Chinese Raisins: चीन की किशमिश से हो रहा बड़ा नुकसान! किसानों ने की सरकार से यह बड़ी मांग

Chinese Raisins: चीन की किशमिश से हो रहा बड़ा नुकसान! किसानों ने की सरकार से यह बड़ी मांग

Chinese Raisins: चीन के अलावा इराक से भी किशमिश गैर-कानूनी तरीके से भारत में लाई जा रही है. एसोसिएशन के वाइस प्रेसीडेंट मारुति चव्‍हाण ने कहा है कि केंद्र को इस तरफ ध्‍यान देने की जरूरत है. अफगानिस्‍तान से आने वाली किशमिश पर किसी तरह का कोई टैक्‍स नहीं लगता है. किसानों ने मांग की है इस जगह से आ रहे इस मेवे पर टैक्‍स लगाया जाए ताकि कीमतों पर थोड़ा नियंत्रण हो. म

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क‍िसान तक
  • New Delhi ,
  • Aug 11, 2025,
  • Updated Aug 11, 2025, 2:00 PM IST

महाराष्‍ट्र में चीन से आने वाली किशमिश के आयात ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. यहां के अलग-अलग बाजारों में चीनी किशमिश की खेप ने देशी किशमिश को पीछे छोड़ दिया है. भारत में उगने वाली किशमिश की कीमतें जो 20 दिन पहले 60 रुपये प्रति किलो पर थीं, अब 30 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गई हैं. इसकी वजह से किसानों के सामने बड़ा संकट पैदा हो गया है. किसानों ने सरकार से इसका हल निकालने की अपील की है. 

पांच हजार टन खेप गैर-कानूनी ! 

ग्रेप ग्रोअर्स एसोसिएशन ने अनुमान लगाया है कि इस समय जो खेप आ रही है, अगले 15 दिनों में उसमें और इजाफा होगा. इस बात का भी डर है कि अगर वर्तमान समय में आयात नहीं रुका तो फिर कीमतें और गिर सकती हैं. इससे पहले यह अनुमान लगाया गया था कि कीमतें स्थिर रहेंगी क्‍योंकि तब अंदाजा नहीं था कि चीन से कितनी मात्रा में किशमिश की खेप भारत पहुंच रही है. ऐसे में कीमतों को लेकर जो अनुमान लगाया गया, वह भी पूरी तरह से गलत साबित हो गया. 

पिछले पांच दिनों से चीनी किशमिश का आयात तेजी से बढ़ा है. ग्रेप गोअर्स एसोसिएशन के अनुसार अभी सिर्फ 175 टन किशमिश को ही कानूनी तरीके से आयात किया गया है. इस स्थिति में यह सवाल भी उठता है कि आखिर देसी उपज की कीमतें क्‍यों गिर रहर हैं? ऐसा माना जा रहा है कि चीन ने पांच हजार टन किशमिश को गैर-कानूनी तरीके से आयात करके भारत लाया गया है. यही खेप मुंबई के अलावा राज्‍य के दूसरे हिस्‍सों में बिक रही है.  

सरकार लगाए इंपोर्ट ड्यूटी 

विशेषज्ञों की मानें तो चीन के अलावा इराक से भी किशमिश गैर-कानूनी तरीके से भारत में लाई जा रही है. एसोसिएशन के वाइस प्रेसीडेंट मारुति चव्‍हाण ने कहा है कि केंद्र को इस तरफ ध्‍यान देने की जरूरत है. अफगानिस्‍तान से आने वाली किशमिश पर किसी तरह का कोई टैक्‍स नहीं लगता है. किसानों ने मांग की है इस जगह से आ रहे इस मेवे पर टैक्‍स लगाया जाए ताकि कीमतों पर थोड़ा नियंत्रण हो. महाराष्‍ट्र में सांगली जिले में सबसे ज्‍यादा किशमिश का उत्‍पादन होता है. इसके बाद सोलापुर का नंबर आता है. 

पवार ने लिखी थी चिट्ठी 

जुलाई के महीने में महाराष्‍ट्र के उप मुख्‍यमंत्री अजित पवार ने केंद्र सरकार को एक चिट्ठी लिखी थी. इसमें उन्‍होंने मांग की थी कि किशमिश के दामों को स्थिर रखने और किसानों को आर्थिक नुकसान से बचाने के लिए तुरंत 'चीनी किशमिश' के आयात पर रोक लगाई जाए. डिप्‍टी सीएम की तरफ से यह चिट्ठी केंद्रीय कृषि शिवराज सिंह के नाम पर लिखी गई थी.

पवार की इस चिट्ठी में खराब क्‍वालिटी की किशमिश के गैर-कानूनी आयात का जिक्र किया जा चुका है. डिप्‍टी सीएम पवार ने भी यही बताया था कि चीन से खराब क्‍वालिटी की किशमिश का आयात तेजी से बढ़ा है. टैक्‍स अदा किए बगैर चीन से भारी मात्रा में किशमिश भारत में लाई जा रही है. इसकी वजह से जहां सरकार को राजस्‍व में घाटा हो रहा है तो वहीं किसानों को भी आर्थिक नुकसान झेलने को मजबूर होना पड़ रहा है.  

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