ऐसे करें ड्रैगन फ्रूट की खेती, कम उपजाऊ जमीन में भी मिलेगी अच्छी पैदावार

ऐसे करें ड्रैगन फ्रूट की खेती, कम उपजाऊ जमीन में भी मिलेगी अच्छी पैदावार

ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए तापमान का ध्यान रखना बहुत जरूरी है. इसकी खेती 20 से 30 डिग्री के बीच अच्छी मानी जाती है. अगर तापमान अधिक हो तो पॉलीहाउस लगाकर भी खेती कर सकते हैं. राजस्थान में इस तरह की खेती सफल देखी जा रही है. बलुई दोमट मिट्टी में इसकी खेती अच्छी देखी जाती है.

ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए तापमान का ध्यान रखना जरूरी है (फोटो-Unsplash)ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए तापमान का ध्यान रखना जरूरी है (फोटो-Unsplash)
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Dec 21, 2022,
  • Updated Dec 21, 2022, 7:31 PM IST

ड्रैगन फ्रूट की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है. पहले इक्के-दुक्के किसान इस फल की खेती करते थे. लेकिन अब इसके मुनाफे को देखते हुए किसान अधिक से अधिक दिलचस्पी ले रहे हैं. देश के कई राज्यों में इसकी खेती लगातार बढ़ रही है. पहले किसानों को इसकी खेती की जानकारी कम थी. इस वजह से भी ड्रैगन फ्रूट लगाने में हिचक देखी जाती थी. अब चूंकि सरकार भी इसमें प्रोत्साहन दे रही है. इसलिए देश के कई हिस्सों में इसकी खेती में तेजी देखने को मिल रही है. इसकी खेती ऐसी है जिसमें कम लागत में अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है.

इस बारे में कृषि विज्ञान केंद्र, जलपाईगुड़ी, पश्चिम बंगाल के वैज्ञानिक डॉ. बिप्लब दास 'डीडी किसान' से कहते हैं, जिन क्षेत्रों में तापमान न ज्यादा हो या कम, यानी कि बीच-बीच के तापमान वाले इलाके में ड्रैगन फ्रूट की खेती अच्छी होती है. इसके लिए बरसात का भी ध्यान रखना होता है. जिन क्षेत्रों में 500 मिमी से 2000 मिमी तक बारिश होती है, वहां ड्रैगन फ्रूट उगाना फायदे का सौदा साबित होगा. इतने रेंज की बरसात ड्रैगन फ्रूट के पौधे को बढ़ने और सही फल आने में मदद करेगी. इसके लिए तापमान 20 से 30 डिग्री उपयुक्त माना जाता है. इसकी रोपाई के लिए फरवरी से मई महीने को सबसे अच्छा माना जाता है. क्षेत्र का तापमान अधिक जा रहा हो तो पॉलीहाउस लगाकर ड्रैगन फ्रूट की खेती कर सकते हैं.

खेती के लिए खास बात

ड्रैगन फ्रूट के साथ सबसे खास बात ये है कि इसे कम उपजाऊ जमीन में भी रोप सकते हैं और अच्छी पैदावार ले सकते हैं. इसके पौधे अप्रैल-जुलाई में रोपे जाते हैं. किसान इसकी पौध को अपने जिले के कृषि केंद्र से खरीद सकते हैं. आत्मा योजना के अंतर्गत इस फसल को बढ़ावा देने के लिए किसानों को ड्रैगन फ्रूट की पौध वितरित की जाती है. किसान इस योजना का लाभ लेकर ड्रैगन फ्रूट की खेती कर सकते हैं.

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हालांकि व्यावसायिक स्तर पर ड्रैगन फ्रूट की खेती करनी है, तो पहले अपने क्षेत्र के जलवायु की टेस्टिंग करनी होगी. इसके लिए ड्रैगन फ्रूट के पौधे लगाकर दो साल तक उसकी बढ़वार और पैदावार देखनी होगी. अगर पैदावार अच्छी मिले तो ड्रैगन फ्रूट को व्यावसायिक तौर पर लगा सकते हैं.

कैसे करें ड्रैगन फ्रूट की खेती

किसी तरह की मिट्टी में ड्रैगन फ्रूट उगाया जा सकता है. लेकिन बलुई दोमट मिट्टी इसके लिए सबसे अच्छी मानी जाती है. इसकी खेती के लिए गड्ढे खोदकर कंक्रीट के बने खंभे गाड़े जाते हैं. दो खंभों के बीच की दूरी लगभग 5 हाथ होनी चाहिए. इसके बाद खंभे से सटाकर चार पौधे रोप दिए जाते हैं. रोपाई के समय ही पौधे में हल्का पानी दे दिया जाता है. फिर ड्रिप सिंचाई पद्धति से समय-समय पर पौधों को पानी दिया जाता है.

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पौधों में हर महीने गोबर का खाद डालना अच्छा रहता है. किसान चाहें तो रासायनिक खाद भी इस्तेमाल कर सकते हैं. अच्छी पैदावार चाहिए तो पौधे के आसपास उगे खरपतवार को हटाते रहना चाहिए. लगभग 8 महीने बाद पौधे खंभे के बराबर हो जाते हैं. 16 महीने बाद पौधों पर छोटे फल आने शुरू हो जाते हैं. हालांकि पहले कलियां आती हैं जिसके बाद फल दिखने लगते हैं. 18 महीने बाद फल का रंग पूरी तरह से गुलाबी हो जाता है जिसे तोड़ लेना चाहिए. अब यह फल बिक्री के लिए तैयार है.

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