किसान आंदोलन शुरू होने के साथ ही इस समय एमएसपी फिर चर्चा में आ गया है. किसानों की एक मांग यह भी है कि एमएसपी की गारंटी मिले और साथ ही सी2 प्लस 50 प्रतिशत के फार्मूले पर इसका रेट तय हो. एमएसपी तय करने वाले कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (CACP) के एक आंकड़े के अनुसार देश के दो राज्यों मध्य प्रदेश और पंजाब में गेहूं की जो लागत आती है उसके मुकाबले जो इस साल अप्रैल में जो एमएसपी मिलेगी वो सी2 प्लस 50 प्रतिशत के फार्मूले से ज्यादा है. इस फार्मूले के अनुसार संपूर्ण लागत पर 50 फीसदी लाभ तय करके एमएसपी घोषित करने की मांग की जाती है. दोनों राज्य मिलकर भारत के गेहूं उत्पादन का लगभग 35 प्रतिशत पैदा करते हैं. रबी विपणन सीजन (2023-24) में केंद्रीय पूल के लिए की गई कुल खरीद में 70 प्रतिशत से अधिक का योगदान इन्हीं दोनों सूबों ने किया था.
रबी मार्केटिंग सीजन (RMS) 2024-25 के लिए गेहूं की एमएसपी 2,275 रुपये प्रति क्विंटल है. कृषि लागत और मूल्य आयोग के आंकड़ों के मुताबिक इन दोनों सूबों में इतना एमएसपी सी2 प्लस 50 प्रतिशत फार्मूले से अधिक है. किसान सी2 प्लस 50 प्रतिशत के आधार पर ही एमएसपी तय करने की मांग कर रहे हैं. यानी संपूर्ण लागत पर. हालांकि सीएसीपी A2+FL फॉर्मूले के आधार पर एमएसपी की सिफारिश करता है और सरकार उसी पर इसकी घोषणा भी करती है. सरकार जिस फार्मूले पर एमएसपी तय कर रही है उसमें संपूर्ण लागत नहीं जोड़ी जाती.
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सीएसीपी ने पंजाब के लिए गेहूं के उत्पादन की सी2 लागत 1,503 रुपये प्रति क्विंटल आंकी है. इस लागत के मुकाबले, किसानों को 2,275 रुपये प्रति क्विंटल का एमएसपी मिलेगा. यानी 772 रुपये प्रति क्विंटल या 51.36 प्रतिशत का रिटर्न. वर्तमान में चल रहे किसान आंदोलन में मुख्य तौर पर पंजाब के ही किसान शामिल हैं.
इसी तरह धान के लिए पंजाब के किसानों को C2 लागत पर रिटर्न 49 प्रतिशत और A2+FL पर 152 प्रतिशत था. सीएसीपी की रिपोर्ट के अनुसार, खरीफ विपणन सीजन 2023-24 के दौरान पंजाब में धान के लिए अनुमानित A2+FL लागत 864 रुपये प्रति क्विंटल और C2 लागत 1,462 रुपये प्रति क्विंटल आंकी गई थी. जब इसकी तुलना एमएसपी 2,183 रुपये प्रति क्विंटल से की जाती है, तो ए2+एफएल पर रिटर्न 152.66 प्रतिशत और सी2 लागत पर 49.32 प्रतिशत आता है.
पंजाब में अधिक रिटर्न का एक कारण अधिक उपज भी है. रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में धान की उपज 69.84 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होने का अनुमान लगाया गया था, जबकि देश की उपज 43.66 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है. रबी मार्केटिंग सीजन 2023-24 के लिए पंजाब की अनुमानित गेहूं उपज 49.98 क्विंटल प्रति हेक्टेयर थी, जो देश में सबसे अधिक है. देश के कुल गेहूं उत्पादन में पंजाब की हिस्सेदारी 15 फीसदी है और यह यूपी और मध्य प्रदेश के बाद तीसरे स्थान पर है.
सिर्फ दो राज्यों मध्य प्रदेश और पंजाब की लागत के आधार पर देखा जाए तो 2275 रुपये की गेहूं की एमएसपी सी2 प्लस 50 प्रतिशत के फार्मूले से ज्यादा है. लेकिन यहां यह भी सोचने और देखने वाली बात है कि सरकार राज्यों की लागत के आधार पर एमएसपी नहीं तय करती. बल्कि राज्यों की सिफारिशों को हाशिए पर रखकर औसत लागत निकालकर A2+FL फॉर्मूले के आधार पर एमएसपी देती है.
देश में औसत सी-2 लागत 1652 रुपये प्रति क्विंटल है. इस आधार पर अगर सी2 प्लस 50 प्रतिशत के फार्मूले से एमएसपी तय हो तो गेहूं का सरकारी दाम 2478 रुपये प्रति क्विंटल होगा. जबकि सरकार ने 2275 रुपये की एमएसपी तय की है. यानी सी2 के मुकाबले 203 रुपये कम है.
गेहूं की सबसे ज्यादा लागत महाराष्ट्र में आती है. यहां पर सी-2 लागत 2735 रुपये प्रति क्विंटल है. ऐसे में अगर पंजाब की तर्ज पर महाराष्ट्र में सी-2 आधार पर दाम की बात करें तो एमएसपी 4102.5 रुपये प्रति क्विंटल देनी होगी. सरकार राज्यों की औसत लागत के आधार पर A2+FL फार्मूले से एमएसपी देती है. महाराष्ट्र में गेहूं की A2+FL लागत 2195 रुपये प्रति क्विंटल है. अगर राज्यों की अपनी लागत के आधार पर एमएसपी दी जाए तो महाराष्ट्र में गेहूं की एमएसपी 3292.5 रुपये प्रति क्विंटल होगी.
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