां के किसान सूर्या किस्म की खेती जमकर करते हैं. यह किस्म अब किसानों में तेजी से पॉपुलर हो रही है.
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