खेती-किसानी से हमारे देश के लोगों का पुराना नाता रहा है. आज भी देश की बहुत बड़ी आबादी केवल खेती पर निर्भर रहकर अपना घर चला रहे हैं. हालांकि अब पारंपरिक तरीके की खेती फायदे का सौदा नहीं है. खेती से अधिक कमाई के लिए नकदी फसलों की ओर बढ़ना होगा. आज आपको दो खास फूलों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसकी खेती के बाद आपकी कमाई बढ़ जाएगी. आइए उन दो फूलों के नाम, उनके उपयोग और उगाने की आसान विधि समझते हैं.
फूलों का जिक्र आता है तो लोग भगवान को चढ़ाने और घर सजाने तक ही उपयोग में लेते हैं. इन सब के अलावा भी फूलों के बहुत से उपयोग और फायदे होते हैं. आपको दो ऐसे फूलों के बारे में बता देते हैं जिनकी खेती करके आप हजारों नहीं बल्कि लाखों रुपये कमा सकते हैं. हम बात कर रहे हैं गुलाब और रजनीगंधा के फूलों के बारे में. आप सबने इन दोनों ही फूलों को जरूर देखा होगा लेकिन इन फूलों का उपयोग क्या है जो ये इतने महंगे बिकते हैं इसके बारे में ज्यादातर लोग नहीं जानते हैं, आइए जान लेते हैं.
गुलाब और रजनीगंधा के फूल आपने जरूर देखे होंगे. हालांकि रजनीगंधा के फूल उतने ज्यादा लोकप्रिय नहीं हुए हैं इसके लिए उसके बारे में बता देते हैं. रजनीगंधा के फूल सफेद रंगों के होते हैं जिनके खूशबू भी होती है. इन पौधों को प्रोसेस करके इनसे कई फूड आयटम, कॉस्मेटिक आयटम, ब्यूटी प्रोडक्ट्स और इत्र भी बनाए जाते हैं. यही कारण है कि इन फूलों की कीमत बहुत अधिक होती है. कुछ कंपनियां तो इन फूलों की कॉन्ट्रैक्ट फॉर्मिंग भी करवाती हैं.
ये भी पढ़ें: Goat Farming Tips: आखिर क्यों घाटे में चले जाते हैं बकरी पालक? ये गलती नहीं छोड़ी तो कभी फायदा नहीं होगा
आप भी गुलाब और रजनीगंधा की खेती करना चाहते हैं तो इसका सही तरीका जान लीजिए. गुलाब की खेती करने के लिए नर्सरी में पौध तैयार किए जाते हैं उसकी रोपाई गड्ढों में कीजिए. इन गड्ढों में मिट्टी के साथ गोबर की खाद मिलाना ना भूलें. रजनी गंधा की खेती करने के लिए इसके बल्ब लगाए जाते हैं. खेत की जुताई के बाद गोबर पलटें और फिर क्यारियां बना लीजिए. इन क्यारियों में रजनीगंधा के बल्ब लगाए जाते हैं. रजनी गंधा की फसल तैयार होने में 4-5 महीने का समय लग सकता है.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today