जलवायु परिवर्तन यानी Climate Change की वजह से फसलों खराब होने के मामले पिछले कुछ समय से सामने आ रहे हैं. लेकिन, सच ये है कि जलवायु परिवर्तन का असर सिर्फ फसलों तक ही सीमित नहीं है. जलवायु परिवर्तन फसलों के साथ ही आम लोगों को बीमार बना रहा है. जबकि बीते महीनों देश के अधिकांश हिस्से में मवेशियों के लंपी स्कीन डिजीज से संक्रमित होने के पीछे का कारण भी जलवायु परिवर्तन है. केंद्र सरकार ने बुधवार को लोकसभा में एक सवाल के जवाब में ये जानकारी दी है.
शीतकाली सत्र के दौरान बुधवार को लोकसभा सांसद रतन लाल कटारिया ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को लेकर सवाल पूछा था. उन्होंने सवाल पूछा कि क्या जलवायु परिवर्तन से नए प्रकार के रोग उत्पन्न हो रहे हैं जो मनुष्यों और पशुओं के साथ-साथ फसलों के स्वास्थ्य को ज्यादा प्रभावित कर रहे हैं? इस पर केंद्रीय कृषि मंत्री ने लिखित जवाब दिया है.
केंद्रीय कृषि मंत्री ने बताया है कि जलवायु परिवर्तन का मनुष्यों और पशुओं के साथ-साथ फसलों के स्वास्थ्य पर भी पड़ रहा है. वहीं, जलवायु परिवर्तन और मानव स्वास्थ्य पर राष्ट्रीय कार्य योजना के तहत मनुष्यों में कुछ जलवायु से संबंधित बीमारियों कि पहचान की गई है, जैसे- वायु प्रदूषण से जुड़ी बीमारी, वेक्टर जनित बीमारियां और पानी से जुड़ीं बीमारियां.
केंद्रीय मंत्री के मुताबिक, पशुओं से संबंधित रोगों का फैलाव भी जलवायु परिवर्तन से प्रभावित होता है. इसके अलावा, आईसीएआर विभिन्न फसलों और बदलती जलवायु के तहत बीमारियों और कीट-नाशीजीव के प्रभावों का अध्ययन कर रहा है. जलवायु परिस्थितियां कुछ बीमारियों के प्रकोप को प्रभावित करती हैं जैसे- लंपी त्वचा रोग (एलएसडी), एवियन इन्फ्लूएंजा, अफ्रीकी स्वाइन बुखार (जीआईपी) और एन्थ्रेक्स आदि.
वहीं, खेत की फसलों में मूंगफली में अल्टरनेरिया ब्लाइट; चावल में विस्फोट रोग, शीट विगलन एवं तुषार पाला रोग; चने में सूखी जड़ सड़न; सरसों और सब्जियों में तना सड़न; मिर्च में थ्रिप्स और विभिन्न फसलों में सफेद मक्खी का जलवायु में परिवर्तन से सीधा संबंध था.
इसी तरह समुन्द्र की सतह के तापमान में वृद्धि का प्रभाव मछली के प्राकृतिक आवास, ऋतुजैविक (फेनोलॉजी) में परिवर्तन, ट्रोफोडयनामिक्स, मछ्ली प्रजातियों की प्रचुरता व पकड़ने के साथ-साथ मछलियों के वितरण और ब्रीडिंग के दौरान मौसम में बदलाव देखा गया.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today