
हरियाणा के यमुनानगर जिले में धान खरीद की प्रक्रिया को पारदर्शी और सुरक्षित बनाने के लिए, प्रशासन ने सभी चावल मिलों के फिजिकल इंस्पेक्शन की रफ़्तार बढ़ा दी है. जिले की 182 चावल मिलों में से अब तक 125 मिलों में इंस्पेक्शन पूरा हो चुका है. इस कैंपेन का मकसद यह पक्का करना है कि सरकार ने मिलों को जो धान दिया है, वह असल में उपलब्ध है या उसमें कोई गड़बड़ी हुई है. इससे धान की चोरी और गड़बड़ियों को रोकने में मदद मिलेगी.
प्रशासन की तरफ से शुरू की गई इस जांच में अब तक 125 मिलों की अच्छी तरह से जांच की जा चुकी है. जांच में धान और चावल के असली स्टॉक की तुलना की जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि सरकारी रिकॉर्ड और मिलों द्वारा दिए गए आंकड़े सही हैं या नहीं. बड़ी मात्रा में धान खरीदे जाने के कारण यह प्रक्रिया बहुत ज़रूरी है. इस साल 15 नवंबर तक जिले की 13 मंडियों से कुल 6,75,384 मीट्रिक टन धान खरीदा जा चुका है, जबकि पिछले साल यह 6,09,166 मीट्रिक टन था. बढ़ी हुई खरीद ने मॉनिटरिंग की ज़रूरत को और बढ़ा दिया है.
जांच के दौरान, फूड एंड सप्लाई डिपार्टमेंट और हैफेड को कुछ राइस मिलों में धान के स्टॉक में काफी कमी मिली. इस गड़बड़ी का पता चलने के बाद, नवंबर में सात राइस मिलों से जुड़े एक कपल के खिलाफ तीन FIR दर्ज की गईं. आरोप है कि सरकारी एजेंसियों से मिले धान की बड़ी मात्रा में हेराफेरी की गई. डिस्ट्रिक्ट फूड एंड सप्लाई कंट्रोलर जतिन मित्तल ने कहा कि ये FIR धान के स्टॉक में हेराफेरी के गंभीर आरोपों के आधार पर दर्ज की गई थीं और उन्होंने डिप्टी कमिश्नर से सिफारिश की है कि मिल मालिकों की प्रॉपर्टी अटैच की जाए.
निष्पक्ष और तेज़ी से जांच सुनिश्चित करने के लिए, चार अलग-अलग टीमें बनाई गई हैं. इन टीमों को दूसरे ज़िलों के अधिकारियों और कर्मचारियों की मदद दी गई है ताकि कोई चूक न हो. टीमें चावल मिलों में धान और चावल के स्टॉक के साथ-साथ पिछले स्टॉक, ट्रांसपोर्टेशन रिकॉर्ड, खरीद के दस्तावेज़ और मिलिंग से जुड़े दूसरे दस्तावेज़ों की अच्छी तरह से जांच कर रही हैं. प्रशासन का कहना है कि जांच बहुत सावधानी से की जा रही है और किसी भी गड़बड़ी को नज़रअंदाज़ नहीं किया जाएगा.
किसान नेता सतपाल कौशिक ने आरोप लगाया कि स्टॉक में मिली गड़बड़ियां एक बड़े घोटाले की ओर इशारा करती हैं. उन्होंने मांग की कि सरकार इस मामले की CBI से जांच कराए ताकि दोषियों को कड़ी सज़ा मिल सके. उन्होंने कहा कि अगर गड़बड़ियां इतनी गंभीर हैं, तो सिर्फ़ डिपार्टमेंटल जांच से उनका हल नहीं हो सकता.
यमुनानगर में राइस मिलों की यह तेज़ जांच किसानों के हित में एक ज़रूरी कदम है. इससे धान का सही रिकॉर्ड पक्का होगा, गबन रुकेगा और सरकारी खरीद प्रक्रिया पूरी तरह ट्रांसपेरेंट होगी. प्रशासन की इस सख्ती से धान खरीद और मिलिंग सिस्टम और मज़बूत होगा, जिससे किसान सुरक्षित रह सकेंगे.
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