हनुमानगढ़ में बीते कुछ दिनों से किसानों में भारी रोष है. वजह है उन्हें धान की बिजाई के लिए सिंचाई का पर्याप्त पानी नहीं मिलना. बीते दो दिनों से किसान कलेक्ट्रेट का घेराव किए हुए हैं. वे सरहिंद फीडर के जरिए भाखड़ा से 1250 क्यूसेक पानी देने की मांग कर रहे हैं. किसानों की मांग है कि जब तक इंदिरा गांधी नहर बंद है तब तक उन्हें यहां से पानी मुहैया कराया जाए. लेकिन प्रशासन ने शुरूआती बातचीत के बाद पूरा पानी नहीं छोड़ा.
किसानों का आरोप है कि हमारे हक का ही 850 क्यूसेक पानी इस फीडर में है, लेकिन हमें 250 क्यूसेक पानी ही दिया जा रहा है जबकि बिजाई के लिए हमें 1250 क्यूसेक पानी की जरूरत है. इसी मांग को लेकर तीन दिन से हजारों किसान कलेक्ट्रेट के सामने प्रदर्शन कर रहे हैं.
किसानों ने नौ मई को पूरा पानी नहीं देने के विरोध में नगराना टोल प्लाजा पर चक्का जाम किया था. इससे पहले भी किसानों ने सिंचाई विभाग के दफ्तर के सामने एक दिन का प्रदर्शन किया था. प्रशासन ने इस प्रदर्शन के बाद किसानों को 850 क्यूसेक पानी देने का आश्वासन दिया.
साथ ही कहा कि किसानों को 1250 क्यूसेक पानी देने की पूरी कोशिश की जाएगी. लेकिन तीन दिन बाद ही किसान फिर से सड़क पर आ गए. इनका आरोप है कि 850 क्यूसेक का आश्वासन देकर प्रशासन सिर्फ 250 क्यूसेक पानी ही दे रहा है जो कि नाकाफी है. इसीलिए अब किसानों ने कलेक्टर दफ्तर के सामने अपनी मांगों के लिए घेराव शुरू किया है.
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ग्रामीण किसान-मजदूर समिति के रणजीत सिंह ने किसान तक को बताया, “हनुमानगढ़ को सिंचाई के लिए पानी इंदिरा गांधी नहर से मिलता है, लेकिन इसमें 30 जून तक बंदी है. ऐसे में हमें नरमा बिजाई के लिए पानी की जरूरत है. आईजीएनपी से पहले सरहिंद नहर के जरिए हमें पानी मिलता था.
हम किसान कुछ दिनों के लिए इस नहर से पानी की मांग कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन का कहना है कि इससे पंजाब की जरूरत ही पूरी होती है. पंजाब में सरकारी आदेश है कि वहां 15 जून से पहले धान की बुवाई नहीं होती. इसीलिए हमारी मांग है कि 15 जून तक सरहिंद नहर में आ रहे पानी को हमें बिजाई के लिए उपलब्ध कराया जाए.
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रणजीत जोड़ते हैं, “भाखड़ा में पेयजल के लिए 400 क्यूसेक पानी की सप्लाई की जा रही है. इसीलिए अब सभी जगह पानी का भंडारण हो चुका है. ऐसे में किसानों को बिजाई के लिए पानी की जरूरत है. इसीलिए आरडी 496 पर बनाए गए पौंड लेवल को तोड़कर कटाव पाटने की तैयारी शुरू की जाए. साथ ही किसानों को 850 क्यूसेक की जगह 1200 क्यूसेक पानी देना शुरू किया जाए. ये पानी गुरूवार यानी चार मई से देना शुरू किया जाए.”
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