Rabi Season को लेकर कृषि सचिव का बड़ा बयान, पिछले साल के मुकाबले रकबा बढ़ने का अनुमान

Rabi Season को लेकर कृषि सचिव का बड़ा बयान, पिछले साल के मुकाबले रकबा बढ़ने का अनुमान

Rabi Sowing: इस साल रबी फसलों की बुवाई पिछले वर्ष की तुलना में तेज चल रही है. गेहूं, दलहन और तिलहन सभी फसलों का रकबा बढ़ा है. वहीं, कृषि सचिव ने भी बुवाई को लेकर पॉजिटिव बात कही है. उन्‍होंने पिछले साल की बुवाई के पीछे छूटने की बात कही है.

Rabi crops acreage to exceed this yearRabi crops acreage to exceed this year
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Nov 24, 2025,
  • Updated Nov 24, 2025, 6:30 PM IST

केंद्र सरकार को उम्‍मीद है कि इस बार रबी सीजन में बुवाई का कुल रकबा पिछले साल के मुकाबले ज्‍यादा रहेगा. कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी ने सोमवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि गेहूं सहित अन्‍य प्रमुख रबी फसलों की बोआई पिछले वर्ष की प्रगति से बेहतर चल रही है. उन्‍होंने कहा कि बारिश अधिक होने और कुछ इलाकों में देर से फसल कटाई के कारण जहां बोआई में थोड़ी देरी हुई, वहीं कुल मिलाकर रकबा बढ़ने की पूरी संभावना है.

कृषि सचिव चतुर्वेदी ने दिल्‍ली में एक कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों से बातचीत में कहा कि इस बार रबी की खेती पिछले वर्ष के 655.88 लाख हेक्टेयर के आंकड़े को पार कर सकती है. उनका कहना है कि सरकार की निगरानी और मौसमी स्थितियों के अनुकूल होने से बुवाई की रफ्तार पिछले साल की तुलना में बेहतर दिखाई दे रही है.

17 नवंबर तक गेहूं की इतनी बुवाई हुई

सरकारी आंकड़ों के अनुसार इस वर्ष 17 नवंबर तक देश में 66.23 लाख हेक्टेयर में गेहूं की बोआई की जा चुकी है, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह आंकड़ा 56.55 लाख हेक्टेयर था. दलहनों का रकबा भी बढ़कर 52.82 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है जो पिछले वर्ष 48.93 लाख हेक्टेयर था.

ति‍लहन फसलों का क्षेत्र भी बढ़कर 15.53 लाख हेक्टेयर हो गया है जबकि पिछले साल यह 13.50 लाख हेक्टेयर था. कुल मिलाकर सभी रबी फसलों का रकबा इस वर्ष 17 नवंबर तक 208.19 लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया है जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह 188.73 लाख हेक्टेयर था.

पराली जलाने के आंकड़े घटने पर बोले कृषि सचिव

उधर, कृषि सचिव ने पराली जलाने को लेकर भी अहम जानकारी दी. उन्होंने कहा कि दिल्‍ली-एनसीआर, पंजाब और हरियाणा में इस वर्ष पराली जलाने की घटनाओं में काफी कमी आई है. उन्‍होंने कहा कि सरकार द्वारा किसानों को मशीनरी और अन्‍य सहयोग प्रदान किए जाने से इस दिशा में सकारात्‍मक बदलाव देखने को मिल रहा है. इन-सीटू और एक्‍स-सीटू प्रबंधन के उपायों का असर जमीन पर दिखाई दे रहा है.

चतुर्वेदी ने बताया कि पिछले लगभग दस दिनों से पराली जलाने की घटनाएं नगण्य रही हैं. उन्‍होंने कहा कि सरकार लगातार प्रयास कर रही है कि किसानों को ऐसी तकनीक और सुविधाएं मिले जिनसे वे खेतों की तैयारी बिना आग लगाए कर सकें. जब उनसे अन्‍य प्रदूषण स्रोतों के बारे में पूछा गया तो चतुर्वेदी ने कहा कि इस विषय पर अन्‍य मंत्रालय बेहतर तरीके से जानकारी दे सकते हैं. उन्होंने कहा कि प्रदूषण के कई कारण हो सकते हैं, जिन पर संबंधित विभाग काम कर रहे हैं. (पीटीआई)

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