
हरियाणा की सरकार ने जौ और गेहूं की खेती करने वालों के लिए एक बड़ी राहत की खबर का ऐलान किया है. सरकार की तरफ से अब उन किसानों को इन फसलों की बीज पर सब्सिडी देने का फैसला किया है जो इसकी खेती करना चाहते हैं. सरकार का मानना है कि सब्सिडी यह पहल किसानों की उत्पादकता बढ़ाने, बेहतर किस्मों को बढ़ावा देने और मिट्टी की उर्वरता कायम रखने में मदद करेगी. राज्य सरकार के लिए जौ के बीजों के लिए सात और गेहूं के लिए आठ जिलों का चयन किया गया है.
हरियाणा सरकार की तरफ से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा और पोषण मिशन (मोटे अनाज) के तहत राज्य सरकार किसानों को जौ बीज वितरण, प्रदर्शन प्लॉट तैयार करने और पौध एवं मृदा संरक्षण प्रबंधन के लिए राज्य के सात जिलों में सब्सिडी दी जाएगी. जिन सात जिलों में किसानों को जौ के बीजों पर सब्सिडी मिलेगी उनमें पंचकूला, रोहतक, भिवानी, सिरसा, हिसार, झज्जर और चरखी दादरी शामिल हैं. जो किसान इस सब्सिडी का फायदा उठाना चाहते हैं, वो कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की वेबसाइट agriharyana.gov.in पर जाकर ऑनलाइन अप्लीकेशन की प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं.
सरकार की तरफ से बताया गया है कि किसान अपनी फसल बुआई के समय के अनुसार आवेदन जमा कर सकते हैं. ज्यादा जानकारी के लिए किसान अपने क्षेत्र के कृषि विकास अधिकारी, ब्लॉक कृषि अधिकारी, सबडिविजन उपमंडल कृषि अधिकारी या कृषि डिप्टी डायरेक्टर से संपर्क कर सकते हैं. सरकार के अनुसार इसी तरह गेहूं के बीज पर अंबाला, भिवानी, हिसार, झज्जर, मेवात, पलवल, छारखी दादरी और रोहतक जिलों के किसानों को सब्सिडी मुहैया कराई जाएगी. किसानों को बीज के अलावा गेहूं के प्रदर्शन प्लॉट और पौध एवं मृदा संरक्षण प्रबंधन के लिए भी सब्सिडी मुहैया कराई जाएगी.
सरकार का मानना है कि बेहतर क्वालिटी के बीज, मॉर्डन एग्री टेक्निक और मिट्टी के संरक्षण उपायों से फसल की पैदावार बढ़ेगी और किसानों को भी फायदा होगा. दोनों ही फसलों के लिए किसान विभाग की वेबसाइट पर कुछ आसान से चरणों में अपनी एप्लीकेशन को फाइल कर सकते हैं. साथ ही, हर जिले के कृषि विकास अधिकारी, ब्लॉक कृषि अधिकारी, उप-मंडल कृषि अधिकारी और उप कृषि निदेशक के कार्यालयों में जानकारी और सहायता उपलब्ध रहेगी.
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