शिमला मिर्च का नाम आते ही ज्यादातर लोग इसे हिमाचल की वादियों के बीच मौजूद शिमला से जोड़ लेते हैं. बहुत सालों तक मुझे खुद लगता था कि शिमला मिर्च की खेती शिमला में ही होती है. हालांकि मेरी ही तरह देश के कुछ किसान भी हैं जो ये सोचते हैं कि शिमला में ही शिमला मिर्च उगाई जाती है लेकिन इस बात में कोई सच्चाई नहीं है. आप थोड़ी सी देखभाल के बाद अपने खेत में भी शिमला मिर्च की खेती कर सकते हैं. इसकी बाजार मांग के बारे में आप सब अच्छी तरह से जानते हैं, इसलिए ये भी समझते हैं कि मार्केट में इसकी कीमत अच्छी मिल जाती है जिससे किसानों को फायदा होता है. आइए शिमला मिर्च की खेती से जुड़ी सभी छोटी-बड़ी बातें जान लेते हैं.
कुकिंग का शौक रखने वाले लोग अपने किचन में कई तरह के नए-नए प्रयोग करते रहते हैं. आजकल सब्जी से लेकर कई स्नैक्स में शिमला मिर्च का उपयोग करते हैं जिसकी वजह से बीते कुछ सालों से इसकी बाजार मांग में तेजी देखी गई है. आइए इसे उगाने का तरीका जानते हैं.
शिमला मिर्च की खेती के लिए सामान्य तापमान की जरूरत होती है. दिन का तापमान 22 से 28 डिग्री सेंटीग्रेड और रात का तापमान सामान्यतः 16 से 18 डिग्री सेंटीग्रेड अच्छा माना जाता है. इसकी खेती के लिए कम से कम चार बार की जुताई कर मिट्टी को भुरभुरी बना लीजिए. अब गोबर की खाद पलट कर पाटा चला लीजिए. फिर खेत में 90 से.मी. चौड़ी क्यारियां बना लीजिए. शिमला मिर्च की रोपाई के लिए पौधों के बीच कम से कम 45-60 सेंटीमीटर की दूरी होनी चाहिए. इससे पौधों को विकसित होने के लिए पर्याप्त जगह मिलेगी.
शिमला मिर्च की अच्छी पैदावार के लिए, खेत में गोबर की खाद, सुपर फॉस्फेट, पोटाश, और यूरिया जैसी खादें डाली जाती हैं. रोपाई के 30-40 दिन बाद पहली खाद दें और दूसरी बार जब पौधों में फूल आने लगे तब खाद डाली जाती है. सिंचाई की बात करें तो कभी भी जरूरत से ज्यादा पानी ना दें. गर्मी के मौसम में हफ्ते में एक बार और सर्दियों में 15-15 दिनों के अंतराल में सिंचाई करना चाहिए.
ये भी पढ़ें: बैंगन के पौधों से झड़ जाते हैं फूल या छोटे रह जाते हैं फल? नुकसान से बचने के लिए करें ये जरूरी उपाय
खरपतवार से छुटकारा पाने के लिए 2-3 बार मिट्टी की गुड़ाई जरूर करना चाहिए. 30-40 दिनों के पौधों में गुड़ाई के बाद मिट्टी जरूर चढ़ाएं इससे पौधे मजबूत होंगे और तेजी से विकसित होंगे. बीच-बीच में बांस गाड़ कर पौधों को सहारा भी दिया जाता है ताकि पौधे टूटे ना.
शिमला मिर्च की अच्छी तरह से देखभाल के बाद उससे ठीक-ठाक पैदावार मिल जाती है. वैज्ञानिक तरीके से खेती करने पर हाइब्रिड किस्म के शिमला मिर्च की औसतन पैदावार 700-800 क्विंटल प्रति हेक्टयेर बताई जाती है. शिमला मिर्च की तुड़ाई तभी करें जब फल पूरी तरह से अपने वास्तविक रंग और आकार में आ जाएं. रोपाई के दो महीने बाद से ही आप शिमला मिर्च की तुड़ाई कर सकते हैं.