Farmers Protest: केंद्र के तीन मंत्र‍ियों और क‍िसान संगठनों के बीच हुई बैठक में क्या हुआ, अब क‍िसानों का ये है प्लान

Farmers Protest: केंद्र के तीन मंत्र‍ियों और क‍िसान संगठनों के बीच हुई बैठक में क्या हुआ, अब क‍िसानों का ये है प्लान

Dilli Chalo: क‍िसान संगठनों ने गृह राज्य मंत्री से की हर‍ियाणा सरकार की श‍िकायत. कहा क‍ि केंद्र सरकार हमसे बातचीत करना चाहती है ले‍क‍िन हर‍ियाणा सरकार क‍िसानों को परेशान कर रही है. लोगों को नोट‍िस भेज रही है. उनको खाते सीज करने की धमक‍ियां दी जा रही हैं. पेट्रोल पंप माल‍िकों को कहा जा रहा है क‍ि अगर क‍िसानों के ट्रैक्टरों को तेल द‍िया तो पंप सीज कर देंगे. 

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Farmers Protest: केंद्र के तीन मंत्र‍ियों और क‍िसान संगठनों के बीच हुई बैठक में क्या हुआ, अब क‍िसानों का ये है प्लानबातचीत से नहीं बनी बात, द‍िल्ली आने को तैयार हैं क‍िसान (File Photo).

लोकसभा चुनाव से ठीक पहले क‍िसान संगठनों के द‍िल्ली कूच करने के प्लान ने केंद्र सरकार की च‍िंता बढ़ा दी है. क‍िसान आंदोलन न होने देने की मंशा ल‍िए तीन वर‍िष्ठ मंत्र‍ी अर्जुन मुंडा, पीयूष गोयल और नित्यानंद राय चंडीगढ़ पहुंचे. जहां पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी मौजूद रहे. इन लोगों ने संयुक्त किसान मोर्चा (अराजनैतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के पदाध‍िकार‍ियों से बातचीत की. ज‍िसमें क‍िसानों ने साफ कर द‍िया है क‍ि वो 13 फरवरी को द‍िल्ली आएंगे. इस प्लान में कोई बदलाव नहीं है.  दूसरी तरफ इन मंत्र‍ियों के जर‍िए सरकार ने कहा है क‍ि वो बातचीत जारी रखना चाहती है. क‍िसान संगठन आंदोलन के साथ बातचीत जारी रखना चाहते हैं. क‍िसान हर‍ियाणा और पंजाब में ट्रैक्टर मार्च की र‍िहर्सल कर रहे हैं. 

क‍िसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने बताया क‍ि 13 फरवरी को द‍िल्ली कूच करने के पीछे हमारी 12 मांग हैं. एक-एक मांग पर मंत्र‍ियों के साथ व‍िस्तार से चर्चा हुई. हमने तथ्यों के साथ मांग रखी है. संगठनों ने स्पष्ट क‍िया क‍ि क‍िसान टेबल पर बातचीत करने में भी मजबूत है. सड़क पर आंदोलन में भी मजबूत हैं और अपने खेत में फसल उगाने में भी मजबूत हैं. इसके बाद मंत्र‍ियों ने कहा क‍ि ये बहुत गंभीर मुद्दे हैं. इन तथ्यों की जांच-पड़ताल करने और अन्य मंत्र‍ालयों से बातचीत करने के ल‍िए हमें थोड़ा समय चाह‍िए. 

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आंदोलन और बातचीत साथ-साथ चलेगी

इस पर संगठन ने कहा क‍ि जो मंत्री हमने बातचीत करने के ल‍िए आए हैं वो समय ले सकते हैं. बातचीत के दरवाजे अभी भी खुले हैं. हमारी तरफ से भी खुले हैं और सरकार ने भी कहा क‍ि हम बातचीत जारी रखना चाहते हैं. लेक‍िन एक बात स्पष्ट है क‍ि 13 फरवरी का द‍िल्ली कूच का प्लान पहले की तरह ही रहेगा. क‍िसान इसकी तैयारी मजबूत रखें और चलें. अगर आगे सरकार न्योता देगी तो हम बातचीत के ल‍िए तैयार हैं. 

13 फरवरी की 12 मांगें 

  • पूरे देश के किसानों के लिए सभी फसलों की एमएसपी पर खरीद की गारंटी का कानून बनाया जाए और डॉ. स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार फसलों के भाव तय किए जाएं. 
  • किसानों और मजदूरों की कर्ज़मुक्ति की जाए. 
  • भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को पूरे देश में फ‍िर से लागू किया जाए. भूमि अधिग्रहण से पहले किसानों की लिखित सहमति एवं कलेक्टर रेट से 4 गुणा मुआवज़ा देने के प्रावधान लागू किए जाएं. 
  • लखीमपुर खीरी नरसंहार के दोषियों को सज़ा एवं पीड़ित किसानों को न्याय दिया जाए. 
  • भारत विश्व व्यापार संगठन से बाहर आए एवं सभी मुक्त व्यापार समझौतों पर रोक लगाई जाए. 
  • किसानों और खेत मजदूरों को पेंशन दी जाए. 
  • दिल्ली आंदोलन के दौरान शहीद हुए किसानों को मुआवजा एवं परिवार के एक-एक सदस्य को नौकरी दी जाए. 
  • विद्युत संशोधन विधेयक 2020 को रद्द किया जाए. 
  • मनरेगा के तहत प्रति वर्ष 200 दिन का रोजगार, 700 रुपये का मजदूरी भत्ता दिया जाए. मनरेगा को खेती के साथ जोड़ा जाए. 
  • नकली बीज, कीटनाशक दवाइयां एवं खाद बनाने वाली कंपनियों पर सख्त दंड और जुर्माना लगाने के प्रावधान क‍िए जाएं. बीजों की गुणवत्ता में सुधार किए जाएं. 
  • मिर्च, हल्दी एवम अन्य मसालों के लिए राष्ट्रीय आयोग का गठन किया जाए.
  • संविधान की 5 सूची को लागू किया जाए एवं जल, जंगल, जमीन पर आदिवासियों के अधिकार सुनिश्चित कर के कंपन‍ियों द्वारा आदिवासियों की ज़मीन की लूट बंद की जाए. 

हर‍ियाणा सरकार की शिकायत 

कोहाड़ ने बताया क‍ि संगठन ने गृह राज्य मंत्री न‍ित्यानंद राय को हर‍ियाणा सरकार की श‍िकायत की है. हमने कहा है क‍ि एक तरफ केंद्र के मंत्री कह रहे हैं क‍ि हम सकारात्मक माहौल में बातचीत जारी रखना चाहते हैं तो दूसरी ओर हर‍ियाणा सरकार क‍िसानों को परेशान कर रही है. लोगों को नोट‍िस भेज रही है. जमीन कुर्की के नोट‍िस भेजे जा रहे हैं. उनको खाते सीज करने की धमक‍ियां दी जा रही हैं. पेट्रोल पंप माल‍िकों को कहा जा रहा है क‍ि अगर क‍िसानों के ट्रैक्टरों को तेल द‍िया तो पंप सीज कर देंगे. हमने उन्हें कहा है क‍ि दोनों चीजें एक साथ नहीं चल सकतीं. तानाशाही और सौहार्दपूर्ण माहौल एक साथ नहीं चल सकते. राय ने इस पर संज्ञान लेने का भरोसा द‍िलाया है.  

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