देश की राजनीति में इन दिनों कई मुद्दे प्रांसगिक हैं. जिसमें सरकारी कर्मचारियों के संगठन पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने की मांग कर रहे हैं. तो वहीं कई राज्यों में पुरानी पेंशन स्कीम को लागू भी कर दिया है. इस बीच संसद सदस्यों और विधायकों का वेतन कम करने और पेंशन में कटौती करने की मांग भी देशभर में होने लगी है. इस बीच देश की संसद में किसान परिवारों की आय पर चर्चा हुई है. लोकसभा में देश के किसान परिवारों की आय से जुड़े सवाल का जवाब केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने दिया है. जिसका मजमून ये निकल कर आया है कि देश का एक किसान परिवार (परिवार में कई चार सदस्य शामिल हाे सकते हैं ) दिल्ली में काम करने वाले एक मजदूर से 50 फीसदी कम ही कमा पाता है.
सदन के शीतकालीन सत्र के दौरान बुधवार को लोकसभा में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने संसद सदस्यों ने देश में कृषि क्षेत्र में लगी लोगों की आय से संबंधित सवाल पूछे थे. जिसका लिखित जवाब केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने दिया है. कृषि मंत्री ने 2018-19 में कराए गए कृषि परिवारों का आंकलन सर्वेक्षण का हवाला देते हुए बताया कि देश के प्रत्येक किसान परिवारों की औसत आय 10218 रुपये मासिक है.
वहीं दिल्ली की बात करें तो दिल्ली में एक कुशल श्रमिक का मासिक वेतन 20357 रुपये है. असल में दिल्ली सरकार ने बीते दिनों न्यूनतम वेतन में संशाेधन किया था. जिसके तहत अकुशल मजदूरों का मासिक वेतन को 16506 रुपये से बढ़ाकर 16792 रुपये कर दिया गया था. वहीं कुशल श्रमिकों का मासिक वेतन 20019 रुपये से बढ़ाकर 20357 रुपये तय किया था. जबकि अर्ध कुशल श्रमिकों का मासिक वेतन भी 18187 रुपये से 18499 रुपये तय किया गया था.
देश के किसानों की आय का मुद्दा इन दिनों राजनीतिक दलों के बीच चर्चाओं में है. असल में केंद्र सरकार ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य निर्धारित किया था. हालांकि किसानों की आय में अभी तक कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है. वहीं केंद्र सरकार किसानों की आय में बढ़ाेतरी करने के लिए कई योजनाओं पर काम कर रहा है. इस बीच देशभर के किसान संगठन फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) गांरटी कानून बनाने की मांग को लेकर आंदोलित हैं. जिसके तहत किसान संगठन अलग-अलग मंच पर आंदोलन कर चुके है. सरकार का मानना है कि MSP गांरटी कानून बनने से किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी.
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