Onion Price: जय जवान-जय किसान...अब एक और किसान ने चलाया प्याज की फसल पर ट्रैक्टर 

Onion Price: जय जवान-जय किसान...अब एक और किसान ने चलाया प्याज की फसल पर ट्रैक्टर 

इस साल बहुत नेपाल, बांग्लादेश और पाकिस्तान को एक्सपोर्ट बंद होने से कीमतें तेजी से गिर गई हैं और किसान अपनी लागत भी नहीं निकाल पा रहे हैं. मध्‍य प्रदेश के नीमच में एक प्‍याज किसान ने खेत में खड़ी फसल पर ट्रैक्‍टर चला दिया है. उन्‍होंने कहा कि खेत में जो ट्रैक्‍टर चल रहा है उसकी पूरी जिम्‍मेदारी मध्‍य प्रदेश के सीएम मोहन यादव और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की है.

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क‍िसान तक
  • New Delhi ,
  • Nov 20, 2025,
  • Updated Nov 20, 2025, 4:24 PM IST

जरा सोचिए जो किसान मेहनत करके पूरे साल खेत में बीज बोता है और फिर उन्‍हें अपने बच्‍चे की तरह बड़ा होते देखता, जब उसके लिए फसल पर ट्रैक्‍टर चलाने की नौबत आ जाए तो वह कितनी तकलीफ में होगा. देश के प्‍याज किसान इसी तकलीफ से गुजर रहे हैं. प्‍याज किसानों के लिए साल 2025 बेहद खराब रहा. कभी जो प्‍याज उन्‍हें 'राजा' बनाकर रखता था, उसने इस साल उन्‍हें 'रंक' बनाकर रख दिया. देश के प्रमुख प्‍याज उत्‍पादक राज्‍य महाराष्‍ट्र, राजस्‍थान और मध्‍य प्रदेश में किसानों को फायदा तो दूर, खेती की लागत तक निकाल पाना मुश्किल हो गया है. अब देश के अलग-अलग हिस्‍सों से किसानों के प्‍याज की खड़ी फसल पर ट्रैक्‍टर चलाने की खबरें आने का सिलसिला जारी है. अभी कुछ ही दिन पहले राजस्‍थान के अलवर में एक किसान ने प्‍याज की खड़ी फसल पर ट्रैक्‍टर चलाया तो अब मध्‍य प्रदेश के नीमच से एक वीडियो आया है. वीडियो में किसान को फसल पर ट्रैक्‍टर चलवाते हुए तो देखा जा ही सकता है लेकिन साथ ही साथ उसने जो कुछ कहा है, वह उसका दर्द बयां करने के लिए काफी है. 

किसान को सरकार ने दिया स्‍लो पॉयजन 

नीमच के किसान दृष्‍टपाल सिंह राणावत ने अपने खेत में ट्रैक्‍टर चलवा दिया है. 'भारत माता की जय' 'जय जवान जय किसान' और 'वंदे मातरम' कहते हुए वह अपने खेत में ट्रैक्‍टर चलवाते हुए देखे जा सकते हैं. एक तरफ ट्रैक्‍टर चल रहा है तो दूसरी ओर वह अपना दर्द बयां  कर रहे हैं. उन्हें कहते हुए सुना जा सकता है, 'प्‍याज के खेत में जो ट्रैक्‍टर चल रहा है उसकी पूरी जिम्‍मेदारी मध्‍य प्रदेश के सीएम मोहन यादव और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की है. वो कहते थे कि किसान की आय दोगुनी कर दी जाएगी. आय तो दोगुनी नहीं हुई लेकिन किसान को स्‍लो पॉयजन जरूर दे दिया गया है.' 

प्‍याज किसानों के साथ अन्‍याय 

उन्‍होंने कहा कि किसान के साथ इस सरकार ने काफी अन्‍याय किया है और किसान हमेशा इस सरकार को याद रखेगा. दिलचस्‍प बात है कि किसान खुद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के समर्थक हैं. जिस प्‍याज के खेत में रोटावेटर चल रहा है, उस पर किसान को डेढ़ लाख रुपये खर्च करने पड़े. उनका कहना था कि अगर किसान को समृद्ध बनाना है तो फिर प्‍याज का निर्यात शुरू करना होगा. सिर्फ बांग्‍लादेश या किसी एक देश पर निर्भरता अच्‍छी बात नहीं है. लेकिन किसान को सरकार प्‍याज पर 25 रुपये प्रति किलो का भाव तो दे चाहे वह प्‍याज को समंदर में डुबाकर कीमत अदा करे. उनका कहना था कि प्‍याज के किसान की स्थिति बहुत ही दयनीय हो चुकी है. सरकार अगर प्‍याज की उपज पर एक रुपये देती है तो किसान से 100 रुपये वसूल भी लेती है. 

अलवर में दो रुपये में बिक रहा प्‍याज 

मध्‍य प्रदेश के अलावा राजस्‍थान में भी प्‍याज के किसानों का यही हाल है. नासिक के बाद देश की दूसरी सबसे बड़ी प्‍याज मंडी अलवर में प्याज किसानों को बहुत नुकसान झेलना पड़ रहा है. इस साल बहुत नेपाल, बांग्लादेश और पाकिस्तान को एक्सपोर्ट बंद होने से कीमतें तेजी से गिर गई हैं और किसान अपनी लागत भी नहीं निकाल पा रहे हैं. एक्सपर्ट्स का अनुमान है कि इस सीजन में करीब 500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. पिछले साल प्याज का जो बिजनेस 700 करोड़ रुपये का था, वह इस साल यह घटकर 200 करोड़ रुपये पर आ गया है. अलवर से प्याज देश-विदेश में सप्लाई होता है. बीते सालों में किसानों को प्याज के बेहतर दाम मिल रहे थे. इसलिए ज्यादा से ज्यादा किसानों ने प्याज की फसल की बुवाई की. लेकिन इस साल किसानों को प्याज के दाम नहीं मिल रहे हैं. मंडी में प्याज 2 से 6 रुपए किलो के हिसाब से बिक रही है. ऐसे में किसानों की लागत भी नहीं निकल पा रही है.

महाराष्‍ट्र में MSP की मांग तेज 

महाराष्‍ट्र में प्‍याज के किसानों का हाल भी कुछ ऐसा ही है. यहां की कई मंडियों में प्‍याज के दाम 1 रुपये प्रति किलो यानी 100 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं. वहीं, औसत और मॉडल कीमतें 10 रुपये प्रति किलोग्राम से भी काफी कम हैं. उन्‍हें 1000 रुपये प्रति क्विंटल का दाम मिलना भी मुश्‍किल हो गया है, जिससे भारी घाटा हो रहा है. महाराष्‍ट्र प्याज उत्पादक संगठन के संस्थापक अध्यक्ष भारत दिघोले का कहना है कि प्याज को एमएसपी के दायरे में लाकर इसका दाम कम से कम 30 रुपये फिक्स करना चाहिए.

वहीं प्‍याज किसानों का कहना है कि प्रति क्विंटल प्‍याज उगाने में करीब 2200-2500 रुपये की लागत आती है. यानी 22-25 रुपये 1 किलो प्‍याज की लागत. ऐसे में 1-2 रुपये से लेकर 8-10 रुपये किलो के भाव में प्‍याज बेचने पर उन्‍हें भारी घाटे का सामना करना पड़ता है. नासिक, जिसे भारत की'प्याज राजधानी' कहा जाता है और जो एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी है, अब भी अनियमित मौसम, उतार-चढ़ाव वाली निर्यात नीतियों और अस्थिर दामों जैसी चुनौतियों से जूझ रहा है. यहां पर किसानों ने प्याज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की मांग तेज कर दी है.

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